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Wednesday 1 August 2018 12:38:12 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार और जैन मिलन एवं जैन समाज की ओर से रविवार को अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान गोमतीनगर में वीर शासन जयंती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं मंगलाचरण से हुआ। महावीर वंदना के साथ अजय जैन कागजी द्वारा प्रदत्त जैन गौरव पंडित दौलतराम एवं वीरचंद राघवजी गांधी के चित्रों का विशिष्ट अतिथि वीर नरेंद्र जैन राजकमलने अनावरण किया। कार्यक्रम में संजय जैन को सम्मानित किया गया, साथ ही जैन समाज के 37 मेधावी बच्चों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ योगेश चंद्र जैन ने कहा कि तीर्थंकर महावीर लिच्छिव वंश के राजकुमार थे, परंतु वह शासक नहीं थे, फिर भी उन्होंने अहिंसा, स्याद्वाद और अनेकांत एवं सर्वोदयी सिद्धांत का उद्घोष कर जन-जन के कल्याण का शासन स्थापित किया। उन्होंने कहा कि शासक का कार्यकाल तो कुछ वर्षों का होता है, परंतु सद्गुणों को पोषित करने वाले सिद्धांतों का शासन युगों तक रहता है। उन्होंने कहा कि महावीर की सिद्धांत सत्ता ही वीर शासन है। उन्होंने कहा कि महावीर का प्रथम दिव्य उपदेश श्रावण कृष्ण प्रतिपदा को हुआ था, तब से यह विशेष दिन वीर शासन जयंती से विख्यात है।
कार्यक्रम के समन्वय संयोजक प्रोफेसर डॉ अभय कुमार जैन ने वीर शासन जयंती पर्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ के काल से ही जैनम् जयतु शासनम् की प्रभावना रही है। उन्होंने कहा कि अंतिम तीर्थंकर महावीर की दिव्य देशना के बाद वर्तमान काल वीर शासन काल से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रथम दिव्य देशना में अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह एवं ब्रह्मचर्य, अनेकांत, स्याद्वाद आदि सिद्धांतों को प्रतिपादित कर मानव को मानवीय दिशा में अग्रसर होने की प्रेरणा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि वीर शासन जयंती पर्व की सार्थकता तभी होगी, जब हमसब मिलकर दिशा भ्रमित मानवता को सही दिशा प्रदान करने में समर्थ होंगे।
भारतीय जैन मिलन के कार्यवाहक अध्यक्ष अजय जैन ने कहा कि यदि महावीर के सूत्र जियो और जीने दो को पूरा विश्व अपना ले तो यह विश्वशांति की दिशा में बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा कि अतिवाद, क्षेत्रवाद को भूलकर मानवसेवा की ओर अग्रसर होना चाहिए। इस मौके पर नरेंद्र जैन राजकमल महामंत्री (संगठन ) भारतीय जैन मिलन ने कहा कि भाजैमि धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में तत्पर रहने वाली ऐसी संस्था है, जिसमें महावीर की करुणा एवं समरसता का प्रचार एवं प्रसार किया जा रहा है। कार्यक्रम में विशाल जैन, अजय कुमार अग्रवाल, विवेक जैन, प्रोफेसर डॉ अभय कुमार जैन, अजय जैन कागजी, विनय जैन, बृजेश जैन बंटी, पीयूष जैन, पर्यूषण जैन, अभिषेक जैन, धीरज जैन, राकेश जैन, आलोक जैन, नरेंद्र जैन, पंकज जैन, दिनेश जैन, एसके मोदी, संजय जैन एवं डॉ राकेश सिंह की मौजूदगी उल्लेखनीय है।