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Thursday 2 August 2018 01:13:37 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से परम्परागत व्यवसायों से जुड़े कारीगरों और शिल्पियों को अधिक से अधिक लाभांवित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण, टूल किट, ऋण एवं अनुदान प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, प्रशिक्षण के दौरान भत्ता दिए जाने की व्यवस्था की जाए और प्रशिक्षण के उपरांत लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाए। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय शास्त्री भवन में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से सम्बंधित एक प्रस्तुतिकरण के दौरान इस योजना को संशोधित रूपमें प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संशोधित योजना में पारम्परिक पेशों से सम्बद्ध लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में कारीगर, हस्तशिल्पी पारम्परिक कार्यों के माध्यम से जीविकोपार्जन करते हैं, ये हस्तशिल्पी और कारीगर अत्यंत प्रतिभाशाली हैं, इनके हुनर को तराशने के लिए इनका प्रशिक्षण तथा व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए इन्हें आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिएं। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लाभार्थियों का चयन कर उन्हें चरणबद्ध ढंग से लाभांवित किया जाए, राज्य सरकार इस कार्य के लिए धन की कमी नहीं होने देगी। इस अवसर पर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सत्यदेव पचौरी, मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन सचिव भुवनेश कुमार और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।