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Friday 3 August 2018 12:25:20 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूजल के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश में भूजल संसाधनों की सुरक्षा एवं संरक्षण के साथ-साथ प्रबंधन एवं नियमन किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह कार्य इस प्रकार से किया जाए कि भूजल की उपलब्धता बनी रहे और जनमानस को गुणवत्तापरक जलापूर्ति भी सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बातें शास्त्री भवन में भूजल के प्रबंधन एवं नियमन के सम्बंध में दिए गए प्रस्तुतिकरण के दौरान कहीं। उन्होंने सभी सरकारी भवनों और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूपसे किए जाने को कहा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में बन रहे मकानों के नक्शों को पास करते समय रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था को भी देखा जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के प्रत्येक गांव में एक तालाब की भी व्यवस्था किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि नदियों की डीसिल्टिंग कर तटवर्ती क्षेत्रों को विकसित किया जाए, इन क्षेत्रों में वृक्षारोपण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार एवं डीसिल्टिंग का कार्य किया जाए, भूजल के प्रदूषण को रोके जाने की व्यवस्थाएं की जाएं, यदि समय रहते भूजल के स्तर को बनाए रखने की व्यवस्था नहीं की गई तो भविष्य में मानवता के सामने एक बड़ा संकट उपस्थित होगा। उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और जनसंख्या के मद्देनज़र जल की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी, इसके लिए भूजल संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्षा जल प्रत्यक्ष भूजल रीचार्ज का प्रमुख कारक है, सतही एवं भूजल संसाधनों से की जाने वाली सिंचाई से भी आंशिक रूपसे भूजल रीचार्ज होता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तालाब, झील, चेकडैम एवं कच्ची नहरों से भी भूजल रीचार्ज होता है, ऐसे में इन सभी के दृष्टिगत भूजल रीचार्ज की व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भूजल के स्तर की अद्यतन स्थिति को वेबसाइट पर डालते हुए जनसामान्य में इसके प्रति जागरुकता बढ़ायी जाए, क्षेत्र विशेष केलिए भूजल सुरक्षा योजना तैयारकर क्रियांवित की जाए, वर्षा जल संचयन, भूजल रीचार्ज, रीसाइक्लिंग, पुनः उपयोग और जल प्लावन की रोकथाम के प्राविधान किए जाएं। उन्होंने कहा कि भूजल प्रदूषण सम्बंधी सूचनाओं का संकलन करते हुए भूजल गुणवत्ता के संवेदनशील क्षेत्रों का सीमांकन एवं संरक्षण भी किया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष वर्षा जल संचयन योजना के अंतर्गत तालाब निर्माण के सम्बंध में भी प्रस्तुतिकरण दिया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘हर खेत को पानी मिले, हर किसान की खुशहाली’ राज्य सरकार का संकल्प है और इस योजना के अंतर्गत तालाबों के निर्माण और जीर्णोद्धार का कार्य तेजी से कराया जाए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्षा जल संचयन एवं भूजल संवर्द्धन के उद्देश्य से सामुदायिक तालाबों का पुनर्विकास किया जाए, तालाबों की गहराई आवश्यकतानुसार बढ़ाते हुए इनलेट, आउटलेट, घाट एवं रैम्प का निर्माण किया जाए, तालाबों के बंधों पर स्थानीय प्रकृति के वृक्षों को लगाया जाए। उन्होंने कहा कि तालाब प्राचीनकाल से ही वर्षा जल संग्रहण और भूजल संवर्द्धन के सशक्त माध्यम रहे हैं, भूजल रीचार्ज एवं अन्य उपयोग हेतु वर्षा जल के अधिकाधिक संचयन का कार्य तालाबों के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए, इनमें मत्स्य पालन एवं सिंघाड़े आदि की खेती की व्यवस्थाएं की जाएं। इस अवसर पर लघु सिंचाई एवं मत्स्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, प्रमुख सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल अनीता सिंह, सचिव मुख्यमंत्री मृत्युंजय कुमार नारायण और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।