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Friday 3 August 2018 05:53:48 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हमारे मंदिर और तीर्थस्थल हम सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं, मानव मूल्य अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए उनका पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत विविधता का देश है और यह विश्व का विशालतम लोकतंत्र है, सभी धर्मों के अनुयायी यहां पर शांति और सौहार्द के साथ रहते हैं। योगी आदित्यनाथ ने ये बातें बंदी माता मंदिर के शिलान्यास पर कहीं। उन्होंने कहा कि विभिन्न उपासना विधियों के लोग स्वयं को राष्ट्रीयता से जोड़कर सहअस्तित्व की भावना से देश को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता में एकता का यह चरित्र विश्व के लोगों को आश्चर्यचकित करता है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का शॉल ओढ़ाकर, उन्हें स्मृतिचिन्ह के रूपमें बंदी माता के प्रस्तावित मंदिर का छाया चित्र भेंटकर स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटन दबाकर बंदी माता मंदिर का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि भारत के धर्मस्थल एकात्मकता और अखंडता के प्रतीक हैं, ऐसे स्थलों से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बंदी माता का मंदिर प्राचीन है, जिसका बहुत महत्व है, इसकी परम्पराएं हजारों साल पुरानी हैं, जनश्रुतियों के अनुसार सीताजी वनवास के दौरान एक दिन के लिए गोमती तट पर रुकी थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनगमन के दौरान माँ जानकी के इस प्रवास स्थल पर मंदिर का निर्माण श्रद्धालुओं के लिए भक्ति का प्रेरणा स्थल होगा। मुख्यमंत्री ने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए महंत देवेंद्रपुरी सेवा ट्रस्ट एवं बंदी माता अखाड़ा समिति को बधाई दी।
योगी आदित्यनाथ ने उल्लेख किया कि कई दशकपूर्व यह मंदिर विलुप्त हो चुका था, परंतु महंत देवेंद्रपुरी ने स्वयं इसका पुनर्निर्माण कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों और गुरुओं के जीवन का उद्देश्य धर्म, आध्यात्म तथा मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना होता है, उनका जीवन और कृतित्व एकता, समानता, शांति, सद्भावना और पारस्परिक प्रेम का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि संतों की सनातन परम्परा को आगे बढ़ाते हुए महंत देवेंद्रपुरी ने मंदिर के नवनिर्माण का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सदैव अपनी विशिष्ट संस्कृति एवं धार्मिक विविधताओं तथा परम्पराओं के कारण देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने जनसहयोग से सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाकर हमारे समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत किया था। उन्होंने आशा व्यक्त की कि श्रावण के पावन माह में श्रद्धा और उत्साह के साथ हो रहे इस कार्यक्रम में त्रेतायुग की अधिष्ठात्री देवी बंदी माता के मंदिर के नवनिर्माण का कार्य शीघ्र ही जनसहयोग से पूर्ण होगा। इस अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया, विधायक नीरज बोरा, योग गुरु भरत ठाकुर, बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे। कार्यक्रम को महंत देवेंद्रपुरी ने भी सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का शॉल ओढ़ाकर और प्रतीकचिन्ह भेंटकर सम्मान किया।