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Monday 6 August 2018 12:44:36 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से महात्मा गांधी के पौत्र और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे गोपालकृष्ण गांधी ने राजभवन लखनऊ में भेंट की। गोपालकृष्ण गांधी लखनऊ में ओसामा तलहा फाउंडेशन के कार्यक्रम में भाग लेने आए थे, लगते हाथ उन्होंने राज्यपाल राम नाईक से भी मुलाकात की। ज्ञातव्य है कि गोपालकृष्ण गांधी अवकाश प्राप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और वे भारत के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने उच्चायुक्त दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका का दायित्व निभाया है। गोपालकृष्ण गांधी 1992 में यूनाइटेड किंगडम में सांस्कृतिक मंत्री के साथ-साथ नेहरू सेंटर लंदन के निदेशक भी रहे हैं।
राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को भव्य रूपसे आयोजित करने के लिए राज्य सरकार ने एक 56 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष राज्यपाल होंगे और कार्यकारी अध्यक्ष मुख्यमंत्री को नामित किया गया है। समिति की प्रथम बैठक 31 जुलाई 2018 को हुई थी, जिसमें अनेक सुझाव प्राप्त हुए थे। राज्यपाल राम नाईक ने गोपालकृष्ण गांधी से कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह को लेकर यदि उनका कोई सुझाव है तो वे उसका स्वागत करेंगे। राम नाईक ने गोपालकृष्ण गांधी से संसदीय कार्यप्रणाली पर भी चर्चा की। राज्यपाल ने उन्हें अपनी पुस्तक चरेवैति! चरेवैति!! और चतुर्थ वार्षिक कार्यवृत्त ‘राजभवन में राम नाईक 2017-2018’ की प्रति भेंट की।
गोपालकृष्ण गांधी ओसामा तलहा फाउंडेशन के समारोह में शामिल हुए और ओसामा तलहा स्मारक व्याख्यान 'हम हिंद की आवाम' में भाषण किया। गोपालकृष्ण गांधी ने कहा कि भारत में ऐसे हालात बन रहे हैं, जिनसे पारस्परिक संबंध ख़तरे में पड़ गए हैं। उन्होंने भारत में ध्रुवीकरण को सबसे बड़ा खतरा बताया। गोपालकृष्ण गांधी ने बड़ी हैरत से असम में घुसपैठियों का भी मुद्दा उठाया और ज़िक्र किया कि असम के राष्ट्रीय रजिस्टर में देश के राष्ट्रपति रहे फख़रूद्दीन अली अहमद के वंशजों तक का नाम नहीं है। गोपालकृष्ण गांधी यह बात नहीं बोले कि फख़रूद्दीन अली अहमद के वंशज़ उदासीन रहे और उन्होंने उस समय कोई ध्यान नहीं दिया जब राष्ट्रीय रजिस्टर बन रहा था। गोपालकृष्ण गांधी ने अपने भाषण में मुंह देखकर बोले और प्रतिक्रियावादी बातों को ज्यादा महत्व दिया। ऐसा ही भाषण पत्रकार विनोद दुआ ने दिया।
ओसामा तलहा फाउंडेशन के इस कार्यक्रम में इकतरफा विचारों का माहौल देखने को मिला, जिससे यह घरेलु कॉफी टेबल संवाद बनकर रह गया। गोपालकृष्ण गांधी ने तलहा फाउंडेशन की ओर से पत्रकार विनोद दुआ और हरीश खरे को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर फाउंडेशन की अध्यक्ष परवीन तलहा, ओसामा तलहा की पत्नी और पत्रकार कुलसुम तलहा, उज़्मा तलहा, लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति रहीं रूपरेखा वर्मा, एलयू के उर्दू विभाग के अध्यक्ष अब्बास रज़ा नय्यर आदि ने भी अपने विचार रखे और वे भी एक ही विचार के चक्कर लगाते रहे। इस कार्यक्रम की एक खास बात यह रही कि पत्रकार विनोद दुआ और हरीश खरे को तलहा फाउंडेशन की ओर से नकद धनराशि भी दी गई थी, जिसमें हरीश खरे ने नकद धनराशि फाउंडेशन को लौटा दी।