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जनसंख्या पर रोक लगाओ नहीं तो भुगतो!

जिम्मेदार अभिभावक अधिनियम डीसीएम को सौंपा

भारत में 2050 तक जनसंख्या 200 करोड़ हो जाएगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 1 March 2019 03:52:50 PM

responsible parental act handed over to deputy chief minister

लखनऊ। टैक्सैब यानी टैक्सपेयर्स एसोसिएशन ऑफ भारत के अध्यक्ष मनु गौड़ ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लखनऊ में उनके आवास पर मुलाकात कर जिम्मेदार अभिभावक अधिनियम 2019 सौंपा और राज्य में इसे जल्दी से जल्दी लागू कर बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण पाने की मांग की। मनु गौड़ ने उप मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य की जनसंख्या पाकिस्तान जैसे देश से भी ज्यादा हो चुकी है। उप मुख्यमंत्री ने मनु गौड़ के बनाए अभिभावक अधिनियम 2019 का समर्थन करने का आश्वासन दिया और माना कि जिस तरह से देश में, राज्यों में जनसंख्या बढ़ती जा रही है, एक दिन वो विकराल रूप ले लेगी।
टैक्सैब अध्यक्ष मनु गौड़ ने उप मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि संसद में भी इस अधिनियम पर चर्चा के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉ संजीव बलियान सहित लगभग 125 सांसदों ने स्पीकर को पत्र लिखकर लोकसभा में चर्चा के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया था, लेकिन चर्चा नहीं हो सकी। टैक्सैब ने उप मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे यह अधिनियम विधानसभा में पास कराकर बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण लगाने की पहल करें। मनु गौड़ ने उप मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि जिस दिन देश में यह जिम्मेदार अभिभावक अधिनियम लागू हो जाएगा उस दिन देश की सभी समस्याओं का अंत होना प्रारंभ हो जाएगा। गौरतलब है कि बढ़ती जनसंख्या का असर देश की सभी समस्याओं पर पड़ रहा है। केशव प्रसाद मौर्य ने मनु गौड़ की पुस्तक ओवर पॉपुलेशन-बर्डन ऑन टैक्सपेयर्स का भी विमोचन किया जिसमें देश की विभिन्न समस्याओं पर अधिक जनसंख्या के प्रभावों के आंकड़ों को चित्रों और ग्राफिक्स से दर्शाया गया है।
मनु गौड़ ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि भारत की जनसंख्या पर टैक्सैब का विश्लेषण बताता है कि देश की जनसंख्या वर्तमान में कम से कम 142 करोड़ है और 2050 तक यह जनसंख्या लगभग 200 करोड़ हो जाएगी, जिसके हिसाब से प्रश्न यह है कि हम अगले 30 वर्ष में बढ़ने वाली लगभग 60 करोड़ आबादी के लिए संसाधन कहां से लाएंगे? मनु गौड़ ने कहा कि सरकार सबको शौचालय, आवास, रोज़गार, बिजली, गैस कनेक्शन, स्वास्थ्य बीमा आदि देने के लिए प्रयासरत है, लेकिन भविष्य में बढ़ी 60 करोड़ की आबादी के कारण वही समस्याएं पुनः उत्पन्न हो जाएंगी और उसका बोझ पुनः करदाताओं पर पड़ेगा। उनका कहना था कि करदाता अब इस बोझ को उठाने को तैयार नहीं है, इसीलिए टैक्सैब ने पिछले पांच वर्ष के प्रयासों और अध्ययन के फलस्वरूप यह जिम्मेदार अभिभावक अधिनियम 2019 का ड्राफ्ट तैयार किया है।

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