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देश में अधिवक्ताओं के कल्याण हेतु बीमा योजना

योजना के कार्यांवयन पर सुझाव के लिए गठित की गई समिति

केंद्रीय कानून मंत्री से भेंटकर अधिवक्ताओं ने रखी थी मांगें

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 10 March 2019 02:09:43 PM

union law minister ravi shankar prasad

नई दिल्ली। भारत सरकार ने अधिवक्ताओं को बीमा कवर प्रदान करने के लिए एक उचित संरचित योजना के प्रारुप से संबंधित मुद्दों की जांच और इस योजना के कार्यांवयन पर सुझाव देने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कानूनी मामलों के सचिव की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया है। समिति के अन्य सदस्यों में वित्तीय सेवा विभाग के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि और कानूनी मामले विभाग के एक प्रतिनिधि शामिल होंगे। समिति में बार काउंसिल ऑफ इंडिया और स्टेट बार काउंसिलों से भी एक-एक प्रतिनिधि शामिल होगा।
कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस आशय के एक आदेश में निर्देश दिया है कि समिति पूरे भारत में अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए एक व्यापक बीमा योजना की सिफारिश करेगी, जिससे असामयिक मृत्यु और चिकित्सा बीमा से संबंधित उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा है कि समिति को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होगी और अगर जरूरत हो तो समिति प्रस्तावित योजना को तैयार करने के लिए बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों से राय ले सकती है। उन्होंने कहा कि समिति सभी हितधारकों के पर्याप्त प्रतिनिधियों के साथ एक उच्चाधिकार प्राप्त निकाय के तहत बीमा योजना के प्रशासन के संचालन के लिए भी अपने सुझाव देगी।
गौरतलब है कि इस माह के प्रारम्भ में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मनन मिश्रा के नेतृत्व में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यों और विभिन्न अधिवक्ता संघों के पदाधिकारियों सहित अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से भेंटकर उन्हें अपनी चिंताओं और मांगों से अवगत कराया था। केंद्रीय मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया था कि केंद्र सरकार बीमा कवर की सुरक्षा, असामयिक मृत्यु एवं चिकित्सा बीमा कवर जैसी बीमा सुविधाओं के लिए एक सुरक्षा योजना प्रदान करने पर गंभीरता से विचार करेगी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस योजना में केंद्र और राज्य सरकारों की सहायता के साथ-साथ स्टेट बार काउंसिल की भागीदारी और अधिवक्ताओं के प्रतिनिधियों के संचालित कल्याण कोष को भी शामिल किया जा सकता है।

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