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महाकुंभ में हस्तशिल्पियों को मिला बाजार

एक जिला एक उत्पाद शानदार प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र

इसबार 35 करोड़ रुपये तक के कारोबार की संभावना है!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 19 January 2025 03:14:40 PM

'one district one product' spectacular exhibition

प्रयागराज। अध्यात्म और आस्था का महापर्व महाकुंभ-2025 उत्तर प्रदेश सहित देशके विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्पियों केलिए एक सुनहरा अवसर साबित हो रहा है। प्रयागराज में संगम पर इस महायोगिक उत्सव में 6000 वर्ग मीटर क्षेत्र में ‘एक जिला एक उत्पाद’ की शानदार प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यहां कालीन, जरी-जरदोजी, फिरोजाबाद के कांच के खिलौने, बनारस के लकड़ी के खिलौने और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। प्रयागराज मंडल के संयुक्त आयुक्त उद्योग शरद टंडन ने बताया हैकि 2019 में महाकुंभ से 4.30 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, जबकि इसबार 35 करोड़ रुपये तक के कारोबार की संभावना है। उन्होंने कहाकि इससे रोज़गार और छोटे उद्यमियों को नई दिशा मिलेगी, व्यवसाय और रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे।
महाकुंभ में फ्लिपकार्ट ने भी अपना स्टॉल लगाया है, यहां उद्यमियों को अपने प्लेटफॉर्म पर उत्पाद मुफ्त में बेचने का मौका मिल रहा है। फ्लिपकार्ट के स्टॉल पर खरीदारी करने वालों और देखने वालों की भारी भीड़ देखी जा रही है। काशी के शिल्पकारों ने लकड़ी के खिलौने, बनारसी ब्रोकेड, मेटल रिपोज, मेटल कास्टिंग जैसे 75 उत्पाद प्रदर्शनी में पेश किए हैं। जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) विशेषज्ञ डॉ रजनीकांत ने बतायाकि उत्तर प्रदेश के 75 जीआई उत्पादों को ओडीओपी योजना केतहत प्रदर्शित किया जा रहा है, इनमें वाराणसी की लाल मिर्च, बनारसी साड़ी, सुर्खा अमरूद, प्रतापगढ़ का आंवला, मिर्जापुर के पीतल बर्तन और गोरखपुर का टेराकोटा शामिल हैं। कुशीनगर के कालीन और फिरोजाबाद के कांच के खिलौने और बर्तन भी प्रदर्शनी का आकर्षण बने हुए हैं। डॉ रजनीकांत ने बतायाकि 75 जीआई उत्पादों में से 34 काशी क्षेत्र से हैं।
जीआई विशेषज्ञ डॉ रजनीकांत ने बतायाकि इन उत्पादों को पहचान और सुरक्षा देने केलिए जीआई टैग की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसके साथही बनारस की ठंडाई, लाल पेड़ा, बनारसी तबला और भित्ति चित्र जैसी विशिष्ट कृतियों को भी दुनिया के सामने लाने की कोशिश हो रही है। एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत यह पहल देशभर के हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने का एक अभूतपूर्व प्रयास है। गौरतलब हैकि महाकुंभ-2025 न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत कर रहा है, बल्कि उद्यमियों केलिए व्यापार का एक विशाल मंच भी बन गया है, जहां देश-विदेश के लोग आकर हस्तशिल्पियों के उत्पादों पसंद कर रहे हैं और खरीद रहे हैं।

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