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Friday 11 April 2025 04:34:55 PM
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) में 4000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय को देखकर कहाकि काशी की जनता विकास का उत्सव मनाने यहां इकट्ठी हुई है। उन्होंने कहाकि इन 10 वर्ष में काशी ने विकास की तेजगति पकड़ी है, काशी ने आधुनिकता को साधा है, विरासत को संजोया है और अपने उज्ज्वल भविष्य की दिशामें मजबूत कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने काशी की प्रशंसा में कहाकि आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं, प्रगतिशील है, काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है। प्रधानमंत्री ने काशी से अपने गहरे जुड़ाव को फिर उजागर किया और समूचे पूर्वांचल के आशीर्वाद केलिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि काशी उनकी है और वे काशी के हैं। उन्होंने कहाकि काशी भगवान महादेव के प्रताप से पूरे पूर्वांचल के विकास का रथ चला रही है। नरेंद्र मोदी ने काशी में संकटमोचन महाराज का दर्शन करके अपने आपको गौरवांवित महसूस किया और कहाकि काशी के लोग हनुमान जन्मोत्सव से पहले विकास का उत्सव मनाने केलिए एकत्र हुए हैं।
काशी और पूर्वांचल के विभिन्न हिस्सों में कनेक्टिविटी को और मजबूत करने, हरघर में नल का पानी पहुंचाने के अभियान, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेल सुविधाओं के विस्तार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर दिया। उन्होंने हर क्षेत्र, हर परिवार और हर युवा को बेहतर सुविधाएं देने की प्रतिबद्धता व्यक्त कीं। उन्होंने कहाकि विकास की पहलें पूर्वांचल को बड़े विकसित क्षेत्रमें बदलने में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने इसके लिए वाराणसी और पूर्वांचल को बधाई दी। आज सामाजिक चेतना के प्रतीक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी, जिसपर प्रधानमंत्री ने समाज के कल्याण और महिलाओं के सशक्तीकरण केलिए उनके और सावित्रीबाई फुले के आजीवन समर्पण को याद किया एवं महिला सशक्तीकरण के उनके दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि उनकी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के संकल्प केसाथ कार्य कर रही है। उन्होंने पूर्वांचल के पशुपालक परिवारों विशेषकर मेहनतकश महिलाओं को बधाई दी, जिन्होंने इस क्षेत्र के विकास में अनुकरणीय मिसालें कायम की हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बनास डेयरी प्लांट से जुड़े पशुपालक परिवारों को बोनस के वितरण का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि 100 करोड़ रुपये से अधिक का यह बोनस कोई उपहार नहीं, बल्कि पशुपालकों की कड़ी मेहनत और समर्पण का पुरस्कार है, जो उनके श्रम और दृढ़ता के मूल्य को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि काशी में बनास डेयरी ने हजारों परिवारों के जीवन और नियति को नया आकार दिया है। उन्होंने गर्व से कहाकि इन प्रयासों ने पूर्वांचल की कई कर्मयोगी महिलाओं को लखपति दीदी बनने में सक्षम बनाया है, जो जीविका के कर्म से समृद्धि के मार्ग पर बढ़ रही हैं। उन्होंने कहाकि यह प्रगति केवल वाराणसी और उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि देशभर में दिखाई पड़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत बीते एक दशक में दूध उत्पादन में लगभग 65 प्रतिशत की वृद्धि केसाथ वैश्विक स्तरपर दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया है। उन्होंने इसका श्रेय लाखों किसानों और पशुपालकों को दिया, यह मानते हुएकि ऐसी उपलब्धियां बीते दस वर्ष में उनके निरंतर प्रयासों का परिणाम हैं। उन्होंने डेयरी क्षेत्र को मिशन मोड में आगे बढ़ाने केलिए की गई पहलों की ओर इशारा किया, जिसमें पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधाओं से जोड़ना, ऋण सीमा बढ़ाना और सब्सिडी कार्यक्रम शुरू करना शामिल है। प्रधानमंत्री ने पशुओं की सुरक्षा केलिए खुरपका मुंहपका रोग के खिलाफ मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रमों, संगठित दूध संग्रह केलिए 20000 से अधिक सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने का भी उल्लेख किया, जिसमें लाखों नए सदस्य शामिल हुए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय गोकुल मिशन केतहत वैज्ञानिक प्रजनन के जरिए देशी मवेशियों की नस्लों को विकसित करने और उनकी गुणवत्ता में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित किया, जिनका उद्देश्य पशुपालकों को नए विकास मार्गों, बेहतर बाजारों और अवसरों से जोड़ना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी में बनास डेयरी परिसर पर खुशी जताई और कहाकि बनास डेयरी ने इस क्षेत्र में गिर गायों का पालन किया है, जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है और उन्होंने वाराणसी में पशु आहार की व्यवस्था शुरू कर दी है। उन्होंने पूर्वांचल के लगभग एक लाख किसानों से दूध एकत्र करने, उन्हें सशक्त बनाने और उनकी आजीविका को मजबूत करने केलिए डेयरी की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कई वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड वितरित करने का उल्लेख किया। उन्होंने बुजुर्गों के स्वास्थ्य केलिए परिजनों की चिंताओं को स्वीकार किया और 10-11 साल पहले पूर्वांचल में चिकित्सा उपचार के संबंध में आनेवाली कठिनाइयों को याद किया। उन्होंने कहाकि काशी स्वास्थ्य की भी राजधानी बन रही है, उन्नत अस्पताल, जो कभी दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों तक सीमित थे, अब लोगों के घरों के पासही उपलब्ध हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना को ग़रीबों केलिए वरदान बताया, जो न केवल उपचार प्रदान करती है, बल्कि आत्मविश्वास भी पैदा करती है। प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों केलिए मुफ्त इलाज के अपने वादे को याद करते हुए जिसके कारण आयुष्मान वय वंदना योजना शुरू की गई, कहाकि यह पहल 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक केलिए मुफ्त इलाज सुनिश्चित करती है, चाहे उनकी आय कुछ भी हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी के बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय परिवर्तन पर प्रकाश डाला, जिसकी आगंतुकों से व्यापक प्रशंसा हुई है। उन्होंने कहाकि लाखों लोग प्रतिदिन वाराणसी आते हैं, बाबा विश्वनाथ की पूजा करते हैं और पवित्र गंगा में स्नान करते हैं, देश-विदेश तक लोगों ने शहर में हुए महत्वपूर्ण विकास कार्यों पर प्रशंसनीय टिप्पणी की हैं। प्रधानमंत्री ने काशी में छोटे-छोटे त्योहारों में होनेवाले ट्रैफिक जाम को याद किया, जब यात्रियों को धूल और गर्मी को झेलते हुए पूरे शहर से होकर गुजरना पड़ता था। उन्होंने फुलवरिया फ्लाईओवर के निर्माण पर टिप्पणी की, जिसने दूरियां कम की हैं, समय की बचत की है और दैनिक जीवन में राहत पहुंचाई है। प्रधानमंत्री ने रिंग रोड के लाभों पर भी प्रकाश डाला, जिसने जौनपुर और गाजीपुर के क्षेत्रों केसाथ बलिया, मऊ और गाजीपुर जिलों के लोगों केलिए हवाई अड्डे तक जाने केलिए यात्रा के समय को काफी कम कर दिया है। उन्होंने कहाकि गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और आजमगढ़ जैसे शहरों में तेज़ और सुविधाजनक यात्रा है एवं ट्रैफिक जाम से त्रस्त रहनेवाले क्षेत्र अब विकास की गति देख रहे हैं। उन्होंने वाराणसी और आसपास के क्षेत्रोंमें कनेक्टिविटी बढ़ाने केलिए एक दशक में 45000 करोड़ रुपये के निवेश का जिक्र किया, जिसने न केवल बुनियादी ढांचे, बल्कि विश्वास को भी बढ़ावा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालबहादुर शास्त्री हवाई अड्डे के विस्तार और कनेक्टिविटी में सुधार केलिए हवाई अड्डे केपास छह लेन की भूमिगत सुरंग निर्माण पर प्रकाश डाला। उन्होंने भदोही, गाजीपुर और जौनपुर को जोड़ने वाली परियोजनाओं, भिखारीपुर और मंडुआडीह में फ्लाईओवर के निर्माण का उल्लेख किया। उन्होंने वाराणसी शहर और सारनाथ को जोड़ने वाले पुल के निर्माण की भी घोषणा की, जिससे अन्य जिलों से सारनाथ जानेवाले यात्रियों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि आनेवाले समय में वाराणसी में आवागमन औरभी सुविधाजनक हो जाएगा, इससे क्षेत्रमें गति और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने काशी में सिटी रोपवे के ट्रायल की शुरुआत का भी उल्लेख किया, जो वाराणसी को ऐसी सुविधा प्रदान करनेवाले दुनिया के चुनिंदा शहरों में शामिल कर देगा। नरेंद्र मोदी ने काशी के युवाओं को खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने केलिए निरंतर अवसर प्रदान करने पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला। उन्होंने वाराणसी में नए स्टेडियम निर्माण और युवा एथलीटों केलिए उत्कृष्ट सुविधाओं के विकास पर टिप्पणी की। उन्होंने एक नए खेल परिसर के उद्घाटन का उल्लेख किया, जहां वाराणसी के सैकड़ों खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि काशी भारत की आत्मा और विविधता का सबसे सुंदर प्रतिनिधित्व है। उन्होंने काशी में एकता मॉल की घोषणा की, जो एक छत के नीचे भारत की विविधता को प्रदर्शित करेगा और देशभर के विभिन्न जिलों के उत्पाद पेश करेगा। उन्होंने कहाकि जीआई टैग अधिक बाजार सफलता के रास्ते खोलते हैं। नरेंद्र मोदी ने राज्य की कला, शिल्प और कौशल की बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय मान्यता का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि वाराणसी और उसके आसपास के जिलों के 30 से अधिक उत्पादों को जीआई टैग मिले हैं। उन्होंने क्षेत्रके उन उत्पादों को सूचीबद्ध किया, जिन्हें मान्यता दी गई है जैसे-वाराणसी का तबला, शहनाई, दीवार पेंटिंग, ठंडाई, भरवां लाल मिर्च, लाल पेड़ा और तिरंगा बर्फी। उन्होंने उल्लेख कियाकि जौनपुर की इमरती, मथुरा की सांझी कला, बुंदेलखंड का कठिया गेहूं, पीलीभीत की बांसुरी, प्रयागराज की मूंज कला, बरेली की जरदोजी, चित्रकूट की काष्ठकला और लखीमपुर खीरी की थारू जरदोजी। इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, राज्य सरकार के मंत्री, जनप्रतिनिधि, बनास डेयरी के अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी, वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।