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Wednesday 12 February 2014 10:01:41 PM
नई दिल्ली। देश में पोलियो पर विजय प्राप्त करने के अवसर पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि आज वास्तव में एक ऐतिहासिक दिन है, यह वह दिवस है, जिसके लिए हमने अथक कार्य किया है और इसकी बहुत ही उत्सुकता से प्रतीक्षा की है, इस दिवस की सुबह हुई है, जो हमारे लिए बहुत गौरव लाई है, इसने अत्यंत प्रसन्नता प्रदान की है, हम देश में तीन वर्ष से बिना पोलियों का कोई मामला हुए इस दिवस को मना रहे हैं, पोलियों के पर भारत की विजय कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल ही के वर्षों तक ठोस प्रयासों के बावजूद विश्व के आधे से अधिक पोलियो के मामले भारत में थे, भारत से इसका वायरस दूर और पास के देशों तक पहुंचा, इसलिए इस गंभीर बीमारी का उन्मूलन करने के लिए यह हमारी मजबूत प्रतिबद्धता और इच्छा शक्ति को दर्शाता है, जहां हमने अपने लिए लगभग डेढ़ दशक पहले निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत प्रभावशाली उपलब्धि मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति, सरकार की सुनिश्चित वित्तीय प्रतिबद्धता, अपनाई गई नीति का मजबूत निरीक्षण और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बहुमूल्य समर्थन के सहयोग से ही प्राप्त की जा सकी है। उन्होंने पूर्व वक्ताओं की तरह ही लगभग 23 लाख टीका लगाने वाले, 1,50,000 पर्यवेक्षकों के साथ-साथ उन सभी अधिकारियों और गैर-अधिकारियों को स्मरण कर उन्हें धन्यवाद दिया, जिनके प्रयासों के बिना आज वह यहां नहीं होते। उन्होंने कहा कि भारत की उपलब्धि यह दर्शाती है कि पोलियो को विभिन्न बाधाओं और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद खत्म किया जा सकता है, यह विकास उन देशों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां लोग अभी भी इस बीमारी से प्रभावित है, हम एक ऐसा काम करने में समर्थ रहे हैं, जो एक उदाहरण प्रस्तुत करता है तथा विश्व समुदाय को यह विश्वास दिलाता है कि पोलियो भी इस पृथ्वी से जल्द ही इस प्रकार चला जाएगा, जिस प्रकार चेचक चला गया है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि जब तक विश्व से पोलियो का उन्मूलन नहीं हो जाता, भारत के लिए इस बीमारी के वायरस के लौटने का खतरा बना रहेगा, इसलिए हमें देश में नवजात और शिशुओं को टीके लगाकर इस बीमारी से बचाने का कार्य जारी रखने की जरूरत है, सरकार प्रमाणीकरण से बाहर भी अपने प्रयासों को तब तक जारी रखने के लिए पूर्णरूप से प्रतिबद्ध है, जब तक इसका वैश्विक उन्मूलन नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि देश में 8 लाख से अधिक आशा कार्यकर्ताओं की तैनाती पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के लिए समय पर उठाया गया कार्य था, अब यह हमारा कर्तव्य है कि इस कार्यक्रम के रास्ते का अन्य क्षेत्रों में भी अनुसरण करें, हमें विशेष रूप से पूरे देश के एक कोने से दूसरे कोने तक प्रत्येक बच्चे को जीवनरक्षक टीके पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए, यहां तक कि हमारे देश के दूर-दराज के कोने में भी सभी बच्चों का निरोध्य बिमारियों की रोकथाम के लिए पूर्ण टीकाकरण किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि सुरक्षित टीकों के लिए वैश्विक पहुंच ही बिमारियों को रोकने और अच्छे स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने के अनेक घटकों में से एक है, यह पूरे देश में जन-स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूती प्रदान करके ही संभव हो सकता है, हम ऐसा अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से कर रहे हैं, जिसने लोगों, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों, जैसे ग्रामीण जनता, महिलाएं, बच्चे और गरीब लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा की उपलब्धता में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार मातृ एवं शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए महत्वपूर्ण और रणनीतिक निवेश कर रही है, हम सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों 4 और 5 को अर्जित करने की दिशा में हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। देश में प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल और किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम शिशुओं की जीवन रक्षा में तेजी लाने और मातृ स्वास्थ्य सुधारने वाली रणनीतिक पहल है, इसने पोलियो उन्मूलन मॉडल अपनाया है और ध्यान केंद्रित राज्यों में महत्वपूर्ण संसाधन तैनात किए हैं।