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Friday 7 March 2025 01:30:11 PM
श्रीनगर। भारत सरकार के बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय केतहत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने जम्मू और कश्मीर में तीन राष्ट्रीय जलमार्गों पर नदी क्रूज पर्यटन विकास केलिए जम्मू कश्मीर सरकार केसाथ एक समझौता किया है। गौरतलब हैकि आईडब्ल्यूएआई और जम्मू कश्मीर सरकार केबीच यह साझेदारी एक रोमांचक पहल है, जो स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन और पर्यटकों के अनुभव को और ज्यादा नया एवं रोमांचकारी बनाने का वादा करती है। श्रीनगर में हुए चिंतन शिविर में केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर, जम्मू-कश्मीर सरकार के मंत्री सतीश शर्मा, जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टीके रामचंद्रन, आईडब्ल्यूएआई के अध्यक्ष विजय कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण भारतभर में क्रूज पर्यटन को सक्रिय रूपसे बढ़ावा दे रहा है और जम्मू कश्मीर सरकार केसाथ समझौते का उद्देश्य पर्यटन को और सुविधापूर्ण एवं आकर्षित बनाना, रोज़गार सृजन करना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और जम्मू-कश्मीर में नदियों पर अवकाश/ बजट पर्यटन का एक नया तरीका प्रदान करना है।
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में देश के 111 राष्ट्रीय जलमार्गों में से तीन घोषित राष्ट्रीय जलमार्ग हैं अर्थात नदी चिनाब (एनडब्ल्यू-26), नदी झेलम (एनडब्ल्यू-49) और नदी रावी (एनडब्ल्यू-84)। नदी क्रूज पर्यटन विकास की दृष्टि से अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद की हाल हीमें संपन्न दूसरी बैठक में कश्मीर से केरल और असम से गुजरात तक फैले विभिन्न क्रूज सर्किटों के विकास की पहलें की गई हैं। दो महीने की अवधि के भीतर आईडब्ल्यूएआई ने लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से जम्मू कश्मीर में नदी क्रूज पर्यटन को विकसित करने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एमओयू के तहत आईडब्ल्यूएआई जलमार्गों पर बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा यानी दस फ्लोटिंग जेटी और क्रूज यात्रियों केलिए प्रतीक्षालय एवं सुविधायुक्त भूमि किनारे का बुनियादी ढांचा। दस में से दो फ्लोटिंग जेटी अखनूर और रियासी जम्मू केपास में स्थापित की जाएंगी, जोकि चिनाब नदी का घोषित हिस्सा है, सात फ्लोटिंग जेटी पंथा चौक, जीरो ब्रिज, अमीरा कदल, शाह-ए-हमदान, सफा कदल/ चट्टाबल तीर्थ, सुंबल ब्रिज और गुंड प्रांग (श्रीनगर और बांदीपोरा में) झेलम नदी (एनडब्ल्यू-49) और रावी नदी (एनडब्ल्यू-84) पर सोहर में एक जेटी। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण जहांभी आवश्यक हो ड्रेजिंग करके नौवहन संबंधी फेयरवे विकसित करेगा, नौवहन संबंधी सहायता प्रदान करेगा और इन जलमार्गों में जहाजों के सुरक्षित संचालन केलिए नियमित हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करेगा।
जम्मू कश्मीर सरकार भूमि किनारे सुविधाओं केलिए भूमि उपलब्ध कराएगी, सभी वैधानिक मंजूरियों की सुविधा प्रदान करेगी और राष्ट्रीय जलमार्गों के चिंहित क्षेत्रोंमें क्रूज संचालकों को नियुक्त करेगी। आईडब्ल्यूएआई जम्मू कश्मीर सरकार को अपेक्षित तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कुशल मार्गदर्शन में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण जलमार्गों को विकास के एक मजबूत इंजन के रूपमें विकसित करने केलिए कई बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। आईडब्ल्यूएआई देशभर में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है और वर्तमान में आईडब्ल्यूटी टर्मिनलों, एंड-टू-एंड ड्रेजिंग अनुबंधों के माध्यम से फेयरवेज, रात्रि नेविगेशन सुविधा जैसे नेविगेशनल सहायता, नेविगेशनल लॉक आदि विकसित करके एनडब्ल्यू 1, एनडब्ल्यू 2, एनडब्ल्यू 3 और एनडब्ल्यू 16 सहित अन्य जलमार्गों की क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। क्रूज टर्मिनल और संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास जैसे सक्रिय प्रयासों केसाथ आईडब्ल्यूएआई देश में नदियों की अपार संभावनाओं का उपयोग करके नदी क्रूज पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। प्राधिकरण ने गंगा नदी और ब्रह्मपुत्र नदी पर क्रूज पर्यटन की पहल की है। दुनिया के सबसे लंबे क्रूज एमवी गंगा विलास की सफलता इसीको रेखांकित करती है।