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संविधान राष्ट्र के लिए मार्गदर्शक-ओम बिरला

राष्ट्र की प्रगति में सिविल सेवकों व सैन्य नेतृत्व का योगदान सराहा

संसद भवन के अध्ययन दौरे पर आया राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज का बैच

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 7 March 2025 01:20:08 PM

national defence college batch came on a study tour to parliament house

नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन के स्टडी विज़िट पर आए राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज नई दिल्ली के 65वें बैच केसाथ प्रेरक बातचीत में कहाकि संविधान राष्ट्र केलिए मार्गदर्शक है, जिसमें निहित आदर्शों के ज़रिए लोकतांत्रिक लोकाचार और शासन को आकार दिया गया है। उन्होंने कहाकि साढ़े सात दशक की लोकतांत्रिक यात्रा में हमारे राष्ट्र ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं और इस दौरान देश की सीमाओं को सुरक्षितकर लोकतंत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाने में हमारे सशस्त्र सुरक्षा बलों की अनुकरणीय भूमिका है। ओम बिरला ने कहाकि भारतीय संसद देश की प्रगति और देशवासियों की उन्नति का सशक्त माध्यम है, संसद में लिएगए निर्णय, यहां के विमर्श, साझा संवाद, पारित विधेयकों ने देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहाकि भारत न सिर्फ विश्व का विशालतम लोकतंत्र है, बल्कि लोकतंत्र का पुरोधा भी है, दुनियाभर के देश हमारी विधायी प्रणाली पद्धतियों का अध्ययन कर रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज में भारतीय सशस्त्र बलों, भारतीय सिविल सेवाओं, भारतीय पुलिस सेवाओं के अधिकारियों केसाथ ही 32 देशों के प्रतिभागी भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। ओम बिरला ने राष्ट्र की प्रगति में सिविल सेवकों और सैन्य नेतृत्व की उल्लेखनीय भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने प्रतिभागियों से भारत के विविधता वाले सामाजिक ताने-बाने को समझने और समाज के उत्थान केलिए अपने प्रशिक्षण और विशेषज्ञता का लाभ उठाने का आग्रह किया। ओम बिरला ने कहाकि तकनीक के प्रभावी उपयोग की मदद से शासन में हितधारकों के क्षमता निर्माण को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकता है। भारतीय संविधान को अपनाने के 75वें वर्ष पर प्रकाश डालते हुए ओम बिरला ने तीन साल की अवधि में इस दस्तावेज को आकार देनेवाले गहन विचार-विमर्श और बहस कोभी याद किया। उन्होंने संविधान सभा के सदस्यों की दूरदर्शिता और समर्पण की सराहना की, जिनकी वजह से एक ऐसा संविधान तैयार हो पाया, जो आजभी देश के लोकतांत्रिक ढांचे का मार्गदर्शन कर रहा है। उन्होंने दोहरायाकि संविधान में परिकल्पित, भारत का संसदीय लोकतंत्र एक मजबूत, समावेशी और भारत जैसे विविधतापूर्ण राष्ट्र केलिए उपयुक्त है। ओम बिरला ने प्रतिभागियों को वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन को अपनाने की सलाह दी।
स्पीकर ओम बिरला ने कहाकि संवाद, सहयोग और आपसी समझ, संघर्षों को सुलझाने और वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देने केलिए तेजीसे परस्पर जुड़ी दुनिया में महत्वपूर्ण हैं। ओम बिरला ने जी-20, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सहित विभिन्न वैश्विक मंचों पर भारत को एक स्थायी भविष्य केलिए विश्व नेता के रूपमें स्थापित करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और नेतृत्व की सराहना की। संसद सदस्यों के काम को सुविधाजनक बनाने और लोगों के व्यापक हित में की जारही कई पहलों का ज़िक्र करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने संसदीय बहसों और ऐतिहासिक अभिलेखों को संरक्षित और सुलभ बनाने की डिजिटलीकरण प्रक्रिया की भी सराहना की। उन्होंने इस बातपर भी प्रकाश डालाकि शासन को आधुनिक बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने केलिए किस तरह प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने भारत की संसद को एक डिजिटल संगठन और हितधारकों केलिए सूचना का कुशल स्रोत बनाने केलिए विभिन्न प्रयासों का भी उल्लेख किया।

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