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Saturday 8 March 2025 01:06:22 PM
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, बौद्ध धर्मगुरू परमपावन दलाई लामा के सार्वभौमिक उत्तरदायित्व फाउंडेशन के सहयोग से 10 और 11 मार्च को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में 'बोधिपथ फिल्म महोत्सव' का आयोजन कर रहा है। यह महोत्सव वैश्विक स्तरपर बौद्ध अनुयायियों को समर्पित है और बुद्ध की ऐतिहासिक शिक्षाओं से लेकर मन की पीड़ाओं को सुलझाने तककी असंख्य प्रस्तुतियों का एक मंच प्रदान करता है, जो वैश्विक बौद्ध अनुयायियों, श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा। दो दिनी उत्सव में बौद्ध प्रथाओं, अनुभवों की सुंदरता, करुणा, विचारशीलता और अनित्यता जैसे मूल्यों को दर्शाने वाली दस अत्यधिक अनुशंसित वैश्विक फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी, जिनमें दैनिक जीवन की पूर्वापेक्षाएं हैं।
बोधिपथ फिल्म महोत्सव में चार पैनल चर्चाएं होंगी, जिनमें से प्रत्येक को फिल्मों में प्रस्तुत किएगए विषयों और अंतर्दृष्टि के सार को तलाशने केलिए डिज़ाइन किया गया है। पैनल चर्चाओं केलिए व्यापक विषय हैं-भारत में बौद्ध फिल्मों की प्रासंगिकता-अतीत वर्तमान और भविष्य। आध्यात्मिक फिल्म निर्माण में अवसर और चुनौतियां। बुद्ध धम्म में कला की अवधारणा और सचेतन संचार। बुद्ध धम्म का एक अभिन्न पहलू सावधानीपूर्वक प्रगति है, आध्यात्मिक जागृति प्राप्त करने केलिए हर विचार, क्रिया और क्षण पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाता है। इसी तरह फिल्म निर्माण एक असाधारण रूपसे जटिल और परिष्कृत तकनीकी प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है। फिल्म निर्माता की अवधारणाओं, मशीनरी, कला, कथा निर्माण और इसमें शामिल मानव संसाधनों केबीच बहुआयामी संबंध इतने गहन रूपसे जुड़े हुए होते हैंकि अक्सर इसे समझना मुश्किल हो जाता है। चलचित्र की सत्यता और प्रमाणिकता फिल्म निर्माता के अवलोकन और अंतर्दृष्टि की गहराई से सीधे जुड़े हैं।
फिल्म बनाने केलिए विवरणों पर सावधानीपूर्वक ध्यान देने की आवश्यकता होती है, ठीक वैसेही जैसे बुद्ध धम्म में व्यवस्थित प्रगति पर जोर दिया जाता है। प्रत्येक फ्रेम और बातचीत को प्रामाणिक एवं सामंजस्यपूर्ण प्रतिनिधित्व केलिए तैयार किया जाना चाहिए। बौद्ध फिल्में तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षाओं और स्वयं को सूक्ष्म तरीकों से देखने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती हैं। बौद्ध फिल्मों को आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा माना जा सकता है, जो दृष्टि को नया आकार देती है और देखने का कार्य एक अनुष्ठान प्रक्रिया और चिंतनशील अभ्यास बन जाता है। फिल्मोत्सव का उद्देश्य चलचित्र के जरिए बुद्ध धम्म की समृद्ध आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, दार्शनिक परंपराओं का उत्सव मनाना और उन्हें प्रदर्शित करना है। यह फिल्म महोत्सव धम्म की सार्वभौमिकता को रेखांकित करता है, जो एशियाई बौद्ध देशों में विभिन्न परंपराओं, प्रथाओं और विश्वासों केबीच सामान्य मूल्यों को दर्शाता है, क्योंकि व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र बड़े पैमाने पर समकालीन चुनौतियों से जूझ रहे हैं, चारों ओर अराजकता, अनिश्चितता व मानवीय रिश्तों केलिए बौद्ध धर्म से उत्तर मांग रहे हैं।
बोधिपथ फिल्म महोत्सव का उद्देश्य शक्तिशाली सिनेमाई अभिव्यक्ति से बुद्ध धम्म के मूल्यों को दिखाना और उनका पोषण करना है। पैनल चर्चाएं फिल्म निर्माताओं, विद्वानों और दर्शकों केबीच एक सेतु का काम करेंगी, जिससे सार्थक संवाद और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। यह सुनिश्चित करते हुएकि बुद्ध की शिक्षाएं और दर्शन भविष्य की पीढ़ियों को जागृत और प्रेरित करते रहें, यह महोत्सव तेजीसे आधुनिक होती दुनिया में बौद्ध विरासत को संरक्षित रखने और उसका उत्सव मनाने की आकांक्षा रखता है।