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तेजस में लाइफ सपोर्ट सिस्टम का सफल परीक्षण

डीआरडीओ वायुसेना और रक्षा उद्योग जगत के भागीदारों को बधाई

एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को और विस्तार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 5 March 2025 04:53:29 PM

successful testing of life support system in tejas

बेंगलुरु। भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत बेंगलुरु रक्षा बायो इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल प्रयोगशाला की ओर से हल्के लड़ाकू विमान तेजस केलिए स्वदेशी ऑनबोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम पर आधारित इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम का अधिकतम ऊंचाई पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जिसे उड़ान के दौरान पायलटों केलिए सांस लेने योग्य ऑक्सीजन उत्पन्न करने और नियंत्रित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, इससे पारंपरिक तरल ऑक्सीजन सिलेंडर आधारित प्रणालियों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। यह परीक्षण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड/ एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के एलसीए-प्रोटोटाइप व्हीकल-3 विमान पर किया गया, जिसमें इसकी क्षमता को समुद्र तल से 50000 फीट की ऊंचाई और हाई-जी युद्धाभ्यास सहित विभिन्न उड़ान स्थितियों में कड़े एयरोमेडिकल मानकों पर परखा गया।
इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम के परीक्षण मूल्यांकन में महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे-ऑक्सीजन सांद्रता, डिमांड ब्रीथिंग, सौ प्रतिशत ऑक्सीजन की उपलब्धता, एंटी-जी वाल्व के पूर्ण कार्यात्मक परीक्षण केलिए आवश्यक ऊंचाइयों पर एरोबैटिक युद्धाभ्यास, टैक्सीइंग, टेक ऑफ, क्रूज, जी टर्न और रीजॉइन एप्रोच तथा लैंडिंग के दौरान ब्रीथिंग ऑक्सीजन सिस्टम चालू करना आदि को शामिल किया गया। इस प्रणाली ने सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन से उड़ान मंजूरी केबाद सभी निर्दिष्ट मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम में 10 लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स को एकीकृत किया गया, इसमें लो-प्रेशर ब्रीदिंग रेगुलेटर, बीओएस, इमरजेंसी ऑक्सीजन सिस्टम, ऑक्सीजन सेंसर, एंटी-जी वाल्व जैसे उन्नत उपकरण समाहित हैं। ऑक्सीजन उत्पादन प्रणाली से पायलट की सहनशक्ति एवं परिचालन प्रभावशीलता में वृद्धि होगी। इस प्रणाली का निर्माण एलएंडटी ने विकास सह उत्पादन साझेदार के रूपमें किया है, जो डीआरडीओ तथा भारतीय रक्षा उद्योगों केबीच महत्वपूर्ण सहयोग को दर्शाता है।
इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम स्वदेशी सामग्री से तैयार किया गया है, जो एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को और विस्तार देता है। इस प्रणाली को मिग-29के, दूसरे और विमानों में उपयोग केलिए भी अनुकूलित किया जा सकता है। यह उपलब्धि डीईबीईएल, एडीए, एचएएल, सीईएमआईएलएसी, राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र, वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय और भारतीय वायुसेना के सहयोगात्मक प्रयासों से हासिल की गई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और रक्षा उद्योग जगत के भागीदारों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि यह उपलब्धि अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों केप्रति भारत की वचनबद्धता को सशक्त करती है और यह सही मायनों में ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने भी डीआरडीओ टीम, भारतीय वायुसेना तथा रक्षा उद्योग जगत के भागीदारों की प्रशंसा की है।

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