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Saturday 1 March 2025 06:16:01 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए ‘कृषि क्षेत्र का विकास और गांवों की समृद्धि’ विषय पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा हैकि इसवर्ष का बजट हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है, जिसकी नीतियों में निरंतरता और विकसित भारत का विस्तार दिखाई देता है। उन्होंने बजट से पहले हितधारकों से प्राप्त बहुमूल्य जानकारियों और सुझावों पर कहाकि इसवर्ष के बजट को और अधिक प्रभावी बनाने में विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञ हितधारकों की बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि विकसित भारत हमारा संकल्प है और हमसब मिलकर एक ऐसा भारत बना रहे हैं, जहां किसान और गांव समृद्ध व सशक्त हों। उन्होंने कहाकि हमने कृषि को विकास का पहला इंजन मानते हुए अपने अन्नदाताओं को गौरवपूर्ण स्थान दिया है और हम एकसाथ कृषि क्षेत्र के विकास और गांवों की समृद्धि पर फोकस कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि छह साल पहले लागू की गई पीएम किसान सम्मान निधि योजना केतहत किसानों को लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जा चुके हैं और यह धनराशि सीधे 11 करोड़ किसानों के खातों में हस्तांतरित की गई है। उन्होंने कहाकि 6000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है, योजना का लाभ देशभर के किसानों तक पहुंचाने केलिए किसान केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचा बनाया गया है, जिससे बिचौलियों या लीकेज की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ऐसी योजनाओं की सफलता विशेषज्ञों और दूरदर्शी व्यक्तियों के सहयोग से संभव है। उन्होंने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहाकि सरकार अब इसवर्ष के बजट में की गई घोषणाओं को लागू करने केलिए तेजीसे काम कर रही है और उनसे निरंतर सहयोग की अपेक्षा कर रही है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत का कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तरपर पहुंच गया है, इस सफलता का श्रेय बीज से बाजार तक सरकार के दृष्टिकोण, कृषि सुधारों, किसान सशक्तिकरण और एक मजबूत मूल्य श्रृंखला को जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि बजट में पीएम धन धन्य कृषि योजना की घोषणा की गई है, जिसमें 100 सबसे कम उत्पादक कृषि जिलों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। प्रधानमंत्री ने विभिन्न विकास मापदंडों पर आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम से प्राप्त सकारात्मक परिणामों का उल्लेख किया, जो सहयोग, मेलमिलाप और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से लाभांवित हुए हैं। उन्होंने सभीसे इन जिलों के परिणामों का अध्ययन करने और पीएम धन धान्य कृषि योजना से प्राप्त अनुभव और जानकारी को व्यवहार में लाने का आग्रह किया, जो इन 100 जिलों में किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि हाल के वर्ष में किए गए प्रयासों से देश में दालों का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन घरेलू खपत का 20 प्रतिशत हिस्सा अभीभी आयात पर निर्भर है, जिससे दालों के उत्पादन में वृद्धि की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि भारत ने चना और मूंग के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करली है, लेकिन अरहर, उड़द और मसूर के उत्पादन में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहाकि दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने केलिए उन्नत बीजों की आपूर्ति बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, बाजार की अनिश्चितता और कीमतों में उतार-चढ़ाव से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि पिछले दशक में आईसीएआर ने अपने प्रजनन कार्यक्रम में आधुनिक उपकरणों और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है, इसके परिणामस्वरूप 2014 से 2024 केबीच अनाज, तिलहन, दलहन, चारा और गन्ना सहित फसलों की 2900 से अधिक नई किस्में विकसित की गई हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दियाकि ये नई किस्में किसानों को सस्ती दरों पर उपलब्ध हों और उनकी उपज मौसम के उतार-चढ़ाव से प्रभावित न हो। उन्होंने बजट में उच्च उपज वाले बीजों केलिए एक राष्ट्रीय मिशन की घोषणा का उल्लेख किया। उन्होंने निजी क्षेत्र के प्रतिभागियों से इन बीजों के प्रसार पर ध्यान केंद्रित करने और बीज श्रृंखला का हिस्सा बनकर छोटे किसानों तक पहुंचने का आग्रह किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज लोगों में पोषण के बारेमें जागरुकता बढ़ रही है और बढ़ती मांग को पूरा करने केलिए बागवानी, डेयरी और मत्स्य उत्पादों जैसे क्षेत्रों में काफी निवेश किया गया है। उन्होंने बतायाकि फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने केलिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की गई है। उन्होंने हितधारकों से विविध पोषण खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने के नए तरीके खोजने का आग्रह किया, ताकि देश के हर कोने और वैश्विक बाज़ार तक उनकी पहुंच सुनिश्चित हो सके।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के 2019 में शुभारंभ को याद करते हुए, जिसका उद्देश्य मूल्य श्रृंखला, बुनियादी ढांचे और मत्स्य पालन क्षेत्रके आधुनिकीकरण को मजबूत करना है, प्रधानमंत्री ने कहाकि इस पहल ने मत्स्यपालन क्षेत्रमें उत्पादन, मछली पकड़ने केबाद प्रसंस्करण और विपणन के कार्य में सुधार किया है, जबकि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्रमें निवेश बढ़ा है, जिसके परिणामस्वरूप मछली उत्पादन और निर्यात में दोगुनी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहाकि भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र और खुले समुद्र में मत्स्यपालन को निरंतर बढ़ावा देने केलिए एक योजना तैयार की जाएगी, हितधारकों से इस क्षेत्रमें व्यापार में सुगमता को बढ़ावा देने केलिए विचारों पर मंथन करने और जल्दसे जल्द उनपर काम करना शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने परम्परागत मछुआरों के हितों की रक्षा के महत्व पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की समृद्धि केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कई जनकल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया जैसेकि पीएम आवास योजना-ग्रामीण केतहत करोड़ों गरीबों को घर उपलब्ध कराए जा रहे हैं और स्वामित्व योजना ने संपत्ति मालिकों को 'रिकॉर्ड ऑफ राइट्स' दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक ताकत बढ़ी है और उन्हें अतिरिक्त सहायता भी मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से छोटे किसानों और व्यवसायों को लाभ हुआ है। तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य को दोहराते हुए, जबकि प्रयासों के परिणामस्वरूप 1.25 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, नरेंद्र मोदी ने कहाकि ग्रामीण समृद्धि और विकास कार्यक्रमों केलिए इसवर्ष के बजट में की गई घोषणाओं से रोज़गार के अनेक नए अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहाकि कौशल और प्रौद्योगिकी में निवेश से नए अवसर पैदा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने हितधारकों से इस बातपर चर्चा करने का आग्रह कियाकि जनकल्याणकारी योजनाओं को और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जाए। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि उनके सुझावों एवं योगदान से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे और गांव सशक्त होंगे और ग्रामीण परिवार समृद्ध होंगे। उन्होंने बजट के लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए हितधारकों से एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया।