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Friday 1 April 2016 01:48:36 AM
सिडनी/ नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सिडनी में ‘मेक इन इंडिया कांफ्रेंस-कोलाबोरेशन ग्रोथ विद म्यूचुअल बैनेफिट’ का उद्घाटन किया। वित्तमंत्री ने भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत व्यापार को आसान करने और देश में निवेशक पसंद माहौल बनाने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश के नौजवानों को रोज़गार सुनिश्चित कराने के लिए निर्माण क्षेत्र में वृद्धि की जरूरत पर जोर दिया। अरुण जेटली ने भारत सरकार में लालफीताशाही खत्म करने, नियमों और कार्रवाईयों के सरलीकरण तथा डिलाइसेसिंग समेत व्यापार करने के माहौल निर्माण के लिए उठाए गए ठोस कदमों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार कराधान को पारदर्शी, अस्थायी और आशानुरूप बनाने की दिशा में काम कर रही है।
वित्तमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया भारत का सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है। उन्होंने कहा भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला बड़ा आर्थिक विकास वाला देश बन गया है, विश्व की कई एजेंसियों और संस्थानों ने भारत को निवेश की दृष्टि से सबसे आकर्षक देश का दर्जा दिया है। उन्होंने मौजूदा सरकार में विशेषतौर पर अन्य क्षेत्रों के अलावा रेलवे, रक्षा सेवा और निर्माण के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया। अरुण जेटली ने बताया राष्ट्रीय निवेश और संरचना कोष का गठन किया गया है, जो पेशेवर तरीके से व्यावसायिक रूप से संभव बुनियादी ढांचों की परियोजनाओं का प्रबंधन करेगा। भारत में व्यापार करने पर एक समापन सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें सरकार की नीतियों, सुधारों और कराधान से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई। एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान खनन और संसाधन, कृषि व्यवसाय और स्मार्ट सिटीज और शहरी निराकरण पर तीन समानांतर सत्र का भी आयोजन किया गया।
अरुण जेटली ने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशप से भी मुलाकात की। अरुण जेटली ने कहा कि भारत में आर्थिक सुधार को पूरी तरह स्वीकार कर लिया गया है, खासकर कराधान सुधार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में उन्होंने कहा कि भारत इस समय तीन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है, इनमें सिकुड़ते वैश्विक व्यापार को देखते हुए निजी निवेश को बढ़ाना, दो लगातार खराब मानसून के बाद बेहतर मानसून की आशा ताकि अपर्याप्त बारिश की समस्या से बचा जा सके। अरुण जेटली ने कहा कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी निवेश की बहुत अधिक संभावनाएं हैं, इनमें अन्य क्षेत्रों के साथ रेलवे, रक्षा उपकरण निर्माण के क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई है।
वित्तमंत्री ने मोदी सरकार के आर्थिक सुधार के कदमों और पहलों के बारे में बातचीत की और ऑस्ट्रेलिया के उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशप ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत को विभिन्न तरह की सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, इनमें अन्य क्षेत्रों के अलावा नवाचार, अनुसंधान और विकास तथा डिजाइनिंग, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के क्षेत्र में विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया अपनी सेवाएं दे सकता है। वित्तमंत्री ने बताया कि भारत में नौजवान उद्योगपतियों के बीच नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप योजना शुरू की गई है। उन्होंने यूरेनियम की आपूर्ति के लिए नागरिक नाभिकीय सहयोग पर प्रशासनिक व्यवस्था करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रों और द्विपक्षीय सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक विकास पर चर्चा की। ऑस्ट्रेलिया में होने वाले फेस्टिवल ऑफ इंडिया तथा बढ़ते पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी स्वागत किया गया।
मेक इन इंडिया कांफ्रेंस के दौरान ऑस्ट्रेलिया के विशेष व्यापार दूत एंड्रयू रोब, भारत के उच्चायुक्त नवदीप सूरी, न्यू साउथ वेल्स के पर्यटन और वृहत कार्यक्रम के संसदीय सचिव जोनाथन ओडिया, औद्योगिक नीति और योजना विभाग की संयुक्त सचिव कल्पना अवस्थी तथा सीआईआई के अध्यक्ष सुमित मजूमदार ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का आयोजन औद्योगिक नीति और योजना विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सिडनी में भारतीय महावाणिज्य दूतावास, भारतीय उद्योग परिसंघ और आस्ट्रेड ने संयुक्त रूप से किया था। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई उद्योग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।