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Friday 1 April 2016 05:12:24 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज पुलिस वीक पर पुलिस लाइन लखनऊ में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। राज्यपाल ने इस अवसर पर विशिष्ट सेवाओं के लिए सुतापा सान्याल, चंद्रप्रकाश, दलजीत सिंह चौधरी, सुभाष चंद्र, एमडी कर्णधार, सैय्यद वसीम अहमद और अन्य पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक एवं डॉ जीके गोस्वामी, विजय भूषण, अशोक कुमार, सुनील त्यागी, महेंद्र प्रताप सिंह आदि को वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया। पुलिस वीक पर बेसिक शिक्षामंत्री अहमद हसन, प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा, पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद, वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश पांडेय ने परेड का नेतृत्व किया। परेड में कमांडो, पीएसी, महिला पुलिस, सिविल पुलिस, यातायात पुलिस के दल सम्मिलित थे। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि पुलिस सप्ताह का आयोजन 3 दिन के स्थान पर 7 दिन किया जाए तो ज्यादा से ज्यादा पुलिसकर्मी लाभांवित होंगे। राज्यपाल ने पुलिस अधिकारियों एवं पुलिस कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शांति-व्यवस्था बनाए रखने, महिलाओं, आम आदमी को सुरक्षा प्रदान करने तथा अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के पुलिस के कर्तव्य को और ज्यादा मुस्तैदी से निभाए। राज्यपाल ने कहा कि पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य से समाज का विश्वास आश्वस्त करें। पुलिस थाने जाने वाले नागरिकों की समस्या दूर करने का दायित्व पुलिस का है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी जिस कार्य का दृढ़ संकल्प लेकर सेवा में आए हैं, वे उसके प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखें। उन्होंने कहा कि रैतिक परेड जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर नए सिरे से संकल्प की जरूरत है, परेड से प्रेरणा लेकर प्रदेश में शांति के वातावरण का निर्माण करें।
राज्यपाल राम नाईक ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश पुलिस का एक आदर्श वाक्य होना चाहिए, जिससे पुलिसकर्मी प्रेरणा लेकर सुरुचिपूर्ण तरीके से काम करें। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस का आदर्श वाक्य ‘सदरक्षणाय खलनिग्रहणाय’ है इसका मतलब है कि अच्छो की रक्षा करना और अपराधियों को दंडित करना। उन्होंने कहा कि इससे पुलिसकर्मियों को प्रेरणा मिलेगी और जनता के बीच अच्छा संदेश भी जाएगा। राज्यपाल ने प्रदेश में पुलिस में आधुनिक शस्त्रों एवं वाहनों के प्रयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए तथा आतंकवाद, डकैती, लूट, हिंसा आदि का सामना करने के लिए आधुनिक हथियार और उपकरण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के आधार पर पुलिसिंग होनी चाहिए, मामलों की तफ्तीश व साइबर अपराध जैसे मामलों में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होना चाहिए, इसके लिए अधिकारी से लेकर आरक्षी स्तर के कर्मियों को विधिवत प्रशिक्षण दिया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि पुलिसकर्मी मानसिक दबाव में काम करते हैं, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए योग एवं व्यायाम पर ध्यान देने की जरूरत है, योग और व्यायाम से मष्तिष्क को ताकत और मन को शांति मिलती है। पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिलता इस बात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस ओर अवश्य ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि साप्ताहिक अवकाश के संबंध में कोई निर्णय होगा तो निश्चित रूप से पुलिस की कार्यक्षमता बढे़गी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी वाला प्रदेश है, जिसके कारण पुलिस का कार्य काफी मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मीडिया के लोग पुलिस के अच्छे कार्य को भी समाज के सामने लाएं। राज्यपाल ने प्रदेश की सेवा में अपना बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार की सहायता हेतु केवल सरकार ही नहीं बल्कि, समाज को भी आगे आना होना।