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Friday 15 April 2016 03:15:23 AM
वॉशिंगटन। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि राजदूत माइकल फ्रोमैन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। वित्तमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि भारत और अमेरिका के बीच निरंतर सहभागिता और तेजी से बढ़ती व्यापारिक एवं निवेश भागीदारी इन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहभागिता के महत्वपूर्ण कारक हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस आर्थिक सहभागिता को और मजबूत करने को लेकर आशांवित है। वित्तमंत्री ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ जल्द समग्र समझौता करने को इच्छुक है।
उद्योग जगत के आकलनों के अनुसार, अपने योगदान को वापस पाने में विफल रहने के बावजूद भारतीय प्रोफेशनलों ने पिछले दशक के दौरान अमेरिका की सामाजिक सुरक्षा में 25 अरब अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा का योगदान दिया है। भारत एच-1बी और एल1 वीजा शुल्क में वृद्धि को लेकर चिंतित है, क्योंकि यह भेदभावपूर्ण है और वास्तव में इसके जरिये मुख्यरूप से भारतीय आईटी कंपनियों को निशाना बनाया गया है। वित्तमंत्री फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की बैठकों के साथ-साथ अन्य संबंधित बैठकों में भी हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के अधिकारिक दौरे पर हैं। अरुण जेटली के साथ आरबीआई गवर्नर डॉ रघुराम राजन, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ अरविंद सुब्रह्ममण्यम और अधिकारी भी अमेरिका गए हुए हैं।