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अयोध्या में हो के स्मारक का विस्तार

कोरियाई अधिकारी पर्यटन महानिदेशक से मिले

फरवरी में स्मारक का सौंदर्यकरण-सहगल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 30 April 2016 06:07:54 AM

korean officials meet director general of tourism

लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव सूचना एवं महानिदेशक पर्यटन नवनीत सहगल से कोरिया सरकार एवं नई दिल्ली स्थित कोरिया दूतावास के अधिकारियों ने मुलाकात कर अयोध्या में स्थित क्वीन-हो मेमोरियल के सौंदर्यीकरण एवं विस्तार हेतु विस्तृत चर्चा की। चर्चा के दौरान क्वीन-हो मेमोरियल के लिए कार्ययोजना भी सुनिश्चित की गई। इस अवसर पर प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के सारे प्रयास कर रही है। इस परियोजना की संरचना हेतु कोरिया सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय और नई दिल्ली स्थित कोरिया दूतावास के 8 अधिकारियों के दल ने 28 अप्रैल को अयोध्या का विस्तृत स्थलीय भ्रमण एवं सर्वेक्षण का कार्य भी किया, तदुपरांत लखनऊ में प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन नवनीत सहगल के साथ यह बैठक हुई।
अयोध्या में सरयू नदी के किनारे पर्यटन विभाग की लगभग 30 एकड़ भूमि है, जिसमें क्वीन-हो मेमोरियल, अरबन हाट योजना, रामकथा पार्क एवं अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय हैं, यहां पर क्वीन-हो मेमोरियल से सटी पर्यटन विभाग की काफी भूमि मौजूद है, जिसमें लगभग 16,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में क्वीन-हो मेमोरियल संबंधी परियोजना को क्रियांवित करने की योजना है। पर्यटन विभाग इस योजना के लिए स्थानीय सर्वे रिपोर्ट, स्वॉयल टेस्टिंग एवं अन्य मूलभूत सूचनाएं 15 मई तक कोरिया के अधिकारियों को उपलब्ध कराएगा, जिसके पश्चात कोरिया सरकार डिजाइन डेवलेपमेंट हेतु अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के माध्यम से डिजाइन करने वाली एजेंसी का चयन करेगी। इस एजेंसी को तय किए जाने के लिए ज्यूरी के सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के संबंधित अधिकारी को भी आमंत्रित किया जाएगा। इस साल अगस्त के अंत तक डिजाइन फाइनल कर लिया जाएगा और डीपीआर बनाने का कार्य दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
परियोजना का कार्य फरवरी 2017 में शुभारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना की लागत डिजाइन एवं डीपीआर बनने के उपरांत स्पष्ट हो सकेगी। परियोजना की लागत उत्तर प्रदेश सरकार वहन करेगी और इस परियोजना के डिजाइन एवं सुपरविजन आदि पर होने वाले व्यय का वहन कोरिया सरकार करेगी। बैठक में नई दिल्ली स्थित कोरिया दूतावास के कल्चरल सेंटर के डायरेक्टर किम-कुम-प्यांग एवं कोरिया सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के सहायक निदेशक किम-सुंग-क्युम सहित कोरिया के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय के आर्किटेक्चर फैकेल्टी के प्रोफेसर आर्किटेक्ट कार्तिकेय सक्सेना भी उपस्थित थे। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की ओर से अनूप कुमार श्रीवास्तव उपनिदेशक पर्यटन, क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी फैजाबाद बीपी सिंह एवं अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ वाईपी सिंह प्रमुख रूप से मौजूद थे।
ऐसी मान्यता है कि अयोध्या की राजकुमारी ने लगभग 2,000 वर्ष (सन् 48 ईस्वी) पूर्व जलमार्ग से अयोध्या से कोरिया की यात्रा की थी, जहां उनका विवाह वहां के राजा किम सूरो के साथ हुआ था और राजकुमारी का नाम हू-वांग-आक पड़ा। राजकुमारी हू-वांग-आक एवं राजा किम सूरो से करक वंश की स्थापना हुई। वर्तमान समय में कोरिया में करक वंश के लगभग 70 लाख लोग हैं, जो अपना पैतृक उद्गम इसी वंश से मानते हैं। भारत और कोरिया के मध्य सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से अयोध्या में रानी हू-वांग-आक के मेमोरियल का निर्माण वर्ष 2001 में कराया गया था। वर्तमान संदर्भ में इस मेमोरियल के अग्रेत्तर सौंदर्यीकरण एवं विस्तार की यह योजना विचाराधीन है। इस योजना से भारत एवं कोरिया के सांस्कृतिक संबंध प्रगाढ़ तो होंगे ही, साथ ही यहां पर पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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