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Thursday 5 May 2016 06:09:22 AM
फ्रैंकफर्ट/ नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जर्मनी के शहर फ्रैंकफर्ट में एशियाई विकास बैंक की तीन दिवसीय 49वीं वार्षिक आम बैठक में भाग लिया। बैठक के कारोबारी सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र अब भी विश्व का विकास इंजन बना हुआ है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इस क्षेत्र की विकास दर पिछले साल के अनुमानित 5.9 फीसदी से घटकर वर्ष 2016 और वर्ष 2017 में 5.7 फीसदी रह जाएगी। अरुण जेटली ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत वर्ष 2015-16 में 7.65 फीसदी की ऊंची आर्थिक विकास दर हासिल करने में कामयाब रहा, जबकि पिछले साल यह 7.2 फीसदी आंकी गई थी। इस क्षेत्र के निर्धनतम देशों में विकास एवं गरीबी उन्मूलन में भागीदार बनने की भारतीय प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वित्तमंत्री ने घोषणा की कि सरकार ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के एडीएफ-12 के तहत अपना अंशदान बढ़ाकर 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भारत में विकास की मिसाल को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत सरकार दूरगामी ढांचागत सुधारों के जरिए ‘बदलाव के लिए सुधार’ की अवधारणा को अपना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेश माहौल को बेहतर करने एवं कारोबार में और ज्यादा सुगमता सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा निवेश कोष बनाया गया है, इसी तरह नवाचार, उद्यमिता और रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने के लिए मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्किल इंडिया जैसी अनेक योजनाएं क्रियांवित की जा रही हैं। अरुण जेटली ने कहा कि भारत के व्यापक वित्तीय समावेश कार्यक्रम के परिणामस्वरूप बगैर बैंकिंग सुविधा वाले व्यक्तियों के 200 मिलियन से भी ज्यादा बैंक खातों को खोलना संभव हो पाया है।
एडीबी की भूमिका का उल्लेख करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र जिस तरह से वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में तेजी से हो रहे बदलावों के बीच अपना मार्ग प्रशस्त कर रहा है, ठीक उसी तरह से समय पर मूल्यवान योगदान करने संबंधी एडीबी की क्षमता पर गौर किया जा रहा है। वित्तमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि एडीबी को अभिनव परियोजनाओं के लिए अपनी ओर से सहायता देते हुए परिवर्तन का वाहक बनने की जरूरत है, जो संभवत: स्थानीय प्रयासों के जरिये संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एडीबी के रेजीडेंट मिशनों का सशक्तिकरण और निर्णय लेने में प्रत्यायोजन एवं विकेंद्रीकरण सुधार संबंधी अनिवार्यता हैं। अरुण जेटली ने सुधारों पर निरंतर जोर देने की बात को रेखांकित किया, ताकि एडीबी को एक बेहतर और बड़े एमडीबी में तब्दील किया जा सके।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने फ्रैंकफर्ट के एक दिवसीय आधिकारिक दौरे पर वैश्विक स्तर पर छाई सुस्ती के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अर्थव्यवस्था के सूक्ष्म एवं व्यापक संकेतकों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि विकास के लिए एडीबी के साथ सहयोग भी उनके एजेंडे में है। अरुण जेटली ने जर्मनी के आर्थिक सहयोग एवं विकास से जुड़े संघीय मंत्रालय के पार्लियामेंट्री स्टेट सेक्रेटरी हैंस जोआचिम फुचेल से भेंट की। द्विपक्षीय बैठक के दौरान एडीबी में भारत और जर्मनी के आपसी हित वाले मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। अरुण जेटली ने भूटान के वित्तमंत्री लियॉनपो नैमगे दोरजी से मुलाकात की और भारत से भूटान को हासिल आर्थिक सहायता पैकेजों, भारत द्वारा वित्त पोषित पनबिजली परियोजनाओं पर हुए काम की प्रगति और इस क्षेत्र में उप क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा की।
अरुण जेटली ने पैनल सदस्य के रूप में गोलमेज बैठकों और द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया। इन बैठकों में सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन के प्रेसीडेंट एवं सीईओ तकेशी कुनिबे के साथ बैठक भी शामिल थी। इस साल की सीएनबीसी बहस की थीम ‘एशियाई आर्थिक आउटलुक-2016’ में वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ इंडोनेशिया के वित्तमंत्री बैमबैंग पीएस ब्रॉडजोनेगोरो, पाकिस्तान के वित्तमंत्री मोहम्मद इशाक दार और एडीबी के अध्यक्ष टेकहिको नकाओ ने भी हिस्सा लिया। एशियाई विकास बैंक की 49वीं वार्षिक आम बैठक फ्रैंकफर्ट में 2 से 5 मई तक हुई। वार्षिक बैठक में फ्रैंकफर्ट से जारी वक्तव्यों में एडीबी के अध्यक्ष टेकहिको नकाओ ने भारत की विकास गाथा में विश्वास जताया है। भारत इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। इस संदर्भ में भारत की भूमिका को एजीएम में खास अहमियत दी गई है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एजीएम में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव शक्तिकांत दास के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया।