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Wednesday 18 May 2016 02:20:28 AM
नई दिल्ली/ यांगून। भारत सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण म्यांमार की यात्रा पर गई हैं, उनके नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय सीईओ प्रतिनिधिमंडल भी गया है, जो 20 मई तक म्यांमार की यात्रा पर रहेगा। अपनी एक्ट ईस्ट नीति के एक हिस्से के रूप में भारत यांगून में 20 मई तक एक भारतीय म्यांमार व्यापार सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। म्यांमार में सत्ता परिवर्तन के बाद निर्मला सीतारमण म्यांमार की यात्रा करने वाली भारत की पहली मंत्री हैं। ज्ञातव्य है कि म्यांमार में डाव आंग सान सू की के नेतृत्व में नवंबर 2015 में हुए चुनावों में नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की प्रचंड बहुमत वाली डेमोक्रेटिक सरकार है।
भारत के व्यापार जगत के जाने-माने दिग्गजों का एक 25 सदस्यीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल इस सम्मेलन में भाग ले रहा है। प्रतिनिधिमंडल में डॉ नौशाद फोर्ब्स (सीआईआई के अध्यक्ष), राकेश मित्तल (भारती एंटरप्राइजेज), शोभना कमिनेनी (अपोलो हॉस्पिटल्स), अरुंधति भट्टाचार्य (भारतीय स्टेट बैंक), डॉ राजीव आई मोदी (कैडिला फार्मा) और मधु कन्नान (टाटा संस) जैसी हस्तियां शामिल हैं। जैसा कि उल्लेख किया गया है, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं। सम्मेलन में म्यांमार के अनेक मंत्रियों सहित व्यापार जगत के शीर्ष व्यक्ति भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन भारत-म्यांमार को आर्थिक और सामाजिक प्रगति के नए मार्ग पर उसका भागीदार बनने की अपनी प्रतिबद्धता का एक मजबूत संकेत है।
व्यापार सम्मेलन में कृषि, विनिर्माण, रोज़गार, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा, वायु, समुद्र, जमीन के जुड़ाव, पर्यटन और आतिथ्य, सेज, औद्योगिक क्षेत्र एवं वित्त सहित विभिन्न क्षेत्रों पर सत्र हैं। म्यांमार के विकास के लिए भागीदारियां जुटाना शीर्षक पर सरकार-व्यापार की गोलमेज सभा का आयोजन सम्मेलन की विशेषता है। गोलमेज सभा में सरकार और व्यापार दोनों पक्षों की प्रमुख हस्तियों के भाग लेने की उम्मीद है। निर्मला सीतारमण का म्यांमार के निर्माण मंत्री यू विन खैंग, वाणिज्य मंत्री डॉ थान माइंथ और उद्योग मंत्री यू खिन मौंग चो सहित नई म्यांमार सरकार के मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने का भी कार्यक्रम है। म्यांमार में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत के किसी मंत्री की यह पहली यात्रा है।