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Wednesday 8 June 2016 06:52:08 AM
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध में साइबर मुद्दों पर सहयोग एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। दोनों देशों के बीच सामरिक साइबर संबंध हैं, जिसमें दोनों देशों के साझा मूल्य, समान दृष्टिकोण और साइबर स्पेस के लिए साझा सिद्धांत प्रतिबिंबित होते हैं। दोनों पक्ष व्यापक स्तर पर सहयोग को साइबर क्षेत्र में बढ़ाने तथा इसे संस्थानिक बनाने के मूल्यों को मानते हैं और प्रमुख साझा सिद्धांतों के आधार पर एक ढांचे को पूरा करने का इरादा रखते हैं। भारत-अमेरिका साइबर संबंध की पूर्ण रूपरेखा पर 60 दिनों के भीतर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इस समझौते की व्यापकता को देखते हुए भारत के साइबर सुरक्षा कानून में बड़ा और कड़ा संशोधन हो सकता है। साइबर सिद्धांतों पर नज़र डालें तो यह लगता है कि भारत में सोशल मीडिया और ऑनलाइन मीडिया को नियंत्रित करने के लिए फिर से कड़े नियम कानून बनाए जाएंगे। अभी से सवाल उठ रहा है कि भारत में नागरिक कानूनों को लागू करने में बुरी तरह निष्फल राज्य सरकारें क्या सामाजिक और राजनीतिक भेदभाव से ऊपर उठकर साइबर कानून को निष्पक्ष होकर लागू कर सकेंगी?
भारत-अमेरिका साइबर संबंध के साझा सिद्धांतों में जिन विषयों को शामिल किया गया है वो ये हैं-स्पष्ट, अंत: प्रचालनीय, सुरक्षित और विश्वसनीय साइबरस्पेस माहौल के लिए वचनबद्धता है। व्यापार, वाणिज्य आर्थिक विकास तथा नवाचार के लिए इंटरनेट को इंजन के रूप में बढ़ावा, स्वतंत्र सूचना प्रवाह बढ़ाने, साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध के मामले में निजी तथा सरकारी अधिकारियों के बीच सहयोग, साइबर खतरों से मुकाबला तथा इसमें द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मान्यता प्रदान करना, सांस्कृतिक एवं भाषाई विविधता का आदर करना, एक ऐसी रूपरेखा के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना है, जो साइबरस्पेस के क्षेत्र में किसी राष्ट्र के आचरण और उसके उत्तरदायी व्यवहार के स्वैच्छिक मानदंडों को बढ़ावा देने पर अंतर्राष्ट्रीय कानूनों खासकर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अमल को मान्यता देती हो।
साइबर समझौता सिद्धांतों में इंटरनेट संचालन के बहु हितधारकों वाले मॉडल के प्रति वचनबद्धता है, जो अपने हितधारकों तथा सरकार सहित, सिविल सोसाइटी और निजी क्षेत्र के प्रति पारदर्शी और उत्तरदायी हो तथा इनके बीच सहयोग को प्रोत्साहित करे। राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित साइबर सुरक्षा मामलों में सरकार की प्रमुख भूमिका को मान्यता। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में क्षमता निर्माण सहयोग तथा शोध एवं विकास के महत्व को मान्यता देना तथा महत्व के प्रति साझा वचनबद्धता। दोनों देशों के बीच साइबर अपराध से मुकाबले के लिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों के बीच गहरे सहयोग को बढ़ावा देने की वचनबद्धता। ऑनलाइन मौलिक स्वतंत्रता, मानवाधिकारों के प्रति आदर और इन्हें बढ़ावा देने के प्रति वचनबद्धता। महत्वपूर्ण सूचना तंत्र की सुरक्षा और इसके लचीलेपन को मजबूत करने में सहयोग का इरादा शामिल है।
साझा सिद्धांतों को आगे बढ़ाने में दोनों पक्षों के बीच सहयोग के मुख्य क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा की सर्वश्रेष्ठ कार्यकुशलता की पहचान, सहयोग, सूचना साझा करना तथा इनका क्रियांवयन, दुर्भावनापूर्ण साइबर सुरक्षा के खतरे, आक्रमण की गतिविधियों के समय जब मौजूदा द्विपक्षीय व्यवस्था को दृढ़ता से लागू करना हो तो वास्तविक समय या इसके आसपास की सूचना को साझा करना तथा सूचना के आदान-प्रदान में सुधार के लिए समुचित तंत्र की स्थापना करना। आईसीटी संरचनाओं तथा अंतर्राष्ट्रीय एवं घरेलू कानूनों के तहत इन संरचनाओं की सूचनाओं के प्रति दृढ़ता की सुरक्षा और साइबर खतरे को कम करना तथा व्यावहारिक सहयोग के लिए संयुक्त तंत्र का विकास करना। साइबर सुरक्षा से संबंधित शोध एवं विकास, साइबर सुरक्षा मानक और मान्यता देने की प्रक्रिया सहित सुरक्षा जांच संबंधी ऐसे विषयों पर आगे की सलाह-मशविरा करने सहित साइबर सुरक्षा उत्पादों के विकास के क्षेत्र में बढ़ावा देने में सहयोग करना। पारस्परिक एवं स्वैच्छिक आधार पर आईसीटी संरचनाओं की सुरक्षा में योगदान, साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग को निरंतर बढ़ाना। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं, वार्तालाप, कार्यविधि और कार्यप्रणाली में बढ़ोतरी करना और आवश्यकता होने पर परामर्श करना सम्मिलित हैं।
भारत-अमरीका के बीच साइबर सुरक्षा सिद्धांतों में संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता में वृद्धि करना, इसमें अमेरिका और भारत के संबंधित कानूनों और नियमों के अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक सबूतों हेतु उचित अनुरोध के लिए मसौदा तैयार करना भी सम्मिलित है। साइबर सुरक्षा, साइबर अपराधों पर रोकथाम संबंधी प्रयासों, डिजिटल न्यायिक और कानूनी रूपरेखा के क्षेत्र में संयुक्त रूप से कौशल विकास और क्षमता विकास कार्यक्रमों की शुरुआत करना। साइबरस्पेस में राष्ट्रों के मार्गदर्शन के लिए अंर्तराष्ट्रीय कानूनों की प्रासंगिकता को प्रोत्साहन प्रदान करना और साइबरस्पेस में राष्ट्रों पर इसे लागू करने की ओर खोज करना। शांतिकाल में राष्ट्रों के उत्तरदायी व्यवहार के लिए स्वैच्छिक मानकों को प्रोत्साहन प्रदान करना। इसमें अंर्तराष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में सूचना और दूरसंचार के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के सरकारी विशेषज्ञ दल द्वारा चिन्हित मानक भी सम्मिलित हैं। स्वैच्छिक नियमों के प्रति प्रतिबद्धता, जिसके अंतर्गत दोनों राष्ट्र किसी भी ऐसी ऑनलाइन गतिविधि का संचालन या जानबूझकर समर्थन नहीं करेंगे जिससे जानबूझकर महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचे को नुकसान पहुंचे या अन्य किसी रूप में नागरिकों को सेवा प्रदान करने में महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचे के उपयोग में नुकसान पहुंचे।
भारत-अमरीका साइबर घटनाओं की प्रतिक्रिया में राष्ट्रीय सीएसआईआरटी को रोकने संबंधी किसी भी गतिविधि का संचालन या जानबूझकर सहयोग गतिविधि नहीं करेंगे। दोनों राष्ट्र हानिकारक ऑनलाइन गतिविधि के लिए सीएसआईआरटी का उपयोग भी नहीं करेंगे। एक-दूसरे के क्षेत्र से साइबर अपराधों की जांच, इलेक्ट्रॅानिक सबूतों को एकत्र करने और एक-दूसरे के क्षेत्र से होने वाली दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि की गंभीरता को कम करने में सहयोग के अनुरोध पर एक-दूसरे के साथ अपने घरेलू अधिनियमों और अंर्तराष्ट्रीय अनुग्रहों के अनुरूप आपसी सहयोग करेंगे। दोनों राष्ट्र बौद्धिक संपदा की आईसीटी आधारित चोरी का संचालन या जानबूझकर सहयोग नहीं करेंगे, इसमें कंपनियों या व्यावसायिक क्षेत्र को प्रतिर्स्पधात्मक लाभ देने के उद्देश्य से व्यापारिक राज और अन्य गोपनीय व्यापारिक सूचना आदि सम्मिलित हैं। कंपनियों की आधिकारिक मान्यता सहित दूरसंचार सुरक्षा संबंधी मुद्दों में दूरसंचार उपकरण सुरक्षा मानकों और परीक्षण में पारस्परिक सहयोग करना। अंतर्राष्ट्रीय साइबर स्थिरता और साइबर गतिविधि को अस्थिर करने में साझा और सहभागी तालमेल का विकास करना। आईसीटी उत्पादों और सेवाओं की सुरक्षा में प्रयोगकर्ता के विश्वास में वृद्धि के लिए आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण को समर्थन देने के लिए रणनीति पर विचार-विमर्श करना और साझा करना शामिल है।
समझौता सिद्धांतों में घटना पर प्रतिक्रिया संबंधी सर्वश्रेष्ठ अभ्यास पर वार्ता को बढ़ावा देने का क्रम जारी रखना। विशिष्ट सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए साइबर सुरक्षा के परिदृश्य की प्राथमिकता को शामिल करते हुए संयुक्त टेबलटॉप अभ्यास की सुविधा मुहैया कराना। इंटरनेट संचालन प्रणाली के बहु हितधारकों वाले मॉडल को समर्थन देना। आईसीएएनएन, आईजीएफ और अन्य संस्थाओं सहित इंटरनेट संचालन प्रणाली मंचों से हमारी वार्ता और उनकी सहभागिता तथा दोनों देशों के इन मंचों की सक्रिय भागीदारी को समर्थन देना। अंतर्राष्ट्रीय साइबर अपराध के क्षेत्र में प्रभावी सहयोग के लिए परामर्श करना तथा कदम उठाना। भारत में महत्वपूर्ण इंटरनेट संरचनाओं को मजबूत करना। दोनों देशों द्वारा नियंत्रण की चाहत वाली तकनीक के दोहरे उपयोग सहित तकनीक पहुंच नीति की साझा समझ सुनिश्चित करने के लिए द्विपक्षीय उच्च तकनीक सहयोग समूह के माध्यम से काम करना भी शामिल है।