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Friday 10 June 2016 04:59:05 AM
नई दिल्ली। भारत के बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में कतर से होने वाले निवेश को आकर्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय निवेश एवं इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लिमिटेड और कतर निवेश प्राधिकरण के बीच 5 जून 2016 को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोहा यात्रा के दौरान इस सहमति पत्र पर कतर निवेश प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अल थानी और एनआईआईएफ लिमिटेड की ओर से विदेश मंत्रालय में सचिव अमर सिन्हा ने हस्ताक्षर किए।
सहमति पत्र का उद्देश्य भारत के बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में निवेश अवसरों का अध्ययन करने और इस तरह के निवेश अवसरों के संबंध में सूचनाओं के आदान-प्रदान की रूपरेखा विकसित करने के लिए क्यूआईए को सुविधा प्रदान करना है, ताकि दोनों पक्ष संयुक्त निवेश के बारे में फैसला कर सकें। यह 12 माह प्रभावी रहेगा, जिस दौरान दोनों पक्ष इस तरह के निवेश की शर्तों, सिद्धांतों एवं मानदंड पर चर्चा करेंगे और सहमत होंगे। एनआईआईएफ भारत के बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में उपलब्ध निवेश अवसरों को क्यूआईए के साथ साझा करेगा।
कतर निवेश प्राधिकरण कतर का सॉवरेन वेल्थ फंड है, वह दीर्घकालिक निवेशक है और सभी भौगोलिक क्षेत्रों, सेक्टर एवं परिसंपत्ति वर्गों में निवेश अवसरों तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करता है। भारत सरकार ने इससे पहले एनआईआईएफ के सृजन को मंजूरी दी थी, ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्रोतों से निवेश आकर्षित किया जा सके। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से वाणिज्यिक दृष्टि से लाभप्रद परियोजनाओं में बुनियादी ढांचे के विकास के जरिए पड़ने वाले आर्थिक असर को अधिकतम करना था।