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यूपी में मनोरंजनकर निरीक्षक आंदोलन पर उतरे

'जीएसटी संविलीनीकरण का अभी तक भी अनुपालन नहीं हुआ'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तुरंत हस्तक्षेप करें-निरीक्षक संघ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 29 August 2018 10:59:44 PM

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लखनऊ। मनोरंजनकर निरीक्षक संघ अपनी सेवा संबंधी समस्याओं का निराकरण नहीं होने और उन्हें लगातार लटकाए जाने के कारण आंदोलन पर उतर आया है। निरीक्षक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि वे उनके मामले में सक्षम अधिकारियों को तत्काल समाधान करने के लिए आदेशित करें, ताकि उनकी कार्यशक्ति का राज्य के राजस्व की वृद्धि में समुचित उपयोग हो। मनोरंजनकर निरीक्षक संघ ने इन कारणों से 23 जुलाई 2017 को कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार उत्तर प्रदेश के समस्त ज़िलों और राज्य मुख्यालय पर 27 एवं 28 अगस्त 2018 को काली पट्टी बांधकर कार्य किया और आज समस्त कर निरीक्षकों ने जवाहर भवन मुख्यालय पर एकत्र होकर मुख्यमंत्री से उनके सम्बंध में शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया। मनोरंजनकर निरीक्षक संघ के महामंत्री बीबी सिंह ने बताया कि यह सामूहिक अनुरोध कार्यक्रम था, जो जवाहर भवन-इंदिरा भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पांडेय के नेतृत्व में आयोजित किया गया था।
बीबी सिंह ने बताया कि सामूहिक अनुरोध कार्यक्रम में पूर्व मनोरंजनकर विभाग के अधिकारी संवर्ग के सभी सदस्यों ने समर्थन और सहयोग प्रदान किया और अधिकारी संघ के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने अपने सहयोगी अधिकारी सदस्यों के साथ इस कार्यक्रम में सहभागिता की। इसी प्रकार पूर्व मनोरंजन कर विभाग के लिपिक संघ के महामंत्री राजीव रतन प्रसाद एवं अध्यक्ष आरके द्विवेदी के साथ मुख्यालय के समस्त कर्मचारियों ने भी अनुरोध कार्यक्रम में सहयोग और समर्थन प्रदान किया। कमिश्नर वाणिज्यकर उत्तर प्रदेश के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित करने हेतु ज्ञापनस्वरूप अनुरोध-पत्र डिप्टी कमिश्नर वाणिज्यकर जवाहर भवन को सौंपा गया। ज्ञापन अनुरोध-पत्र में मुख्यमंत्री को याद दिलाया गया है कि मनोरंजनकर विभाग समाप्त करते हुए उसे वाणिज्यकर विभाग में संविलीन तो कर दिया गया, किंतु उसके पश्चात की कार्यवाही अभीतक भी पूर्ण नहीं हो पाई है।
संविलीनीकरण के संबंध में तिथिवार घटनाचक्र का उल्लेख करते हुए ज्ञापन में लिखा गया है कि 1 जुलाई 2017 को उत्तर प्रदेश में जीएसटी लागूकर मनोरंजनकर अधिनियम 1979 समाप्त कर दिया गया, किंतु मनोरंजनकर विभाग के कार्मिकों के संबंध में कोई भी निर्णय नहीं लिया गया। ज्ञापन के अनुसार दिनांक 6 फरवरी 2018 को राज्य मंत्रिपरिषद ने सम्पूर्ण मनोरंजनकर विभाग को समाप्त करते हुए उसके समस्त कार्मिकों को वाणिज्यकर विभाग में शामिल किए जाने का निर्णय लिया था और इस निर्णय में ही मनोरंजनकर निरीक्षक को सहायक वाणिज्यकर अधिकारी पदनाम से संविलीन किया गया। दिनांक 24 अप्रैल 2018 को मनोरंजनकर विभाग समाप्त कर वाणिज्यकर विभाग में संविलीन किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई, अधिसूचना में मनोरंजनकर निरीक्षकों के संबंध में निर्णय बाद में लिए जाने का उल्लेख किया गया, कार्मिकों की सेवाशर्तें और वरिष्ठता बाद में निर्धारण करने करने के निर्देश दिए गए, मगर दिनांक 29 अगस्त 2017 को मंत्रिपरिषद के निर्णय का दिनांक 6 फरवरी 2018 को पूर्ण अनुपालन नहीं हो सका है।
बीबी सिंह ने बताया कि इस संबंध में कोई निर्णय नहीं होने से समाप्त मनोरंजनकर विभाग के कार्मिकों को जीएसटी एक्ट के अंतर्गत दायित्व निर्वहन हेतु कार्य आवंटन नहीं हुआ है, एक वर्ष से अधिक समय से कार्मिकों की कार्य शक्ति का क्षरण हो रहा है, यह सरकार एवं राजस्व हितों के प्रतिकूल है। उनका कहना है कि इस संबंध में मनोरंजनकर अधिकारी संघ ने लगातार प्रत्यावेदन देकर एवं व्यक्तिगत सम्पर्क करते हुए शीघ्र निर्णय लेने हेतु उच्चाधिकारियों से अनुरोध किया गया, किंतु अबतक परिणाम शून्य ही है। बीबी सिंह ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में प्रदेश की भांति ही वाणिज्यकर एवं मनोरंजनकर पृथक-पृथक इकाई थे, वहां पर यह प्रक्रिया सितम्बर 2017 में ही पूर्ण कर ली गई, किंतु उत्तर प्रदेश में किन कारणों से विलंब हो रहा है, यह समझ से परे है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि वे मनोरंजनकर अधिकारी संघ के पूर्व के प्रत्यावेदनों के आलोक में दिनांक 6 मई 2018 को मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार मनोरंजनकर निरीक्षकों के संविलियन के साथ-साथ, सेवा शर्तें और ज्येष्ठता तय करने के सम्बंध में शीघ्र निर्णय लेने हेतु सक्षम अधिकारियों को निर्देशित किया जाए, जिससे कार्मिकों के मध्य व्याप्त हताशा निराशा तथा अनिश्चितता का वातावरण समाप्त हो।

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