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Sunday 9 September 2018 11:35:11 PM
लखनऊ। आम शिक्षक शिक्षा मित्र एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष उमा देवी ने डॉ दीपशिखा को शिक्षा मित्र एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर और मनोरमा ओझा को प्रदेश महामंत्री पद पर मनोनीत किया है। आम शिक्षक शिक्षा मित्र एसोसिएशन के महामंत्री पद पर मनोनयन के बाद मनोरमा ओझा ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के जिलों की बैठक करके शिक्षा मित्रों के आगामी आंदोलन की रणनीति घोषित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि डॉ दीपशिखा वह शिक्षा मित्र है, जिसने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित वीडियो में सहायक शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़े और शिक्षामित्रों को अवसर प्रदान करने में बार-बार भर्ती परीक्षा नियम बदलने और भ्रष्टाचार की अनदेखी करने जैसे अनेक गंभीर आरोप लगाए हैं। डॉ दीपशिखा का यह वीडियो ज़बरदस्त वायरल हुआ है और योगी सरकार को इसमें उठाए गए तथ्यों का संज्ञान लेना पड़ा है।
शिक्षक शिक्षा मित्र एसोसिएशन की अध्यक्ष उमा देवी ने राज्य मुख्यालय पर मीडिया को बताया कि उत्तर प्रदेश में एक लाख 72 हजार शिक्षा मित्र हैं, इनमें 75 प्रतिशत महिलाएं हैं फिर भी सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि इको गार्डन लखनऊ में उनका 18 मई से अनवरत धरना प्रदर्शन चल रहा है। उमा देवी ने कहाकि अगर मामले का समयबद्ध निस्तारण नहीं किया गया तो आंदोलन को वृहद किया जाएगा। उमा देवी का कहना है कि बेटी बचाओ और महिलाओं के सम्मान का नारा देने वाली भाजपा सरकार के शासनकाल में हजारों महिला शिक्षामित्र उपेक्षित हैं, सड़क पर हैं। उमा देवी ने कहा कि महिलाओं को सम्मान देने की पहल करते हुए उन्होंने अपने संगठन में महामंत्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष जैसे अहम पद एसोसिएशन की महिला सदस्यों को सौंपे हैं।
मनोरमा ओझा ने बताया कि ईको गार्डन में उनका संगठन 9 से 24 जून तक अनशन पर था और 25 से 27 जून तक आमरण अनशन कर चुका है। उन्होंने कहा कि इस दौरान 101 ब्राह्मण शिक्षा मित्रों ने अपने जनेऊ तक का त्याग किया, यही नहीं 25 जुलाई को सामूहिक मुंडन करवाया गया। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई 2017 को ही समायोजन रद्द किया गया था, इस आंदोलन में 63 महिलाओं और 450 पुरुष शिक्षा मित्रों ने मुंडन करवाया। डॉ दीप शिखा ने भी मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों की मांग यह है कि आईटीई एक्ट 2009 के तहत 124,000 पैरा टीचर को अपग्रेड करते हुए शिक्षा का अधिकार कानून के तहत पूर्ण शिक्षक का दर्जा एवं उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार पूर्णशिक्षक का वेतनमान दिया जाए।
डॉ दीप शिखा का कहना है कि जो शिक्षा मित्र आईटीई एक्ट 2009 में किसी विधिक पहलू के कारण नहीं समाहित हो सकते हैं, उन्हें भारत के राजपत्र 2017 के अनुसार सहायक अध्यापक पद पर रखते हुए चार वर्ष में उत्तराखंड की तर्ज पर टेट उत्तीर्ण करने की छूट प्रदान की जाए, जो शिक्षा मित्र टेट उत्तीण हैं, उनको बिना लिखित परीक्षा उम्र और अनुभव का भरांक देकर नियमित किया जाए, बिहार मॉडल के तर्ज पर असमायोजित शिक्षा मित्रों को समान कार्य समान वेतन के आधार पर 12 माह 62 वर्ष सेवा का अवसर दिया जा, मृतक 806 शिक्षा मित्रों के परिवार को उचित मुआवजा और आर्थिक सुरक्षा के लिए परिवार के किसी एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाए।