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Monday 20 May 2019 01:42:32 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित की पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ और ‘हिंद स्वराज्य का पुनर्पाठ’ का विमोचन किया। विश्वेश्वरैया हाल लखनऊ में आयोजित विमोचन कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित की पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ और ‘हिंद स्वराज्य का पुनर्पाठ’ वास्तव में समाज को दृष्टि देने वाली सामयिक एवं प्रासंगिक पुस्तक हैं। उन्होंने कहा कि गीता, रामायण, कुरान, बाइबिल और अन्य पुस्तकों के बारे में अनेक लोगों ने लिखा है पर हर लेखक के लिखने के बाद नई-नई बातें समाने आती हैं, उसी प्रकार हृदयनारायण दीक्षित की पुस्तकों में बड़े सहज और सरल ढंग से नई बातें सामने आती हैं, यही उनकी विशेषता है। उन्होंने उद्गार व्यक्त किए कि उनकी लेखनी से ईर्ष्या होती है, क्योंकि उनकी कलम बड़ी विनम्रता और सहजता से चलती है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि हृदयनारायण दीक्षित का लेखन सरल होता है पर विषय गंभीर होते हैं तथा वे संदर्भ बड़े प्रमाणिक ढंग से प्रस्तुत करते हैं। राम नाईक ने कहा कि हृदयनारायण की अब तक 28 पुस्तकें व 5000 लेख प्रकाशित हो चुके हैं। राज्यपाल ने कहा कि हृदयनारायण दीक्षित ने एक समय में अपनी जुड़वां पुस्तकों का प्रकाशन किया। उन्होंने कहा कि पूरा देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है, ऐसे में हृदयनारायण दीक्षित की पुस्तक के माध्यम से गांधीजी के विचारों को जानने और समझने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि हृदयनारायण दीक्षित उन्नाव से आते हैं, जो साहित्यकारों, क्रांतिकारियों और विद्वानों की धरती है। उन्होंने कहा कि बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हृदयनारायण दीक्षित से उनका परिचय काफी पुराना है और दोनों ही एक ही राजनैतिक दल से आते हैं बस फर्क इतना है कि वे पार्टी से त्यागपत्र देकर आए हैं और हृदयनारायण दीक्षित पार्टी से जुड़े हुए हैं, वास्तव में वे एक अच्छे लेखक, प्रखर वक्ता और योग्य पत्रकार हैं। राम नाईक ने प्रशंसा की कि हृदयनारायण दीक्षित विधानसभा अध्यक्ष के नाते सदन का बेहतरीन संचालन भी करते हैं।
न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन ने पुस्तक ‘मधु अभिलाषा’ पर चर्चा करते हुए कहा कि हृदयनारायण दीक्षित ने प्रस्तावना में अद्भुत बातें लिखी हैं, जो विचार करने पर मजबूर करती हैं। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक से समाज लाभांवित होगा। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने अपनी पुस्तकों पर संक्षिप्त चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता ‘राष्ट्रधर्म’ के संपादक ओमप्रकाश पांडेय ने की। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने पुस्तकों का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन दूरदर्शन लखनऊ के आत्मप्रकाश मिश्र ने किया और हृदयनारायण दीक्षित के जीवन पर आधारित एक लघु वृत्तचित्र भी प्रस्तुत किया। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में अनामिका प्रकाशन के प्रमुख विनोद कुमार शुक्ल और बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।