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Saturday 17 August 2019 04:19:06 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा खरीद प्रक्रिया-2016 और रक्षा खरीदी नियमावली-2009 की समीक्षा करने के लिए महानिदेशक (अधिग्रहण) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति के गठन को मंजूरी दी है। यह समिति परिसंपत्ति अधिग्रहण से जीवनचक्र समर्थन तक निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रक्रियाओं को संशोधित और अनुकूल बनाएगी। डीपीपी 2016 और डीपीएम 2009 का संशोधन होना है। प्रक्रियाओं को अनुकूल बनाने से परिसंपत्ति अधिग्रहण से जीवनचक्र सहायता तक निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित होगा और सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल मजबूत होगी। महानिदेशक के अलावा समिति में 11 सदस्य, संयुक्त सचिव और मेजर जनरल के समकक्ष पद के अधिकारी हैं।
रक्षा खरीद प्रक्रिया समिति के विचारणीय विषयों में जो बिंदु शामिल हैं, वे इस प्रकार हैं-डीपीपी 2016 और डीपीएम 2009 में दी गई प्रक्रियाओं को संशोधित करना, ताकि प्रक्रियात्मक अड़चनों और जल्दबाजी से रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया को दूर किया जा सके। डीपीपी 2016 और डीपीएम 2009 के प्रावधान, जहां भी लागू हों उन्हें अनुकूल और मानकीकृत करने का प्रावधान, ताकि उपकरणों के लिए जीवनचक्र सहायता को अधिक से अधिक बढ़ाया जा सके। भारतीय उद्योग की अधिक से अधिक भागीदारी में मदद करने और मजबूत रक्षा औद्योगिक आधार विकसित करने के लिए नीति और प्रक्रियाओं को सरल बनाना।
रक्षा खरीद प्रक्रिया समिति में जहां भी लागू हो, नई अवधारणाओं जैसे कि जीवनचक्र लागत, जीवनचक्र सहायता कार्य प्रदर्शन आधारित लॉजिस्टिक्स, आईसीटी, लीज अनुबंध, कोडिफिकेशन और मानकीकरण की जांच करना तथा उन्हें शामिल करना। भारतीय स्टार्टअप और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के प्रावधान शामिल करना। कोई अन्य पहलू जो अधिग्रहण प्रक्रिया को परिष्कृत करे और मेक इन इंडिया पहल का समर्थन करने में योगदान दे। समिति को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है।