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Wednesday 21 August 2019 04:12:00 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना मुख्यालय को पुनर्गठित करने के बारे में कुछ निर्णयों को अपनी मंजूरी दे दी है। सेना मुख्यालय के विस्तृत आंतरिक अध्ययन के आधार पर यह मंजूरी दी गई है। निर्णय अनुसार तीनों सेनाओं के प्रतिनिधित्व सहित सेना प्रमुख के अधीन एक अलग सतर्कता प्रकोष्ठ-फिलहाल अनेक एजेंसियों के माध्यम से सेना प्रमुख के लिए सतर्कता संबंधी क्रियाकलाप किया जाता है और इसमें किसी एक एजेंसी का हस्तक्षेप नहीं है। सेना प्रमुख के अधीन एक स्वतंत्र सतर्कता प्रकोष्ठ को चालू किया जाएगा। इसके अनुसार इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सेना प्रमुख के अधीन सीधे-सीधे अपर महानिदेशक सतर्कता को पदस्थापित किया जाएगा। इसमें कर्नलस्तर के तीन अधिकारी भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना में से एक-एक अधिकारी शामिल होंगे। यह सेना मुख्यालय के मौजूदा पदों के तहत किया जाएगा।
मानवाधिकारों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उपसेना प्रमुख के अधीन केंद्रितसंगठन-मानवाधिकार से जुड़े करारों और मूल्यों के पालन को उच्च प्राथमिकता देने के लिए उपसेना प्रमुख के अधीन अपर महानिदेशक (मेजर जनरल रैंक के अधिकारी) के नेतृत्व में एक विशेष मानवाधिकार अनुभाग स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह मानव संसाधन संबंधी किसी प्रकार के उल्लंघन की रिपोर्ट की जांच करने के लिए शीर्ष बिंदु होगा। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए और सर्वश्रेष्ठ जांच विशेषज्ञता सुनिश्चित करने के लिए, अनुभाग में एसएसपी, एसपी रैंक के एक पुलिस अधिकारी को प्रतिनियुक्त किया जाएगा। फील्ड आर्मी के फॉर्मेशनों और यूनिटों में सेना मुख्यालय के 206 सेना अधिकारियों को पदस्थापित किया जाएगा, सेना मुख्यालय से कुल 206 अधिकारियों को कार्य के अनुकूल बनाकर इन्हें फील्ड आर्मी के फॉर्मेशनों व यूनिटों के लिए अतिरिक्त रूपसे उपलब्ध कराया जाएगा, इसके तहत 3 मेजर जनरल, 8 ब्रिगेडियर, 9 कर्नल, 186 लेफ्टिनेंट कर्नल व मेजर कुल 206 पदों की संख्या है।