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Wednesday 28 August 2019 05:20:00 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के 49वें स्थापना दिवस पर कहा है कि सरकार की चर्चा विकास के कार्यों को लेकर होती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन कर दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं, जिसके लिए निहायत जरूरी है कि देश की आंतरिक कानून व्यवस्था मजबूत हो। उन्होंने कहा कि यदि आंतरिक सुरक्षा मजबूत नहीं होगी तो 5 ट्रिलियन इकोनॉमी भी मुश्किल है और आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने में बीपीआरडी की भूमिका थिंकटैंक की है। गृहमंत्री ने कहा कि सीआरपीसी तथा आईपीसी में बदलाव वक्त की जरूरत है, जिसपर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयस्तर की नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और फॉरेंसिंक यूनिवर्सिटी बनेगी, जिसका उद्देश्य पुलिस तथा सशस्त्रबलों में जानेवाले विद्यार्थियों को तैयार करना होगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में केसों में सजा कराने का अनुपात दयनीय है, जिसे फॉरेंसिक साइंस की वैज्ञानिक रिपोर्ट की मदद से सुधारा जा सकता है, इसके लिए मानव संसाधन की व्यवस्था भी करनी होगी। उन्होंने कहा कि जेल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण की आवश्यकता है, जिससे मुजरिमों को सजा के बाद बाहर आने पर अच्छा नागरिक बनाया जा सके। अमित शाह ने कहा कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो राज्यों की पुलिस व्यवस्था सुदृढ़ करने में प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि बीपीआरडी को राज्य की पुलिस आधुनिकीकरण का सशक्त प्लान बनाना चाहिए। अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की स्थापना से पचासवें वर्ष में प्रवेश पर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी और कहा कि यदि कोई संस्था 50 साल तक चलती है तो साबित होता है कि उस संस्था के काम में दम है और काम करने वालों में भी दम है।
अमित शाह ने कहा कि जब देश में अंग्रेजों के समय में पुलिस व्यवस्था की स्थापना की गई थी तब राज्य का रक्षण, खजाने का रक्षण क्रांतिकारियों का दमन आदि की सोच थी, यह उनकी सोच को दर्शाता था, क्योंकि उन्हें अपना राज बरकरार रखना था। अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने पहली बार पुलिस को लोगों की सेवा और मानव अधिकारों की रक्षा का दायित्व सौंपा और मुझे संतुष्टि है कि अभीतक यह कार्य बखूबी किया जा रहा है। उन्होंने पुलिस व्यवस्था के साथ पुलिसिंग व्यवस्था में सुधार को समय की आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में चुनौतियां बदल रही हैं, जिनका सामना करने के लिए लिए पुलिस के आधुनिकीकरण पर जोर देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा में 34800 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों ने बलिदान दिया है, तब जाकर यह साख बनी है जिसे बरकरार रखना होगा।
गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, नक्सलवाद अपराध, कानून व्यवस्था आदि अनेक चुनौतियां हैं, इसलिए ऐसी तकनीक विकसित होनी चाहिए कि अपराध होने से पहले ही उसे रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए लगातार आधुनिकीकरण भी जरूरी है, हमें प्रधानमंत्री की स्मार्ट पुलिस की संकल्पना को साकार करना है और जनता की अपेक्षा पर खरा उतरने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है। जी किशन रेड्डी का कहना था कि ऑनलाइन फ्रॉड तथा साइबर क्राइम सहित यातायात के नियमों पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि 2015 में नरेंद्र मोदी सरकार के समय में वूमेन सेफ्टी विंग स्थापित की गई थी, जो आज पूर्णतया सक्रिय है। इस मौके पर भारत सरकार के गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, महानिदेशक बीपीआरडी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।