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Thursday 29 August 2019 12:51:39 PM
कोच्चि। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने चक्रवात अभिज्ञान रडार भवन भारतीय नौसेना को सौंप दिया है। नौसेना और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के बीच कोच्चि नौसेना बेस में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल आरजे नाडकर्णी और मौसम विज्ञान के अपर महानिदेशक (उपकरण) वैज्ञानिक 'जी' डॉ डी प्रधान ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से भारतीय नौसेना कोच्चि नौसेना के परिसर में सीडीआर भवन का उपयोग मौसम संबंधी उद्देश्यों के लिए करने में सक्षम हो सकेगी। वैज्ञानिक 'जी' डॉ डी प्रधान ने भवन की चाबी कमोडोर दीपक कुमार चीफ स्टाफ ऑफिसर (परिचालन) एसएनसी को कमोडोर मनोज कुमार सिंह कमोडोर नौसैनिक समुद्र विज्ञान एवं मौसम विज्ञान नौसेना मुख्यालय नई दिल्ली की उपस्थिति में सौंपी। भवन का उपयोग 2013 में स्थापित परिचालन इकाई भारतीय नौसैनिक मौसम विज्ञान विश्लेषण केंद्र से किया जाएगा।
सीडीआर भवन का निर्माण नौसेना बेस के अंदर 1983-86 के दौरान किया गया था, जिसमें मैसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के संस्थापित एक एस-बैंड चक्रवात अभिज्ञान रडार था। इस सुविधा का संचालन आईएमडी ने 1987-2017 के दौरान पुराने कोच्चि हवाईअड्डे-वर्तमान में नौसैनिक हवाईअड्डा आईएनएस गरुड़ पर नागरिक उड्डयन के लिए मौसम संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए किया था। वर्ष 2017 में एस-बैंड रडार अप्रचलित हो जाने पर आईएमडी ने मुंडमवेली कोच्चि में एक नया डॉपलर वेदर रडार संचालित करना प्रारंभ किया, तबसे सीडीआर भवन खाली पड़ा था और किसी भी उपयोग में नहीं लाया जा रहा था। भारतीय नौसेना के अनुरोध पर आईएमडी ने इस भवन को मौसम संबंधी उद्देश्यों के लिए स्थायी रूपसे उसे सौंपने पर सहमति व्यक्त की है।