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Friday 20 September 2019 02:07:34 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने दृश्य सीमा से आगे हवा से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइल ‘अस्त्र’ के सुखोई-30 एमकेआई विमान से ओडिशा के चांदीपुर तट पर सफल परीक्षण किए हैं। ये परीक्षण 16 से 19 सितंबर 2019 के बीच किए गए। ये परीक्षण भारतीय वायुसेना ने सभी संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए लक्षित विमान जेट बेनशी के विरुद्ध किए। मिसाइल के अलग-अलग प्रारुपों के पांच परीक्षण किए गए। इस अभियान के दौरान तीन मिसाइलों के कॉम्बेट प्रारूप का आयुध के साथ परीक्षण किया गया। मिसाइल की मारक क्षमता को स्थापित करने के लिए पैंतरेबाज लक्ष्यों पर निशाना साधकर उन्हें नष्ट किया गया। इन परीक्षणों में अधिकतम रेंज वाली टेलीमीटर मिसाइल से किया गया सीधा हमला भी शामिल है। मिसाइल की उप प्रणालियों ने सभी मिशन मापदंडों और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सटीक प्रदर्शन किया।
आधुनिक दिशा-निर्देश और नौवहन तकनीक से लैस अस्त्र बीवीआरएएएम की मारक क्षमता 100 किलोमीटर से अधिक है। लक्ष्य को सौ फीसदी सटीकता के साथ भेदने के लिए इस मिसाइल में पथप्रदर्शक और आरएफ की खोज करने वाला टर्मिनल पथप्रदर्शक लगा है। डीआरडीओ ने वायुसेना के साथ मिलकर एक अत्याधुनिक बीवीआरएएम के निर्माण के लिए हथियार प्रणाली के उपयोगकर्ता परीक्षण चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इस हथियार को विमान में लगाने के लिए उसे उन्नत बनाने में अहम भूमिका निभाई है। अस्त्र हथियार प्रणाली को विकसित करने में 50 से ज्यादा सरकारी और निजी उद्योगों ने योगदान दिया है। मिसाइल के मौजूदा परीक्षणों ने युद्ध के अलग-अलग हालात में इस मिसाइल प्रणाली की क्षमता को साबित किया है।
अस्त्र मिसाइल के इस्तेमाल को लेकर जबरदस्त भरोसा है। अस्त्र के पांच सफल परीक्षणों का परिणाम भारतीय वायु सेना की मिसाइल प्रणाली में इसे शामिल किए जाने के तौरपर निकलेगा। अपनी सटीकता और हवाई खतरों को प्रभावी ढंग से नष्ट करने की खूबी के कारण यह वायुसेना की क्षमता में निश्चित तौरपर काफी इजाफा करेगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ जी सतीश रेड्डी ने दुर्जेय श्रेणी की हथियार प्रणाली के विकास एवं फ्लाइट परीक्षण के लिए अस्त्र की टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक भविष्य की हवा से हवा और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और वायुसेना टीमों को इन सफल परीक्षणों के लिए बधाई दी है।