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Sunday 25 July 2021 12:37:26 PM
शिलांग। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिलांग में उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र यानी एनईसैक के बहुउद्देशीय सम्मेलन केंद्र और प्रदर्शनी सुविधा का शिलान्यास किया। उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के संचालन संबंधी उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। गृहमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सुरक्षा और विकास की भी गहन समीक्षा की। अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद विगत 7 वर्ष में नॉर्थ ईस्ट की विकास यात्रा पिछले 70 साल में हुए विकास की तुलना में बहुत तेज और आगे है। गृहमंत्री ने कहा कि रेल कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी और रोड कनेक्टिविटी के साथ-साथ आईटी की कनेक्टिविटी से नॉर्थ ईस्ट को जोड़ा गया है। गृहमंत्री ने कहा कि इन 8 राज्यों के समूह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अष्टलक्ष्मी कहते हैं और सभी आठ राज्य एक-दूसरे के सहयोग से विकास की दृष्टि से आगे बढ़ रहे हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एनईसैक सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं और उनको एनईसैक बैठक में बताया गया कि पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ प्रबंधन केलिए 110 परियोजनाओं का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। अमित शाह ने इसपर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पूर्वोत्तर को बाढ़ मुक्त बनाने केलिए बड़े-बड़े तालाबों में जल संचय करने को कहा। अमित शाह ने कहा कि पहले पूर्वोत्तर में घुसपैठ, आतंकवाद और भ्रष्टाचार की बात होती थी, लेकिन आज विकास, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट की चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने नार्थ ईस्ट में दशकों से परेशान करने वाले मुद्दों का हल निकाला गया है, इसमें बांग्लादेश से सीमा विवाद, एनएलएफटी से समझौता, ब्रू-शरणार्थियों की त्रिपुरा, मिजोरम की समस्याएं तथा बोडो शांति समझौता प्रमुख है। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व की सभी जटिल समस्याओं का समाधान होगा तथा हर राज्य की सीमाओं का आंतरिक विवाद एवं मणिपुर और नागालैंड के उग्रवादी गुटों को आत्मसमर्पण कराकर मुख्यधारा में शामिल करना हम सबका सामूहिक उद्देश्य और सामूहिक लक्ष्य होना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि ड्रग फ्री, टेररिज्म फ्री और विकसित नॉर्थईस्ट बनाने में एनईसैक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि एनईसैक सोसाइटी के माध्यम से योजनाओं को वैज्ञानिक आधार मिल सकता है और इनकी नींव पर उत्तर-पूर्व को विकसित करना है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय और एनईसैक के कॉर्डिनेशन से बाढ़ प्रबंधन के लिए सिंगल विंडो बनाया जाएगा, जिससे समय पर राज्यों को आपदा की जानकारी मिल सके। अमित शाह ने आश्वस्त किया कि उत्तर-पूर्व के लिए बजट की कोई सीमा नहीं है, किंतु खर्च का प्रॉपर यूटिलाइजेशन होना चाहिए, यदि परिणाम मिलते हैं तो भारत सरकार को इंवेस्टमेंट करने में कोई दिक्कत नहीं। उन्होंने कहा कि नार्थ-ईस्ट की भौगोलिक स्थिति और दुर्गमता अलग तरह की है, इसलिए विकास को गति देने के लिए रणनीति बनाकर काम करने की आवश्यकता है। अमित शाह ने कहा कि आनेवाले समय में आपदा जोखिम को जीरो तक ले जाने केलिए एक सिंगल विंडो बनाने का काम किया जाएगा, आपदा प्रबंधन और एनईसैक के बीच में एक कोआर्डिनेशन हो जिससे बिजली गिरने की चेतावनी भी लगभग 36 घंटे पहले मिल सकती है।
गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने विश्व को झकझोर कर रख दिया और पूरी मानव जाति के सामने बहुत बड़ा खतरा बनकर आई ऐसे समय में भी भारत सरकार की प्राथमिकता नॉर्थईस्ट रहा है, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां सभी में नॉर्थ ईस्ट को प्राथमिकता दी गई, वैक्सीनेशन कार्यक्रम में भी उत्तर-पूर्व को प्राथमिकता दी जा रही है। गृहमंत्री ने मणिपुर की मीराबाई चानू के टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग के 49 किलोग्राम वर्ग में भारत के लिए सिल्वर मेडल प्राप्त करना गौरवांवित करने वाला क्षण बताया। पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में गृहमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को उग्रवाद मुक्तकर इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास पर बल दिया। अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों की सुरक्षा स्थिति में विगत वर्षों में हुए उल्लेखनीय सुधार केलिए सभी की सराहना करते हुए शांति समझौतों का शीघ्रतापूर्वक क्रियांवयन करने को कहा। गृहमंत्री ने त्रिपुरा में ब्रू पुनर्वास और असम में बोडो समझौतों की दशकों पुरानी समस्या के समाधान का उल्लेख किया। अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से राज्यों के सीमा विवाद को परस्पर विचार-विमर्श करके सौहार्दपूर्ण वातावरण में शीघ्रतापूर्वक सुलझाने का अनुरोध किया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत पूर्वोत्तर राज्यों के इंफ़्रास्ट्रक्चर को विकसित करने केलिए अनेक दूरगामी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश में चिटगांव और म्यांमार में सितवे बंदरगाहों से जोड़ा जा रहा है, महत्वपूर्ण सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाकर अपग्रेड किया जा रहा है तथा अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड और मिज़ोरम जैसे पहाड़ी राज्यों को रेलमार्ग से जोड़ा जा रहा है। अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों के प्राकृतिक सौंदर्य को दृष्टिगत रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया। बैठक में डोनर मंत्री जी किशन रेड्डी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विभाग मंत्री में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह और डोनर राज्यमंत्री बीएल वर्मा, केंद्रीय गृह सचिव, पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।