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Monday 16 August 2021 12:45:16 PM
नई दिल्ली। भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परमवीर चक्र से सम्मानित सूबेदार मेजर (आनरेरी लेफ्टिनेंट) योगेंद्र सिंह यादव को आनरेरी कैप्टन पद से सम्मानित किया है। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव सिरोही सैन्य सचिव एवं कर्नल द ग्रेनेडियर्स ने सैन्य मुख्यालय नई दिल्ली में उन्हें रैंक के बैज लगाए। सूबेदार मेजर (आनरेरी लेफ्टिनेंट) योगेंद्र सिंह यादव केवल 19 वर्ष की आयु में युद्ध के दौरान सर्वोच्च वीरता सम्मान, परमवीर चक्र से सम्मानित होनेवाले सबसे कम आयु के व्यक्ति हैं। उनके साहसिक कार्यों के कारण ही 18 ग्रेनेडियर्स को टाइगर हिल परिसर के मुख्य भागों पर कब्जा करने में मदद मिली थी। उनकी बहादुरी का विशिष्ट कार्य 4 जुलाई 1999 को हुआ, जब उन्हें 18 ग्रेनेडियर्स की घातक कमांडो प्लाटून का नेतृत्व करते हुए टाइगर हिल की तीन रणनीतिक बंकरों पर कब्जा करने का काम सौंपा गया था।
सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव ने उर्ध्वाधर बर्फ से ढकी चट्टान पर चढ़ाई शुरु की, आधे रास्ते में ही दुश्मन के एक बंकर ने उन्हें देख लिया और उनपर मशीन गन और रॉकेट से फायरिंग शुरु कर दी। तीन गोलियां लगने के बावजूद ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव चढ़ाई करते रहे और पहाड़ी की चोटी पर रेंगते हुए पाकिस्तानी बंकर तक चले गए। उन्होंने बंकर पर ग्रेनेड फेंका, जिससे चार पाकिस्तानी सैनिक मौके पर ही मारे गए। उनके प्रयास से प्लाटून के बाकी सदस्यों केलिए चट्टान पर चढ़ने का मार्ग साफ हो गया। गंभीर रूपसे घायल होने के बावजूद वे सात सैनिकों के साथ दूसरी बंकर की ओर आगे बढ़े, बंकर पर कब्जा कर लिया, लेकिन योगेंद्र सिंह यादव 15 गोलियां, दो हथगोले लगने तथा टेन्डन तथा त्वचा से हाथ लटक जाने के बावजूद जीवित बच गए। उनकी इस बेमिसाल बहादुरी के कारण उन्हें देश के सर्वोच्च युद्धकालीन वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था और वे सशस्त्रबलों में एक दुर्लभ जीवित किंवदंती बन गए। योगेंद्र सिंह यादव उन 1695 जूनियर कमीशंड अधिकारियों में से एक हैं, जिन्हें भारत के स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर आनरेरी कैप्टन पद से सम्मानित किया गया है।