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Thursday 26 August 2021 02:30:03 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनके राज्यों में विमानन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने केलिए क्षेत्रीय वायु सम्पर्क निधि न्यास में धन जमा करने और अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संचालन आदि केलिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण की सहायता हेतु भूमि आवंटन अधिकारियों जैसे विभिन्न मामलों में तेजी लाने केलिए कार्रवाई का निर्देश देने केलिए उनसे व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय विमानन प्राधिकरण ने देश में बढ़ती यात्री मांग को पूरा करने केलिए अगले 4-5 वर्ष में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से देश में हवाई अड्डों के विकास और विस्तार की शुरुआत कर दी गई है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को लिखे पत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उल्लेख किया है कि यद्यपि राज्य सरकार पहले ही अधिकांश हवाई अड्डों में आवश्यक भूमि की मात्रा उपलब्ध करा चुकी है, तथापि तिरुपति में रनवे के विस्तार और अन्य परिचालन आवश्यकताओं केलिए कुछ और भूमि का हिस्सा अर्थात 14.31 एकड़ भूमि, राजमुंदरी में आवासीय कॉलोनी के निर्माण केलिए 10.25 एकड़ और रनवे और कडप्पा में पहुंच प्रकाश प्रणाली विस्तार केलिए 50 एकड़ जमीन भी राज्य सरकार द्वारा भारतीय विमानन प्राधिकरण को अभीतक सौंपी जानी बाकी है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाशडाला कि राज्य सरकार को विजयवाड़ा हवाई अड्डे पर 4000 मीटर तक रनवे के विस्तार के साथ-साथ एप्रोच लाइटिंग सिस्टम केलिए एलुरु नहर को वहां से हटाए जाने की आवश्यकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार को राज्य में अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए क्षेत्रीय वायु सम्पर्क निधि न्यास में व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण के 20 प्रतिशत अंश के रूपमेंजल्द से जल्द 14.64 करोड़ रुपये की राशि में जमा करने की आवश्यकता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राज्य सरकार अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संचालन विशाखापत्तनम-दुबई केलिए शत-प्रतिशत वीजीएफ सहायता प्रदान करने के लिए अपनी सहमति दे सकती है। उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत वीजीएफ समर्थन के लिए राज्य सरकार की सहमति प्राप्त होने पर एयरलाइनों द्वारा उड़ान मार्गों के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विमानन क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं केलिए भूमि अधिग्रहण में हस्तक्षेप करने की मांग की है, इसमें तेजू हवाई अड्डे पर गैर-दिशात्मक बीकन और डॉपलर अत्यधिक उच्च आवृत्ति सर्वदिशिक परास (डॉपलर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज-डीवीओआर) हेतु सुरक्षा क्षेत्र और कर्मचारियों केलिए आवासीय परिसर की स्थापना के उद्देश्य से 5.5 एकड़ भूमि की आवश्यकता शामिल है। उन्होंने कहा कि दिरांग में 70 एकड़, दापोरिजो में 34.3 एकड़, पासीघाट में 2.3 एकड़, अलोंग में 7 एकड़ और जीरो में 10.6 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को तत्काल डापारिजो, ईटानगर, तूतिंग, वालोंग, यिंगहियोंग और जीरो में हेलीपोर्टों का संचालन करने की आवश्यकता है, जिसके लिए मंत्रालय क्षेत्रीय संपर्क योजना-उड़ान के तहत 8.44 करोड़ रुपये प्रति हेलीपोर्ट पहले ही आवंटित कर चुका है।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को पत्र लिखकर डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पर 78.5 एकड़, लीलाबाड़ी हवाई अड्डे पर 109 एकड़, सिलचर हवाई अड्डे पर 116.5 एकड़ और जोरहाट हवाई अड्डे पर 50 एकड़ भूमि की आवश्यकता के मामले में उनका ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने उल्लेख किया है कि डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पर आवश्यक भूमि का उपयोग हवाई अड्डे के भविष्य के विस्तार और आवश्यक रनवे पट्टी केलिए किया जाएगा, जबकि लीलाबाड़ी हवाई अड्डे पर भूमि का उपयोग पृथक्करण क्षेत्र के निर्माण, आवश्यक रनवे पट्टी और एक नए विमानन जनशक्ति प्रशिक्षण संस्थान के विकास के लिए किया जाएगा। सिलचर हवाई अड्डे पर मांगी गई भूमि का उपयोग शहर के किनारे के बुनियादी ढांचे के विकास केलिए किया जाएगा और जोरहाट हवाई अड्डे पर भूमि का उपयोग नए नागरिक खंड (न्यू सिविल एन्क्लेव) के विकास केलिए किया जाएगा। कुल प्रस्तावित भूमि मेंसे केवल 8.5 एकड़ भूमि डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पर सौंपी गई है और शेष भूमि राज्य सरकार द्वारा अभी सौंपी जानी बाकी हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र में पटना हवाई अड्डे पर रनवे विस्तार, समानांतर टैक्सी पथ, डॉपलरअत्यधिक उच्च आवृत्ति सर्वदिशिक परास ओमनी रेंज-डीवीओआरउपकरण, पृथक्करण क्षेत्र और फिसल पट्टी केलिए 49.5 एकड़, पूर्णिया हवाई अड्डे पर नए नागरिक खंड के विकास केलिए 50 एकड़, न्यू सिविल एन्क्लेव के विकास केलिए पूर्णिया हवाई अड्डे पर, रक्सौल में एटीआर-72 प्रकार के विमान केलिए हवाई अड्डा विकसित करने के लिए 121 एकड़, मुजफ्फरपुर हवाई अड्डे पर ए-320 प्रकार के विमान के संचालन के लिए 475 एकड़ और दरभंगा में सीएटी (कैट), अप्रोच लाइट सिस्टम के साथ नए सिविल एन्क्लेव के निर्माण केलिए 78 एकड़ भूमि की आवश्यकता को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि बिहार को अंतर्राष्ट्रीय संपर्क की सम्भावना पर भी विचार करना चाहिए और इसके परिणामस्वरूप एक बहुत बड़े आकार वाले विमान के संचालन की व्यवहार्यता पर भी विचार करना चाहिए। मंत्रालय ने राज्य सरकार से पटना और गया (गया-बैंकॉक, गया-काठमांडू, गया-यांगून, पटना-काठमांडू और पटना-दुबई) से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संचालन शुरू करने के लिए 100% वीजीएफ समर्थन के प्रावधान पर विचार करने का अनुरोध किया है, राज्य सरकार की सहमति प्राप्त होने के बाद एयरलाइनों के लिए बोली लगाने के लिए मार्ग रखे जाएंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हवाई अड्डे के विकास केलिए रायगढ़ में 569 एकड़ भूमि की आवश्यकता से संबंधित मामलों पर प्रकाश डाला, ताकि इसे पहले चरण में एटीआर-72/क्यू 400 प्रकार के विमानों और दूसरे चरण में एबी-320 प्रकार के विमानों के संचालन को उपयुक्त बनाया जा सके। उन्होंने उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने भारतीय विमानन प्राधिकरण के पक्ष में हवाई अड्डे की भूमि बहाली भी अभीतक नहीं की है। उन्होंने लिखा कि 31 जुलाई 2021 तक व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण के 20 प्रतिशत अंश के रूपमें राज्य सरकार को जल्द से जल्द 0.60 करोड़ रुपये की राशि क्षेत्रीय हवाई संपर्क कोष ट्रस्ट में जमा करने की आवश्यकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से क्षेत्रीय संपर्क योजना-उड़ान संचालन के तहत अंबिकापुर हवाईअड्डे के विकास में हस्तक्षेप करने और संचालन के लिए तेजी लाने का भी आग्रह किया है, जिसके लिए 90 करोड़ रूपये रुपये का बजट आवंटन किया जा चुका है।