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सशस्त्र बलों को राजस्व प्रबंधन के अधिकार

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीएफपीडीएस को स्वीकृति प्रदान की

'रक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 8 September 2021 12:30:17 PM

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नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को राजस्व प्रबंधन केलिए वित्तीय अधिकार सौंपने को स्वीकृति प्रदान कर दी है। उन्होंने इसे सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने केलिए मौजूदा रक्षा सुधारों में सरकार का एक और महत्वपूर्ण कदम करार दिया है। रक्षामंत्री ने कहा कि रक्षा सेवाओं केलिए वित्तीय शक्तियों के इस्तेमाल से संबंधित आदेश 2021 सशस्त्र बलों को राजस्व अधिप्राप्ति शक्तियों के मामले में बढ़े हुए अधिकार प्रदान करता है, इसका उद्देश्य क्षेत्रीय टुकड़ियों को सशक्त बनाना, परिचालन तैयारियों पर विशेष ध्यान देना और व्‍यावसायिक गतिविधियों में आसानी व सेवाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि रक्षा सेवा मुख्यालयों और निचले कार्यालयों में अधिकारियों केलिए वित्तीय शक्तियों का दायरा बढ़ जाने से सभी स्तरों पर त्वरित निर्णय लेने में आसानी होगी, जिससे सेवाओं की बेहतर योजना और संचालन की तैयारी तेज समयसीमा में होगी तथा संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों केलिए वित्तीय शक्तियों के बढ़ाए हुए प्राधिकारों का प्राथमिक लक्ष्य फील्ड कमांडरों और उससे नीचे के स्तर पर तात्कालिक परिचालन आवश्यकताओं तथा जरूरी भरण-पोषण की जरूरत को पूरा करने केलिए उपकरण व वॉर लाइक स्टोर की खरीद हेतु सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि रक्षा सेवाओं केलिए सभी स्तरों पर इस तरह की अंतिम वृद्धि 2016 में की गई थी। रक्षामंत्री ने दोहराया कि डीएफपीडीएस 2021 देश के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने केलिए सरकार की रक्षा सुधारों की श्रृंखला में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नीतियों को संशोधित करने की आवश्यकता पर बल दिया और विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि डीएफपीडीएस 2021 न केवल प्रक्रियात्मक अवरोधों को दूर करेगा, बल्कि अधिक विकेंद्रीकरण तथा परिचालन दक्षता भी लाएगा। रक्षामंत्री ने संसाधनों के अधिकतम उपयोग का आह्वान करते हुए हितधारकों से सरकार के दृष्टिकोण को साकार बनाने में सहयोग करने का आग्रह किया।
वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवा) संजीव मित्तल ने विश्वास व्यक्त किया कि डीएफपीडीएस 2021 से जमीनी स्तर तक व्‍यावसायिक गतिविधियों में अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और प्रत्यायोजित वित्तीय शक्तियों के संवर्धित हस्तांतरण के माध्यम से अधिक विकेंद्रीकरण की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे रक्षा सेवाओं की परिचालन तैयारियों को प्राप्त करने में अधिक दक्षता भी प्राप्त होगी। संजीव मित्तल ने कहा कि डीएफपीडीएस 2021 सैन्य मामलों के विभाग और रक्षा विभाग के तत्वावधान में विभिन्न सर्विसेस द्वारा व्यापक विचार-विमर्श का ही परिणाम है। डीएफपीडीएस 2021 में वित्तीय शक्तियों की अनुसूचियों से संबंधित दिशा-निर्देश हैं-सेना अधिकार अनुसूचियां-2021, नौसेना अधिकार अनुसूचियां-2021, वायुसेना अधिकार अनुसूचियां-2021, आईडीएस अधिकार अनुसूचियां-2021। सक्षम वित्तीय प्राधिकरणों (सीएफए) केलिए दो गुना तक की सामान्य वृद्धि को मंजूरी दी गई है। कुछ अनुसूचियों में क्षेत्रीय टुकड़ियों में यह वृद्धि परिचालन आवश्यकताओं के कारण 5 से 10 गुना तक की सीमा में है।
रक्षा सेवाओं के उप-प्रमुखों को प्रदत्त वित्तीय शक्तियों में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कुल मिलाकर 500 करोड़ रुपये तक की सीमा के अधीन है। सीएफए के रूपमें चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के लिए एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख की वित्तीय शक्तियों को काफी हद तक बढ़ाया गया है तथा सेवाओं के उप-प्रमुखों के साथ गठबंधन किया गया है। नए सीएफए भी जोड़े गए हैं अर्थात पुनर्गठन, नवीनीकरण या कार्यात्मक आवश्यकताओं के लिए सेवा मुख्यालयों और क्षेत्रीय टुकड़ियों में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, मास्टर जनरल सस्टेनेंस, एडीजी (प्रोक्योरमेंट), डीजी एयर ऑपरेशंस, डीजी नेवल ऑपरेशंस आदि होंगे। रक्षा सेवाओं में कमांड स्तर से नीचे की क्षेत्रीय टुकड़ियों केलिए आपातकालीन वित्तीय शक्तियों का एक सक्षम प्रावधान अब आपातकालीन शक्तियों की अनुसूची में शामिल किया गया है, जो वर्तमान में उप-प्रमुखों और सी-इन-सी समकक्ष को ही उपलब्ध था। नौसेना और वायुसेना केलिए 'सेना कमांडरों की विशेष वित्तीय शक्तियों' पर मौजूदा सेना अनुसूची के अनुरूप सामरिक या संचालन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने केलिए फील्ड कमांडरों को विशेष वित्तीय शक्तियों से संबंधित नई अनुसूचियां पेश की गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप मौजूदा सैन्य क्षमताओं के तीन गुना तक स्वदेशीकरण व अनुसंधान एवं विकास से संबंधित अनुसूचियों में पर्याप्त वृद्धि को मंजूरी दी गई है। भारतीय वायुसेना केलिए विमान और संबंधित उपकरणों को किराए पर लेने का एक नया कार्यक्रम शुरु किया गया है, जिसमें हवा से हवा में ही ईंधन भरने वाले विमानों को किराए पर लेना भी शामिल है। भारतीय नौसेना हेतु प्राकृतिक आपदाओं या एचएडीआर संचालनों से जुड़ी तत्काल प्रतिक्रिया के वास्ते आपदा प्रबंधन सहायकों की पुनः पूर्ति केलिए कमान स्तर को अधिकार सौंपे गए हैं। इन प्रावधानों के स्पष्टीकरण या व्याख्या को रक्षा मंत्रालय या सैन्य मामलों के विभाग के प्रतिनिधियों के साथ रक्षा मंत्रालय के एएस एंड एफए की अध्यक्षता वाली एक अधिकार प्राप्त समिति के द्वारा संबोधित किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय (वित्त) के परामर्श से डीओडी या डीएमए के प्रशासनिक विंग द्वारा निरीक्षण, प्रकटीकरण एवं आंतरिक लेखापरीक्षा तंत्र की एक प्रणाली स्थापित की जाएगी। गैर-खरीद शक्तियों के लिए पर्याप्त प्रत्यायोजन को भी मंजूरी दी गई है। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ असैन्य तथा सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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