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Monday 20 September 2021 02:09:54 PM
नई दिल्ली। सीमा सड़क संगठन की सड़कों का उपयोग न केवल सशस्त्र बल और अर्धसैनिक बल करते हैं, बल्कि देशभर के पर्यटकों और साहसिक कारनामों के शौकीन भी बड़े पैमाने पर करते हैं। सभी मौसमों, ऊंचाईयों और ऋतुओं के दृष्टिकोण से यातायात की सुगमता बनाए रखने केलिए सड़क बुनियादी ढांचे में निर्माण प्रौद्योगिकी और प्रथाओं को तैयार किया जा रहा है। उन्नत प्रौद्योगिकी और परिष्कृत सड़क निर्माण मशीनों और उपकरणों की उपलब्धता ने भी सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण की गति को तेज किया है। ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में सड़कों के बुनियादी ढांचे का विकास करना बहुत सुविधा प्रदान करता है। सड़क संपर्क पर्यटन को बढ़ावा देता है, सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देता है एवं सशस्त्र बलों केलिए आवाजाही को पूरे वर्ष खुला रखता है।
सीमावर्ती क्षेत्रों के दूरस्थ क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, पर्यटक और साहसिक कारनामों के शौकीन अपनी रूचि की तलाश में इन स्थानों पर आ रहे हैं। रुझान बढ़ते हुए यातायात और वाहनों की अधिक गति की घटनाओं का संकेत देते हैं, जिससे यातायात संबंधी दुर्घटनाओं में दुर्भाग्यपूर्ण वृद्धि हुई है। सड़कों का उपयोग सभी प्रकार के लोग करते हैं, कुछ अनुशासित और कुछ अनियंत्रित प्रकार के लोग, दोनों व्यवहार संबंधी पहलू हैं और सड़क निर्माण एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इन मानवीय पहलुओं से निपटना ही चुनौतीपूर्ण है। बीआरओ ने सड़कों और पुलों पर दुर्घटना की संभावना को कम करने केलिए एक खाका तैयार किया है। कई कार्रवाइयां पहले ही शुरु की जा चुकी हैं, सबसे महत्वपूर्ण नई दिल्ली में बीआरओ मुख्यालय में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड सेफ्टी अवेयरनेस की स्थापना की गई है, जो सभी नीति निर्माण और प्रख्यापन एवं मानक संचालन को परिभाषित करने केलिए एक नोडल एजेंसी होगी।
सीओईआरएसए ने हाल ही में एक सड़क सुरक्षा संगोष्ठी का आयोजन किया था और संगठन के भीतर से विशेषज्ञों ने सड़कों के ऑडिट के लिए प्रारंभिक रूपरेखा तैयार की है। बीआरओ का लक्ष्य मौजूदा सड़कों के चरणवार आंतरिक ऑडिट के साथ शुरु होने वाले चरणबद्ध तरीके से सड़क सुरक्षा ऑडिट करना है, जो इसके मुख्य विशेषज्ञों करेंगे, इससे संभावित दुर्घटना स्थलों की पहचान करने, सड़क ज्यामितीय में अनियमितताओं, सड़क के किनारे साइनेज और अन्य सुधार का प्रस्ताव होगा। यह चरण लेखा परीक्षकों को उन अंतरालों को खोजने में सक्षम करेगा, जो सड़क सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए सड़क सुरक्षा जागरुकता केलिए एक मजबूत सार्वजनिक आउटरीच प्रयास होगा। बीआरओ ने पहले ही विभिन्न सड़क सुरक्षा थीम आधारित जिंगल, छोटे वृत्तचित्र तैयार और अपलोड कर दिए हैं। राजधानी नई दिल्ली में 14 अक्टूबर 2021 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से विशाल जनसमूह के बीच सड़क सुरक्षा जागरुकता केलिए 75 दिन का अखिल भारतीय मोटरसाइकिल अभियान चलाया जाएगा।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद जैसे योग्य विशेषज्ञों और एजेंसियों के समर्थन से सड़क सुरक्षा ऑडिट केलिए एक औपचारिक पद्धति तैयार की जाएगी, इसके लिए लेखा परीक्षकों के लिए व्यावहारिक ऑन-साइट प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी, जो फिर सड़क ज्यामिति में बेहतर सुरक्षा पहलुओं को शामिल करने केलिए विशेष रूपसे पहाड़ी और बर्फ से ढके क्षेत्रों केलिए बीआरओ निर्माण प्रथाओं की जांच करेंगे। सड़क सुरक्षा केलिए एक महीने तक चलने वाला प्रारंभिक आंतरिक ऑडिट अभ्यास 15 सितंबर 2021 से शुरु हो चुका है, इसमें हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख राज्यों में बीआरओ की सभी परियोजनाएं पहले ऑडिट करने का प्रयास है, क्योंकि सर्दियां शुरू होने से दर्रे बंद हो जाते हैं और काम में बाधा आती है।