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Wednesday 22 September 2021 02:45:55 PM
नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव को और अधिक समावेशी, सुलभ तथा दिव्यांग मतदाताओं के अनुकूल बनाने के प्रति निर्वाचन आयोग की वचनबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा है कि आयोग प्राथमिक हितधारकों दिव्यांगों सहित सभी मतदाताओं, जो चुनावी प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा सकते हैं और जिन्हें भूमिका निभानी चाहिए के निर्णय लेने की भूमिका को बेहद महत्व देता है। भारत निर्वाचन आयोग ने सुगम्य चुनाव-2021 विषय पर एक आभासी राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसका उद्देश्य सुगम्यता से जुड़ी वर्तमान नीतियों का आकलन करना और चुनावी प्रक्रिया में दिव्यांग मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने की राह में आनेवाली बाधाओं को दूर करने से संबंधित रणनीतियों पर चर्चा करना था। सम्मेलन में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता के शिकार लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले सामाजिक संगठनों, सरकारी मंत्रालयों और संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के हर चरण में समावेशिता और सुगम्यता बढ़ाने से संबंधित दिशा-निर्देश तैयार करते समय दिव्यांगों और उनके प्रतिनिधि संगठनों के सुझाए गए सार्थक इनपुट और सिफारिशों को ध्यान में रखा जाता है। सुशील चंद्रा ने चुनावी प्रक्रिया में दिव्यांगों को शामिल करने पर जोर देने से संबंधित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों और करारों के प्रति निर्वाचन आयोग की वचनबद्धता को दोहराया। उन्होंने दिव्यांगों केलिए मतदान के सुखद और सम्मानजनक अनुभव सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रैंप और व्हीलचेयर की सुविधा से लैस सभी मतदान केंद्र भूतल पर हैं और सुचारू एवं परेशानी मुक्त मतदान के अनुभव केलिए मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवक रखे जाते हैं। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 में सभी मतदान केंद्रों को दिव्यांगों केलिए सुगम्य बनाने और चुनावी प्रक्रिया से संबंधित सभी सामग्री को आसानी से समझने और उपयोग करने योग्य बनाने केलिए वैधानिक शक्ति प्रदान की गई है।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव अधिकारियों और सीएसओ हितधारकों के सामूहिक प्रयासों ने विभिन्न आबादी समूहों केलिए चुनावी प्रक्रिया को सुलभ, सुरक्षित और सम्मानजनक बनाने के अलावा देशभर में बड़ी संख्या में दिव्यांग मतदाताओं तक पहुंचने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने उन्नत डेटा प्रोसेसिंग, सामुदायिक हित के निर्दिष्ट बिंदुओं की पहचान करने और दिव्यांगों एवं वरिष्ठ नागरिकों जैसे विशिष्ट नागरिक समूहों केलिए सामंजस्यपूर्ण इकोसिस्टम बनाने जैसे उपायों के जरिए सामुदायिक सहायता प्रणालियों को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सुगम्य चुनाव हमेशा से आयोग के लिए एक महत्वपूर्ण विषय रहा है और इसके तहत निर्वाचन आयोग विशेष रूपसे लक्षित समूहों को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करता है, ताकि पूरी चुनावी प्रक्रिया में सभी लोगों की समान पहुंच सुनिश्चित हो।
महासचिव उमेश सिन्हा ने कहा कि ऐसे समय में जब चुनाव आयोग आगामी राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है, उसे देखते हुए चुनाव आयोग ने सम्मेलन का आयोजन बिल्कुल सही समय पर किया है, इसमें सीईओ, सीएसओ और ईसीआई के आइकन से प्राप्त जानकारियों व सुझावों को समुचित योजना बनाने एवं इसकी उपयुक्त तैयारी में शामिल किया जाएगा, ताकि दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों केलिए चुनाव कहीं अधिक सुगम, समावेशी और मतदाता हितैषी हो सके। जानकारी दी गई है कि आजतक लगभग 77.4 लाख दिव्यांगों ने स्वयं को मतदाता के रूपमें पंजीकृत करा लिया है। विचार-विमर्श के दौरान यह बात स्वीकार की गई कि समावेश एवं भागीदारी करके ही एक सुदृढ़ और जीवंत लोकतंत्र की स्थापना होती है। विचार-विमर्श के दौरान अनेक थीम या विषयों पर फोकस किया गया, जिनमें दिव्यांगों की पहचान करना, पता लगाना, सुगम पंजीकरण, मतदान केंद्रों पर सुविधा, सुगम चुनाव के लिए प्रौद्योगिकी का कुशल उपयोग, सुगम मतदाता शिक्षा और साझेदारियों व सहयोग एवं मीडिया आउटरीच का लाभ उठाना शामिल हैं।
वक्ताओं ने चुनाव को सुगम और समावेशी बनाने केलिए बहुमूल्य जानकारियां साझा कीं, जिनमें निदेशक एएडीआई, कार्यकारी निदेशक राष्ट्रीय बधिर संघ, निदेशक स्पार्क-इंडिया, कार्यकारी निदेशक एनसीपीईडीपी, कार्यकारी निदेशक बीपीए, आईएसएलआरटीसी एवं पीडीयूएनआईपीपीडी के प्रतिनिधि और ईसीआई की राष्ट्रीय आइकन डॉ नीरु कुमार भी शामिल हैं। हितधारकों से प्राप्त सुझावों के आधार पर एक प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया, ताकि भविष्य के चुनावों केलिए ‘सुगम चुनाव’ पर नीतिगत रूपरेखा को और भी अधिक सुव्यवस्थित बनाने का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। सम्मेलन में मतदान केंद्रों की व्यापक निगरानी व्यवस्था और सुगमता या आसान पहुंच का आकलन, दिव्यांगों केलिए मुख्यधारा की नीतियों और कार्यक्रमों का एकीकरण, चुनाव कर्मियों का प्रशिक्षण एवं उन्हें संवेदनशील बनाना, दिव्यांगता के बारे में गहरी समझ केलिए जागरुकता बढ़ाना, डेटा संग्रह के तात्कालिक तरीके, दिव्यांगों केलिए डाक मतपत्र सुविधा के बारे में जागरुकता, मजबूत आईवीआरएस हेल्पलाइन एवं ऑनलाइन शिकायत व्यवस्था एवं सुगमता पर्यवेक्षकों की तैनाती और चुनावी प्रक्रिया के सभी स्तरों पर सुगमता या पहुंच सुनिश्चित करने केलिए सूक्ष्म पर्यवेक्षक जैसे आइडिया शामिल हैं।
सम्मेलन के दौरान बाधाओं को पार करना सुगम्यता पहल-2021 पुस्तिका दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा और सशक्तिकरण केलिए अभिनव प्रथाओं एवं सुगम्यता पहलों का संकलन है। हाल ही में शुरू पहलों के ब्रेल भाषा संस्करण जैसेकि मतदाता गाइड, नए मतदाता को पत्र और मतदाताओं की जागरुकता पर 50 प्रेरक गीतों की एक गीत पुस्तिका। मतदाता हेल्पलाइन एप और ईवीएम-वीवीपीएटी के दो जागरुकता वीडियो के सांकेतिक भाषा संस्करण ‘स्वीप’ गतिविधियों के परिणामों के साथ-साथ कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 2018 एवं लोकसभा चुनाव 2019 में दिव्यांगों को प्रदान की गई सुविधाओं का आकलन अध्ययन भी आयोग द्वारा जारी किया गया। हाल ही के विभिन्न चुनावी राज्यों से मिले अनुभवों सहित चुनाव आयोग की अबतक की गई सुगम्यता पहलों पर एक प्रस्तुति भी प्रतिभागियों के साथ साझा की गई।