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Friday 24 September 2021 02:31:01 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज एक वर्चुअल समारोह में वर्ष 2019-20 केलिए राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि मानव जीवन की इमारत प्रायः छात्र जीवन की नींव पर खड़ी होती है, वैसे तो सीखना जीवनपर्यंत चलने वाली एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन बुनियादी व्यक्तित्व विकास छात्र जीवन के दौर में ही शुरू हो जाता है, इसलिए वे राष्ट्रीय सेवा योजना यानी एनएसएस को एक दूरदर्शी योजना मानते हैं, जिससे छात्रों को अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में ही समाज एवं देश सेवा करने का अवसर मिलता है। राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में ही समर्पित कर दिया था, उनकी इच्छा थी कि देश के युवा जिम्मेदार नागरिक बनें और अपने व्यक्तित्व को पहचानें।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गांधीजी के अनुसार स्वयं को जानने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि खुद को दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया जाए। गांधीजी का जीवन मानव सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है, उनके आदर्श और उनकी सेवा की भावना आज भी हम सबके लिए प्रासंगिक एवं प्रेरणादायी हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 के शुरुआती प्रकोप के समय से लेकर बड़े पैमाने पर मास्क का उत्पादन शुरू होने तक एनएसएस ने 2 करोड़ 30 लाख से अधिक मास्क बनाए और देश के विभिन्न हिस्सों में वितरित किए। उन्होंने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों ने हेल्पलाइन के माध्यम से लोगों को कोविड से संबंधित जानकारी प्रदान की और साथ ही जिला प्रशासन को जागरुकता तथा राहत गतिविधियों में मदद की है। राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के 75वां वर्ष देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव के रूपमें मनाया जा रहा है और यह जानकर खुशी है कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर वेबिनार एवं सेमिनार आयोजित करके इस महोत्सव में एनएसएस के स्वयंसेवक योगदान दे रहे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम और स्वाधीनता सेनानियों के आदर्शों के बारे में जागरुकता भी राष्ट्र की सेवा है। ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना वर्ष 1969 में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के अवसर पर की गई थी। वर्ष 1993-94 में राष्ट्रीय सेवा योजना के रजत जयंती वर्ष पर युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने एनएसएस पुरस्कारों की स्थापना की थी। इन पुरस्कारों का उद्देश्य विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, (+2) परिषदों और वरिष्ठ माध्यमिक, एनएसएस इकाइयों, कार्यक्रम अधिकारियों तथा एनएसएस स्वयंसेवकों के स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा केलिए उत्कृष्ट योगदान को पहचानना एवं पुरस्कृत करना है।