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Friday 24 September 2021 04:01:16 PM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना केलिए 118 मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमके-1ए की आपूर्ति केलिए भारी वाहन कारखाने अवडी चेन्नई को निर्माण का आदेश जारी किया है। रक्षा क्षेत्र में 7523 करोड़ रुपये का यह ऑर्डर मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 14 फरवरी 2021 को चेन्नई में एमबीटी अर्जुन एमके-1ए को सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे को सौंपा था। अत्याधुनिक एमबीटी एमके-1ए अर्जुन टैंक का एक नया संस्करण है, जिसे फायर पावर, गतिशीलता और युद्ध क्षेत्र में बने रहने की सामर्थ्य में बढ़ोतरी के लिहाज से डिज़ाइन किया गया है। कुल 72 नई विशेषताओं और अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ एमके-1 वैरिएंट दिन-रात के दौरान लक्ष्य पर सटीक वार करने की काबिलियत के अलावा सभी इलाकों में सहज गतिशीलता सुनिश्चित करेगा।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने भारतीय सेना के साथ सेवा में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमबीटी में अनेक प्रकार के उन्नयन करके डिजाइन और विकसित किया है। एमके-1ए सटीक और बेहतर मारक क्षमता, गतिशीलता और उन्नत प्रौद्योगिकी प्रणालियों की श्रृंखला की एक अजेय बहुस्तरीय सुरक्षा से लैस है। यह दिन और रात की परिस्थितियों में और स्थिर और गतिशील दोनों मोड में दुश्मन से मुकाबला कर सकता है। इन क्षमताओं के आधार पर यह स्वदेशी एमबीटी दुनियाभर में अपने वर्ग के किसी भी समकालीन टैंक के बराबर साबित होता है। यह टैंक विशेष रूपसे भारतीय परिस्थितियों केलिए कॉन्फ़िगर और डिज़ाइन किया गया है, इसलिए यह प्रभावी तरीके से सीमाओं की रक्षा केलिए तैनाती हेतु उपयुक्त है। एचवीएफ अवड़ी को यह उत्पादन आदेश एमएसएमई सहित 200 से अधिक भारतीय विक्रेताओं केलिए रक्षा निर्माण में बड़े अवसर खोलता है, जिसमें लगभग 8000 लोगों को रोज़गार अवसर प्राप्त होते हैं। यह अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करने वाली एक प्रमुख परियोजना होगी।
एमबीटी अर्जुन एमके-1ए को दो साल (2010-12) के भीतर डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं के साथ कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट ने डिजाइन और विकसित किया है। जून 2010 से विकास गतिविधियां शुरु हुईं और जून 2012 में टैंक को उपयोगकर्ता परीक्षणों केलिए मैदान में उतारा गया। उपयोगकर्ता की आवश्यकता से उपयोगकर्ता परीक्षणों केलिए एमबीटी अर्जुन एमके-1 ए को विकसित करने और क्षेत्र में लाने में केवल दो साल लगे। वर्ष 2012-2015 के दौरान अनेक चरणों में 7000 किलोमीटर (डीआरडीओ और उपयोगकर्ता परीक्षणों दोनों में) कवर करते हुए विभिन्न प्रकार के गोलाबारूद की ऑटोमोटिव और पर्याप्त फायरिंग के व्यापक परीक्षण मूल्यांकन संचालित किए गए।