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प्रधानमंत्री के उपहारों में सुहास का बैडमिंटन

सुहास एल यतिराज का बैडमिंटन भी नीलामी में शामिल हुआ

सुहास एल यतिराज के रैकेट का बेस प्राइज 50 लाख रुपये

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 26 September 2021 06:12:56 PM

pm narendra modi and suhas l yetiraj

नई दिल्ली। अब जबकी प्रधानमंत्री को मिले उपहारों का ई-ऑक्शन शुरू हो चुका है, सुहास एल यतिराज का बैडमिंटन भी उन वस्तुओं की सूची में शामिल है जिनका ऑक्शन किया जा रहा है। यह ई-आक्शन 7 अक्टूबर तक चलेगा। सुहास एल यतिराज की उपलब्धि की निशानी को आप हासिल कर गौरवांवित हो सकते हैं। इससे मिली धनराशि का उपयोग नमामि गंगे परियोजना में किया जाएगा। ई-ऑक्शन में सुहास एल यतिराज के रैकेट का बेस प्राइज 50 लाख रुपये रखा गया है। नोएडा के डीएम सुहास के बैडमिंटन रैकेट को बनाएं अपना। आप अभी www.pmmementos.gov.in पर लॉग ऑन कर सकते हैं।
सुहास एल यथिराज ने जो पिछले 56 साल के खेल इतिहास में कभी नहीं हुआ, वह कर दिखाया है, जिसकी सर्वत्र सराहना हो रही है और तभी पूरे देश के दिल से आवाज़ आई शुक्रिया सुहास। टोक्यो पैरालिंपिक में सुहास एल यथिराज ने बेडमिंटन की मेंस सिंगल्स प्रतियोगिता में ना केवल सिल्वर मेडल जीता, बल्कि इतिहास भी रच दिया। गौरतलब है कि सुहास एल यथिराज उत्तर प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी भी हैं और इस समय नोएडा के जिलाधिकारी हैं। सुहास एल यथिराज का अभी तक के पैरालिंपिक खेलों में यह सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था, इस प्रकार वे पैरालिंपिक खेलों में पदक जीतने वाले देश के पहले आईएएस बन गए हैं।
टोक्यो पैरालिंपिक में मेंस सिंगल्स एसएल-4 कैटिगिरी में सुहास एल यथिराज का सामना फ्रांस के लुकास मजूर से हुआ था। फाइनल मुकाबले में सुहास ने पहला राउंड जीत लिया था, लेकिन अगले दो राउंड में उनको हार मिली और वे गोल्ड मेडल से चूक गए, लेकिन उन्होंने गर्व के साथ पोडियम पर रजत पदक पहन कर भारत को गौरवांवित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुहास एल यथिराज को ट्वीट संदेश के जरिये बधाई देते हुए कहा कि 'सेवा और खेल का एक शानदार संगम! डीएम गौतमबुद्ध नगर सुहास यतिराज ने अपने असाधारण खेल प्रदर्शन से हमारे पूरे देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया है, बैडमिंटन में रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई, उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।'
सुहास एल यतिराज का जन्म कर्नाटक में शिमोगा में हुआ। जन्म से ही दिव्यांग सुहास शुरुआत में आईएएस नहीं बनना चाहते थे, वो खेल में बेहद दिलचस्पी रखते थे। इसके लिए उन्हें पिता और परिवार का भरपूर साथ मिला। वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश कैडर से आईएएस बनने के बाद जहां उन्होंने कई विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में देश केलिए मैडल जीते वहीं प्रयागराज और नोएडा के जिलाधिकारी की भी जिम्मेदारियां निभाईं। जिस बेडमिंटन रैकेट से सुहास एल यतिराज ने इतिहास रचा, वह उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया है।

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