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Monday 27 September 2021 02:12:06 PM
ईटानगर/ कोहिमा। केंद्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डोनर), संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने अपनी अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड की यात्रा के दौरान कई विकास कार्यों का उद्घाटन किया और नागालैंड में चल रहीं विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा की। जी किशन रेड्डी ने नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने बुनियादी ढांचे और पर्यटन के संबंध में कई विकास परियोजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 पूर्वोत्तर राज्यों को विकास का इंजन बनाने के दृष्टिकोण को पूरा करने केलिए मिलकर काम करने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने योजना और समन्वय विभाग और योजनाओं के कार्यांवयन विभागों के साथ समीक्षा बैठक भी की।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री ने कहा कि हाल ही में नीति आयोग ने डोनर मंत्रालय के साथ मिलकर जिलास्तर पर एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 जारी किया है जो सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय क्षेत्रों में भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की विकास स्थिति को मापता है। उन्होंने कहा कि नागालैंड एसडीजी इंडिया 2021 इंडेक्स में 28 राज्यों में 21वें स्थान पर है और इसमें सुधार केलिए केंद्रित दृष्टिकोण की काफी गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि कुछ लक्ष्यों जैसे लैंगिक समानता, सभ्य कार्य और आर्थिक विकास, भूमि पर जीवन आदि पर नागालैंड ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और शेष लक्ष्यों को राज्य 2030 से पहले प्राप्त करने के रास्ते पर है। केंद्रीय मंत्री ने कोहिमा में राज्य मिट्टी और जल संरक्षण निदेशालय में राज्य मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का भी उद्घाटन किया, जिसको डोनर मंत्रालय के तहत फंड प्रदान किया गया है, इसका उद्देश्य नागालैंड के किसानों का कल्याण और लाभदायक फसलों को प्राप्त करने में मदद करना है।
जी किशन रेड्डी ने कहा कि मैं एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आता हूं और मिट्टी में तकनीकी हस्तक्षेप के महत्व को समझता हूं, यह मृदा परीक्षण प्रयोगशाला अत्याधुनिक प्रणाली है और मुझे विश्वास है कि नागालैंड में कृषि बिरादरी लाभांवित होगी। जी किशन रेड्डी ने नागालैंड के कोहिमा वॉर सेमटेरी में अप्रैल 1944 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान शहीद हुए बहादुर भारतीय सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी। गौरतलब है कि यह युद्ध कब्रिस्तान उन सैनिकों को समर्पित एक स्मारक है, जिन्होंने जापानियों के खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कोहिमा में पारंपरिक झोपड़ी का भी दौरा किया, इस तरह की पारंपरिक झोपड़ियां मुख्य रूपसे स्थानीय जंगलों में पाई जाने वाली सामग्री से बनाई गई हैं और पारिस्थितिक रूपसे टिकाऊ हैं, वे हल्के हैं और भूकंप संभावित उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अच्छी तरह फिट हैं। उन्होंने कहा कि ये झोपड़ियां अविश्वसनीय रूपसे सुंदर और स्वदेशी रूपसे निर्मित हैं, जो नागालैंड की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाती हैं।
केंद्रीय मंत्री ने नागालैंड के दीमापुर में प्रशिक्षण एवं परीक्षा केंद्र की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि इस केंद्र को डोनर मंत्रालय ने एनईएसआईडीएस के तहत 15.50 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है। यह संस्थान शिक्षकों और छात्रों को समान रूपसे लाभांवित करेगा और एक दिन यह पूरे उत्तर पूर्व क्षेत्र केलिए एक आदर्श बन सकता है। उन्होंने नागालैंड के दीमापुर में सोविमा गांव को थाहेखु गांव से जोड़ने वाले एनएच-29 से सड़क निर्माण और उसे चौड़ा करने के कार्य का भी उद्घाटन किया।