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Friday 1 October 2021 01:12:32 PM
नई दिल्ली। भारत के नए वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने वायुसेना मुख्यालय में समारोहपूर्वक अपना पदभार संभाल लिया है। वीआर चौधरी ने कई लड़ाकू और प्रशिक्षण विमानों पर 3800 घंटे से अधिक की उड़ान भरी है। उन्होंने एक मिग-29 स्क्वाड्रन, दो वायुसेना स्टेशनों और पश्चिमी वायुसेना कमान की कमान संभाली है। एयर चीफ वीआर चौधरी लगभग चार दशक के अपने करियर में अनेक महत्वपूर्ण कमांड और स्टाफ अपॉइंटमेंट्स पर रहे हैं। वायुसेना के उप-प्रमुख, पूर्वी वायुकमान मुख्यालय में सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर, असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ ऑपरेशंस (एयर डिफेंस), असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ़ (कार्मिक अधिकारी), वायुसेना अकादमी के डिप्टी कमांडेंट और वायुसेना प्रमुख का एयर असिस्टेंट होना प्रमुख रूपसे उनके कैरियर में शामिल है।
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी एनडीए के छात्र रहे हैं और उन्हें दिसंबर 1982 में भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्रदान किया गया था। वे एक कैट 'ए' क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं और फ्लाइंग ट्रेनिंग एस्टैब्लिशमेंट में इंस्ट्रक्टर के रूपमें काम किया है। वे एयर फोर्स एग्जामिनर और सूर्य किरण एरोबेटिक डिस्प्ले टीम के अग्रणी सदस्य भी रहे हैं। डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन में उन्होंने डायरेक्टिंग स्टाफ के रूपमें कार्य किया है। जाम्बिया में डीएससीएससी में डायरेक्टिंग स्टाफ रहे। वर्तमान नियुक्ति संभालने से पहले वह वायुसेना के उप-प्रमुख थे। वायुसेना प्रमुख परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, वायुसेना मेडल के प्राप्तकर्ता हैं और राष्ट्रपति के मानद एडीसी हैं।
वीआर चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें भारतीय वायुसेना का नेतृत्व करने की जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उससे उन्हें सम्मानित किया गया है। सभी वायु योद्धाओं, नॉन-कॉम्बैटेंट (नामांकित), डीएससी कर्मियों, नागरिकों एवं उनके परिवारों को बधाई देते हुए वायुसेना प्रमुख ने भारतीय वायुसेना की अभियानगत क्षमता को सर्वकालिक उच्चस्तर पर बनाए रखते हुए सौंपे गए सभी कार्यों को पूर्ण समर्पण के साथ पूरा करने की उनकी क्षमता में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा किसी भी कीमत पर सुनिश्चित की जानी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संपत्तियों के साथ नए शामिल किए गए प्लेटफार्मों, हथियारों और उपकरणों के एकीकरण के माध्यम से अभियानगत क्षमता में वृद्धि और अभियानों के दौरान भी इसी अवधारणा का मेल मिलाप करना प्राथमिकता का एक क्षेत्र रहेगा।
एयर चीफ मार्शल ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें भारतीय वायुसेना का नेतृत्व करने की जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उससे उन्हें सम्मानित किया गया है। उन्होंने नई तकनीक के अधिग्रहण, स्वदेशीकरण और नवाचार को बढ़ावा देने, साइबर सुरक्षा को मजबूत करने, भविष्य की मांगों को पूरा करने केलिए प्रशिक्षण विधियों के तेजी से अनुकूलन और मानव संसाधनों के पोषण केलिए निरंतर कार्य के पहलुओं पर बात की। वायुसेना प्रमुख ने सभी से हमेशा वायु योद्धा के लोकाचार और सिद्धांत को बनाए रखने और किसी भी भूमिका में भारतीय वायुसेना केलिए महत्वपूर्ण बने रहने का प्रयास करने का आग्रह किया।