स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 11 October 2021 04:22:55 PM
नई दिल्ली। रेलवे ने 2023-24 तक अपने संपूर्ण ब्रॉड गेज नेटवर्क के विद्युतीकरण की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, जिसके परिणामस्वरूप न केवल बेहतर ईंधन ऊर्जा के इस्तेमाल से थ्रूपुट में वृद्धि होगी, ईंधन व्यय में कमी आएगी, बल्कि कीमती विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। इसी कड़ी में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कटिहार से गुवाहाटी तक अधिक आवागमन वाले नेटवर्क के कुल 649 रूट किलोमीटर/ 1294 टन किलोमीटर के विद्युतीकरण कार्य को पूरा कर लिया है। इस उपलब्धि से अब देश के सभी प्रमुख शहर निर्बाध इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर गुवाहाटी से जुड़ पाएंगे। हरित परिवहन से राजधानी से जोड़ने केलिए यह पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे का एक उल्लेखनीय प्रयास है।
रेलवे सुरक्षा आयोग ने एनएफ सर्कल से 7 से 9 अक्टूबर 2021 तक उत्तरी सीमांत रेलवे पर 107 आरकेएम/ 273 टीकेएम के एचडीएन के अंतिम चरण का निरीक्षण किया था, जिसपर तीव्रगति वाली यात्री रेलगाड़ियों और भारी मालगाड़ियों का परिचालन भी किया जा सकेगा। रेलवे का कहना है कि एचएसडी ऑयल पर खर्च किए गए विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने और पूर्वोत्तर क्षेत्र में हरित परिवहन कायम करने के अलावा गुवाहाटी तक रेलवे विद्युतीकरण से एचएसडी ऑयल पर प्रतिवर्ष लगभग 300 करोड़ रुपये के व्यय के स्थान पर विदेशी मुद्रा की बचत होगी, एचएसडी तेल की खपत प्रतिमाह लगभग 3,400 केएल कम हो जाएगी। निर्बाध ट्रेन संचालन के कारण न्यू जलपाईगुड़ी, न्यू कूचबिहार में ट्रैक्शन परिवर्तन अब समाप्त हो जाएगा, जिससे ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी। गुवाहाटी से कटिहार/ मालदा टाउन के बीच चलने का समय 2 घंटे तक कम होने की संभावना है, क्योंकि ट्रेनें अब अधिक गति से चल सकती हैं। लाइन क्षमता में 10-15 प्रतिशत तक की वृद्धि से उत्तरी सीमांत रेलवे के कई खंडों पर सेचुरेशन के स्तर में कमी आएगी, जिससे अधिक कोचिंग ट्रेनें चल सकेंगी।
रेलवे का कहना है कि विद्युतीकरण से भारी मालगाड़ियों को तेज गति से चलाया जा सकता है, उत्तर सीमांत रेलवे में बड़ी संख्या में श्रेणीबद्ध खंड, वक्र, पुलों के साथ दुर्गम भू-भाग है और। इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन मल्टी डीजल इंजनों की आवश्यकता को समाप्त कर देगा, क्योंकि उच्च एचपी इलेक्ट्रिक इंजन ग्रेडिएंट सेक्शन में उच्चगति बनाए रख सकते हैं। मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और सिक्किम राज्यों केलिए अब अतिरिक्त राजधानी एक्सप्रेस रेलगाड़ियां चलाई जा सकती हैं। इस खंड के विद्युतीकरण से परिचालन क्षमता में सुधार होगा और पावर कारों के लिए ईंधन की काफी बचत होगी। केवाईक्यू/ जीएचवाई से शुरू होने वाली या समाप्त होने वाली मौजूदा रेलगाड़ियों के 15 जोड़े एक पावर कार को हटाकर एक अतिरिक्त यात्री कोच के साथ चल सकते हैं, इस प्रकार यात्री थ्रूपुट में सुधार होगा। विद्युतीकरण से बेहतर रखरखाव होगा, क्योंकि तीव्र रेलगाड़ियों के कारण रखरखाव ब्लॉकों केलिए अधिक समय मिलेगा।