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हमारा देश मानवीय मूल्यों का प्रतीक-मोदी

'मानवाधिकारों के नाम पर देश की छवि को खराब न करें'

मानवाधिकार आयोग का 28वां स्थापना दिवस कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 12 October 2021 06:03:51 PM

narendra modi addressing at the 28th nhrc foundation day programme

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत केलिए मानवाधिकारों की प्रेरणा और मानवाधिकार के मूल्यों का बहुत बड़ा स्रोत आजादी केलिए हमारा आंदोलन और हमारा इतिहास है। प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि एक राष्ट्र और एक समाज के रूपमें हमने सदैव अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया है, हमने सदियों तक अपने अधिकारों केलिए संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्वयुद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को अधिकार और अहिंसा का मार्ग सुझाया, हमारे बापू को देश ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व मानवाधिकारों और मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूपमें देखता है। उन्होंने कहा कि बीते दशकों में ऐसे कितने ही अवसर विश्व के सामने आए हैं, जब दुनिया भ्रमित हुई है, भटकी है, लेकिन भारत मानवाधिकारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहा है, संवेदनशील रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मानवाधिकार की अवधारणा का गरीबों की गरिमा से गहरा संबंध है, जब ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का बराबर लाभ नहीं मिलता है तो अधिकारों का सवाल उठता है। प्रधानमंत्री ने गरीबों की गरिमा सुनिश्चित करने केलिए सरकार के प्रयासों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि जो ग़रीब कभी शौच केलिए खुले में जाने को मजबूर था, उस ग़रीब को जब शौचालय मिलता है तो उसे डिग्निटी भी मिलती है, इसी प्रकार जो गरीब कभी बैंक के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था, उस ग़रीब का जब जनधन खाता खुलता है तो उसमें हौसला आता है, उसकी डिग्निटी बढ़ती है, इसी तरह रुपे कार्ड, महिलाओं केलिए उज्ज्वला गैस कनेक्शन और पक्के मकानों का संपत्ति का अधिकार जैसे उपाय उस दिशा में प्रमुख कदम हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष में देश ने अलग-अलग वर्गों में अलग-अलग स्तर पर हो रहे अन्याय को भी दूर करने का प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं, हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को नए अधिकार दिए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं केलिए काम के अनेक सेक्टर्स खोले गए हैं, ताकि वो 24 घंटे सुरक्षा के साथ काम कर सकें, इसे सुनिश्चित भी किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे, लेकिन भारत आज करियर वुमेन को 26 हफ्ते की पेड मैटरनिटी लीव दे रहा है। प्रधानमंत्री ने ट्रांसजेंडर, बच्चों और घुमंतू तथा अर्ध-घुमंतू समुदायों केलिए सरकार के उपायों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में दिव्यांगजन के लिए कानून बनाए गए हैं, उन्हें नई सुविधाओं से जोड़ा गया है, दिव्‍यांगजनों केलिए अनुकूल भवन बनाए जा रहे हैं और उनके लिए भाषा का मानकीकरण किया जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान ग़रीब, असहाय और वरिष्ठ नागरिकों को उनके खाते में सीधे वित्तीय सहायता दी गई, वन नेशन-वन राशन कार्ड के लागू होने से प्रवासी मजदूरों की परेशानी काफी कम हुई है।
प्रधानमंत्री ने मानवाधिकारों की अपने-अपने तरीके से व्‍याख्‍या करने और देश की छवि खराब करने में मानवाधिकारों का इस्तेमाल करने के विरुद्ध सचेत किया। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्‍याख्‍या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं। उन्‍होंने कहा कि एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है, जब उसे राजनीतिक रंग और राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तोला जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार लोकतंत्र केलिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है। उन्होंने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि मानवाधिकार केवल अधिकारों से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह हमारे कर्तव्यों का भी विषय है। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि कर्तव्य भी अधिकारों के समान ही महत्वपूर्ण हैं और उन्‍हें अलग नहीं देखना चाहिए, क्योंकि वे एक-दूसरे के पूरक हैं। प्रधानमंत्री ने भावी पीढ़ियों के मानवाधिकारों की चर्चा करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों और हाइड्रोजन मिशन जैसे उपायों के साथ भारत सतत जीवन और पर्यावरण अनुकूल विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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