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Friday 15 October 2021 02:19:13 PM
ग्वालियर/ नई दिल्ली। भारत की आजादी की पहली लड़ाई में 1858 में प्राण न्योछावर करने वाली वीरांगना झांसी की महारानी रानी लक्ष्मीबाई के सम्मान में और साथ ही 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आजाद भारत की अनंतिम सरकार के गठन की घोषणा की याद में एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय ने आज से 21 अक्टूबर 2021 के बीच महारानी लक्ष्मीबाई स्मारक ग्वालियर से नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक तक एक दौड़ आयोजित की है। संयुक्तता और जीवन दर्शन में 'संयुक्तता के माध्यम से जीत' के आदर्श वाक्य तक छह अधिकारियों और ट्राई-सर्विसेज के एक एनसीओ की टीम ने सात दिन में 350 किलोमीटर की दूरी तय करने का लक्ष्य रखा है।
अमृत महोत्सव समारोह के अंतर्गत रक्षा स्टाफ की टीम का नेतृत्व कमोडोर जोगिंदर चंदना कर रहे हैं, जो 56 साल की उम्र में टीम के सबसे बड़े सदस्य हैं और एक अनुभवी अल्ट्रा मैराथनर भी हैं। उनके कारनामों में 2016 में 36 घंटे में 310 किलोमीटर दौड़ना शामिल है। टीम में दूसरी नौसेना अधिकारी कमांडर मनदीप कौर हैं, जो एक प्रमाणित स्कूबा गोताखोर और एक अनुभवी इंटर-सिटी अल्ट्रा मैराथनर हैं। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व दो पैरा सैनिक कर रहे हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल स्वरूपसिंह कुंतल अल्ट्रा मैराथनर, राष्ट्रीय स्तर के साइकिल चालक, ट्रायथलीट, आयरनमैन तथा अल्ट्रामैन हैं। नायक हरिओम जबलपुर से कांगला तोंगबी प्लेटिनम जुबली रन 2019 के सदस्य थे, जब जबलपुर से सिकंदराबाद की 777 किलोमीटर दूरी तक आयोजित की गई थी।
भारतीय वायुसेना का प्रतिनिधित्व एयर कमोडोर वीएस चौधरी, जिन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 वर्ष के उपलक्ष्य में 2015 में पठानकोट से नई दिल्ली तक वायुसेना अल्ट्रा मैराथन टीम का नेतृत्व किया था और विंग कमांडर पंकज वात्स्यायन के अल्ट्रा मैराथन अनुभव कच्छ के रण में कठिन 160 किलोमीटर की दौड़ में दूसरा स्थान प्राप्त करना शामिल है मिलकर कर रहे हैं। टीम की सबसे कम उम्र की सदस्य फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषभ जीत कौर भाटिया हैं, जो कारगिल विजय की 20वीं वर्षगांठ मनाने केलिए 2019 में कारगिल से कोहिमा तक-45 दिन में 4,500 किलोमीटर की दौड़ी थीं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की उपस्थिति में 21 अक्टूबर 2021 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर समारोहपूर्वक दौड़ का समापन होगा।