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Tuesday 9 November 2021 01:38:34 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से पंढरपुर में श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास किया और कहाकि पंढरपुर की तो आभा, पंढरपुर की अनुभूति और पंढरपुर की अभिव्यक्ति सब कुछ अलौकिक है। उन्होंने कहाकि श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहाकि सतारा, कोल्हापुर, सांगली, बीजापुर, मराठवाड़ा का क्षेत्र, उत्तरी महाराष्ट्र का क्षेत्र इन सभी स्थानों से पंढरपुर आनेवाले श्रद्धालुओं को ये नेशनल हाईवे बहुत मदद करेंगे, एक तरह से ये महामार्ग भगवान विट्ठल के भक्तों की सेवा केसाथ इस पूरे क्षेत्र के विकास का भी माध्यम बनेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इतिहास की उथल-पुथल के दौर में भी भगवान विट्ठल में आस्था अटूट है और आज भी यह यात्रा दुनिया की सबसे प्राचीन जनयात्राओं में एक है, इसे बड़ी संख्या में लोगों द्वारा एकसाथ यात्रा करने के रूपमें देखा जाता है, यह यात्रा हमें सिखाती हैकि मार्ग अलग-अलग हो सकते हैं, पद्धतियां और विचार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य एक होता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है, जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि मुक्त करती है। उन्होंने कहाकि भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी केलिए समान रूपसे खुला है और जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं तो उसके पीछे भी यही भावना है, जो हमें देश के विकास केलिए प्रेरित करती है, सबको साथ लेकर सबके विकास केलिए प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री ने भारत की आध्यात्मिक समृद्धि का उल्लेख करते हुए कहाकि पंढरपुर की सेवा मेरे लिए साक्षात श्रीनारायण हरि की सेवा है, यही वह भूमि है, जहां भक्तों केलिए भगवान आज भी प्रत्यक्ष विराजते हैं, यही वो भूमि है, जिसके बारे में संत नामदेव महाराज ने कहा हैकि पंढरपुर तबसे है, जब संसार की भी सृष्टि नहीं हुई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत भूमि की यह विशेषता हैकि समय-समय पर अलग-अलग क्षेत्रों में ऐसी महान विभूतियां अवतरित होती रहीं, देश को दिशा दिखाती रहीं, दक्षिण में मध्वाचार्य, निम्बार्काचार्य, वल्लभचार्य, रामानुजाचार्य, पश्चिम में नरसी मेहता, मीराबाई, धीरो भगत, भोजा भगत, प्रीतम, उत्तर में रामानंद, कबीरदास, गोस्वामी तुलसीदास, सूरदास, गुरु नानकदेव, संत रैदास, पूर्व में चैतन्य महाप्रभु और शंकर देव जैसे संतों के विचारों ने देश को समृद्ध किया। प्रधानमंत्री ने वारकरी आंदोलन के सामाजिक महत्व पर टिप्पणी करते हुए कहाकि वारकरी आंदोलन की एक विशेषता रही हैकि पुरुषों केसाथ कदम से कदम मिलाकर वारी में चलने वाली बहनें, देश की स्त्री शक्ति! ‘पंढरी की वारी’ अवसरों की समानता का प्रतीक हैं। उन्होंने कहाकि वारकरी आंदोलन भेदभाव को अमंगल मानता है और यही इसका महान ध्येय वाक्य है। प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं से अनुरोध कियाकि वे पालखी मार्गों पर पेड़ लगाएं, पीने के पानी की व्यवस्था करें, इन मार्गों पर अनेक प्याऊ बनाएं, यह काम जनभागीदारी करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकतर वारकरी किसान समुदाय से आते हैं और भारत की संस्कृति को भारत के आदर्शों को सदियों से यहां का धरती पुत्र ही जीवित बनाए हुए है। उन्होंने कहाकि एक सच्चा अन्नदाता समाज को जोड़ता है, समाज को जीता है, समाज केलिए जीता है। उन्होंने कहाकि दिवेघाट से मोहोल तक संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का लगभग 221 किलोमीटर और पतस से टोंडेल-बोंडले तक संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का लगभग 130 किलोमीटर हिस्सा चार लेन का होगा, जिसमें दोनों तरफ 'पालखी' केलिए समर्पित पैदल मार्ग होंगे, जिसकी अनुमानित लागत क्रमश: 6,690 करोड़ रुपये से ज्यादा और लगभग 4,400 करोड़ रुपये होगी। प्रधानमंत्री ने पंढरपुर से कनेक्टिविटी बढ़ाने केलिए विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर 223 किलोमीटर से अधिक की पूर्ण और उन्नत सड़क परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया, जिनकी अनुमानित लागत 1,180 करोड़ रुपये है।
परियोजनाओं में म्हस्वाद-पीलिव-पंढरपुर (एनएच 548ई), कुर्दुवाड़ी-पंढरपुर (एनएच 965सी), पंढरपुर-संगोला (एनएच 965सी), एनएच 561ए का तेम्भुरनी-पंढरपुर खंड और एनएच 561ए का पंढरपुर-मंगलवेधा-उमादी खंड शामिल हैं। इस अवसर पर महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, नारायण राणे, रावसाहिब दानवे, रामदास अठावले, कपिल पाटिल, डॉक्टर भागवत कराड, डॉक्टर भारती पवार, जनरल वीके सिंह, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस, विधायी काउंसिल के चेयरमैन रामराजे नाइक, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री, सांसद, महाराष्ट्र के विधायक, जनप्रतिनिधि, संत और श्रद्धालु कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े।