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'सीएजी बनाम सरकार' मानसिकता बदली!

भविष्य में आंकड़े ही इतिहास को दिशा दिखाएंगे-नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री ने लेखा परीक्षण दिवस कार्यक्रम संबोधित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 16 November 2021 03:11:47 PM

narendra modi addressing at the celebration of first audit diwas

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले लेखा परीक्षण दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा हैकि सीएजी न केवल राष्ट्र के लेखा खातों पर नज़र रखता है, बल्कि उत्पादकता और दक्षता में मूल्यवर्धन भी करता है, इसलिए लेखा परीक्षण दिवस पर विचार-विमर्श और संबंधित कार्यक्रम हमारे सुधार व आवश्यक बदलाव का हिस्सा हैं। उन्होंने कहाकि सीएजी एक ऐसी संस्था है, जिसका महत्व बढ़ गया है और इसने समय बीतने केसाथ एक विरासत विकसित की है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पुराने समय में सूचनाएं कहानियों केजरिए प्रसारित होती थीं, कहानियों के जरिए ही इतिहास लिखा जाता था, किंतु आज 21वीं सदी में आंकड़े ही सूचना हैं और आनेवाले समय में हमारा इतिहास भी आंकड़ों के जरिए ही देखा और समझा जाएगा। प्रधानमंत्री ने आखिर में कहाकि भविष्य में आंकड़े ही इतिहास को दिशा दिखाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहाकि इन महान नेताओं ने हमें बड़े लक्ष्य निर्धारित करना और उन्हें प्राप्त करना सिखाया है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का भी अनावरणकिया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि एक समय था जब देश में लेखा परीक्षण को आशंका और भय केसाथ देखा जाता था, सीएजी बनाम सरकार यह हमारी व्यवस्था की सामान्य सोच बन गई थी, लेकिन आज इस मानसिकता को बदला गया है, आज लेखा-परीक्षण को मूल्य संवर्धन का अहम हिस्सा माना जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पहले देश में बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता की कमी के चलते तरह-तरह के गलत कामकाज होते थे, इसके परिणामस्वरूप बैंकों के फंसे कर्जे बढ़ते गए। उन्होंने कहाकि आपको अच्छी तरह पता हैकि अतीत में फंसे हुए कर्जों को दरी के नीचे कवर करने का कार्य किया जाता था, बहरहाल हमने पूरी ईमानदारी केसाथ पिछली सरकारों का सच देशके सामने रखा, हम समस्याओं को पहचानेंगे तभी तो समाधान तलाश कर पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहाकि आज हम ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जिसमें सरकार सर्वम् की सोच यानी सरकार का दखल भी कम हो रहा है और आपका काम भी आसान हो रहा है। उन्होंने कहाकि संपर्करहित प्रक्रिया, स्वचालित नवीनीकरण, व्यक्ति की उपस्थिति केबिना मूल्यांकन, सेवाओं केलिए ऑनलाइन आवेदन इन सभी सुधारों ने सरकार की अनावश्यक दखलंदाजी को खत्म कर दिया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त कीकि सीएजी ने सरकारी फाइलों और बहीखातों केबीच माथापच्ची करने वाली संस्था की छवि से मुक्ति पा ली है। उन्होंने कहाकि सीएजी आधुनिक प्रक्रियाओं को अपनाकर तेजी से बदल रही है, आज आप उन्नत विश्लेषण उपकरण, जियो-स्पेशल आंकड़ों और सेटेलाइट इमेजरी का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि कोरोना महामारी केखिलाफ देश की लड़ाई भी असाधारण रही है, आज हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चला रहे हैं। उन्होंने बतायाकि कुछ सप्ताह पहले ही देश ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का पड़ाव पार किया है। उन्होंने सुझाव दियाकि इस बड़ी लड़ाई के दौरान जिस तरह काम किया गया, सीएजी को उसका अध्ययन करना चाहिए। कार्यक्रम में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू और डिप्टी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक परवीन मेहता भी उपस्थित थीं।

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