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Saturday 20 November 2021 04:58:54 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के आयोजित स्वच्छ अमृत महोत्सव को संबोधित किया और स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि इस वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कारों का विशेष महत्व है, क्योंकि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहाकि महात्मा गांधी कहा करते थेकि सफाई ईश्वर की भक्ति के समान है, उनके अनुसार स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि गांधीजी की इस प्राथमिकता को भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से एक जन आंदोलन के रूपमें आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहाकि देश को पूरी तरह से स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाने के हमारे प्रयास हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि है। राष्ट्रपति ने कहाकि सफाई मित्रों और सफाई कर्मचारियों ने कोविड महामारी के दौरान भी लगातार अपनी सेवाएं दी हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि सरकार यह सुनिश्चित करने केलिए प्रतिबद्ध हैकि असुरक्षित सफाई कार्यों के कारण किसी भी सफाई कर्मचारी का जीवन खतरे में न पड़े। उन्होंने आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की 'सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज' पहल की सराहना की, जिसे 246 शहरों में सीवर और सेप्टिक टैंक की यांत्रिक सफाई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। उन्होंने आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को सभी शहरों में इस यांत्रिक सफाई सुविधा का विस्तार करने की सलाह दी। उन्होंने कहाकि हाथ से मैला ढोना एक शर्मनाक प्रथा है, इस प्रथा का उन्मूलन न केवल सरकार, बल्कि समाज और नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति ने कहाकि शहरों को साफ रखने केलिए ठोस कचरे का प्रभावी प्रबंधन जरूरी है। गौरतलब हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अक्टूबर 2021 को 2026 तक सभी शहरों को 'कचरा मुक्त' बनाने के लक्ष्य केसाथ 'स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0' शुरू कर चुके हैं। स्पष्ट हैकि एक कचरा मुक्त शहर केलिए जरूरी हैकि घर, गलियां और इलाके कचरा मुक्त रहें।
राष्ट्रपति ने कहाकि इस अभियान की सफलता की जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ सभी नागरिकों की है, हमें यह सुनिश्चित करना होगाकि हर कोई घर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके रखें। राष्ट्रपति ने कहाकि पर्यावरण संरक्षण भारत की पारंपरिक जीवनशैली का अभिन्न अंग रहा है, आज पूरी दुनिया पर्यावरण संरक्षण पर जोर दे रही है,जिसमें संसाधनों को पुन: उपयोग करने और उनके पुनर्चक्रण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि 'वेस्ट टू वेल्थ' के विचार जैसे अच्छे उदाहरण सामने आ रहे हैं और इन क्षेत्रों में कई स्टार्ट-अप सक्रिय रूपसे काम कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि इन क्षेत्रों में उद्यमिता और निवेश को प्रोत्साहित करने केलिए उपयुक्त योजनाएं विकसित की जा सकती हैं।