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हिंदी को विश्‍व में मिली पहचान-डॉ जितेंद्र सिंह

'सरकारी कार्यों में हिंदी भाषा का अधिक से अधिक उपयोग करें'

हिंदी सलाहकार समिति की तेरहवीं बैठक को संबोधित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 26 November 2021 12:16:39 PM

dr jitendra singh addressed the 13th meeting of hindi salahkar samiti

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि हिंदी ही नहीं, बल्कि हमारी सभी भारतीय भाषाएं सांस्‍कृतिक विविधताओं से भरे देश भारत की विराट राष्‍ट्रीयता में अपना एक महत्वपूर्ण स्‍थान रखती हैं, किंतु अपने सरल, असाधारण विस्‍तार और बोलचाल एवं संचार का सशक्‍त माध्‍यम होने के नाते हिंदी देशभर में सबसे ज्‍यादा पढ़ी-लिखी, बोली और समझी जानेवाली भाषा है और यही एक वजह थी, जिसके चलते इसे राजभाषा का सम्‍मान दिया गया है। कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की 13वीं बैठक को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहाकि हिंदी लंबे समय से देश में साहित्‍य, पत्रकारिता, फिल्‍मों, ललित कलाओं, विविध नाट्य रूपों तथा आम बोलचाल का सबसे सशक्‍त माध्‍यम बनकर उभरी है और ना केवल भारत, बल्कि समूचे विश्‍व में पहचान बना रही है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि हम मानते हैंकि सरकारी कामकाज की भाषा के रूपमें हिंदी को व्‍यवहार और प्रयोग में लानेमें हम अपेक्षित प्रगति नहीं कर पाए हैं, यकीनन यह काम बहुत आसान भी नहीं है, चूंकि भारत जैसे विशाल देश की अपनी सामाजिक-सांस्‍कृतिक विविधताएं और विशिष्‍टताएं हैं, जिनका अपेक्षित सम्‍मान करते हुए ही सरकारी कामकाज में हिंदी के अधिक से अधिक उपयोग को सुनिश्चित किया जाना है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि सरकारी कामकाज में राजभाषा का इस्‍तेमाल करना हमारी एक संवैधानिक जिम्‍मेदारी है और हमें इस जिम्‍मेदारी से बचना नहीं चाहिए, बल्कि अधिक से अधिक कार्य हिंदी में करके अपने को गौरवांवित महसूस करना चाहिए। उन्होंने कहाकि हमारा विभाग और इसके नियंत्रणाधीन कार्यालय राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार करने तथा राजभाषा विभाग के वार्षिक कार्यक्रम के अनुसार अपने दायित्‍वों का निर्वहन करते हुए लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने केलिए प्रतिबद्ध हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि हमारे लिए ये गौरव की बात हैकि आप सभी को राजभाषा के संबंध में विशिष्‍ट अनुभव है। उन्होंने कहाकि इस समिति का मुख्‍य उद्देश्‍य राजभाषा हिंदी के प्रगामी प्रयोग की स्थिति में निरंतर सुधार लाने केलिए मंत्रालय को सुझाव देना है, हिंदी सलाहकार समिति के पुनर्गठन के बाद यह पहली बैठक है। डॉ जितेंद्र सिंह कहाकि इस बैठक में भी जो बहुमूल्य सुझाव रखे जाएंगे, उनपर अमल किए जाने का पूरा प्रयास किया जाएगा और हिंदी भाषा और समाज के विविध सरोकारों से जुड़े सुझाव हमारे लिए अमूल्‍य साबित होंगे।

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