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Tuesday 30 November 2021 01:16:32 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों केलिए यूनिक फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा हैकि इससे सेवानिवृत्त और बुजुर्ग नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग प्राप्त करने में आसानी होगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि अपने जीवन का प्रमाणपत्र देने केलिए फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी एक ऐतिहासिक और दूरगामी सुधार है, क्योंकि यह न केवल 68 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को, बल्कि उन करोड़ों पेंशनभोगियों को भी सुविधा प्रदान करेगा, जो इस विभाग के अधिकार क्षेत्रसे बाहर आते हैं जैसे-ईपीएफओ, राज्य सरकार के पेंशनभोगी आदि। उन्होंने पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग केलिए इस प्रकार की तकनीक का निर्माण करने और इसे संभव बनाने केलिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को भी धन्यवाद दिया।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार ने हमेशा सेही सेवानिवृत्त और पेंशनभोगियों सहित समाज के सभी वर्गों केलिए 'ईज ऑफ लिविंग' की वकालत की है, जो अपने सभी प्रकार के अनुभवों और अपने द्वारा प्रदान की गई लंबे वर्षों की सेवा केसाथ राष्ट्र की संपत्ति हैं। उन्होंने कहाकि पेंशन विभाग में कोरोना महामारी केदौरान भी तत्कालिक पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन जारी करने की दिशा में कई प्रकार का सुधार किया गया है। राज्यमंत्री ने कहाकि पेंशन विभाग इस उद्देश्य की प्राप्ति केलिए प्रौद्योगिकी का व्यापक रूपसे उपयोग कर रहा है, चाहे वह डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की शुरुआत हो या भारत सरकार के सभी मंत्रालयों में पेंशन मामलों को आगे बढ़ाने केलिए एक कुशल और सामान्य सॉफ्टवेयर भविष्य की शुरुआत हो। उन्होंने कहाकि इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ को जारी करने और डिजी लॉकर में इसे आगे बढ़ाने की कोशिश ईज ऑफ लिविंग और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि विभाग पेंशनभोगी जागरुकता केलिए ई-बुकलेट जारी कर रहा है और ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर जागरुकता अभियान भी चला रहा है। उन्होंने कहाकि सोशल मीडिया पर सूचनाप्रद फिल्में रिकॉर्ड संख्या में हिट दिखाते हुए बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हो चुकी हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि शिकायत निवारण पोर्टल, सीपीईएनजीआरएएमएस केसाथ कॉलसेंटर अपने आपमें डिजिटलीकरण का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर विभाग ने सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारियों के अनुभवों केबारे में जानकारी प्रदान करने केलिए अनुभव नाम से एक पोर्टल शुरु किया है, जोकि हमारे लिए अब संसाधन का एक बहुत बड़ा आधार बन चुका है। उन्होंने कहाकि पेंशन विभाग ने न केवल पेंशन अदालतों की अवधारणा को प्रस्तुत किया है, बल्कि वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से डिजिटल अदालतों को आयोजित करने केलिए प्रौद्योगिकी का भी लाभ उठाया है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि पेंशन विभाग ने विभिन्न शहरों में पेंशनभोगी संघों को पंजीकृत करने की प्रणाली की शुरुआत की थी और विभिन्न शहरों में पंजीकृत किए गए लगभग 46 संघों केसाथ यह विभाग पेंशनभोगियों केबीच पेंशन नीति केलिए सुधार लाने केबारे में जागरुकता केसाथ पेंशन नीति सुधारों में उनकी सहायता प्राप्त करके अपने आपको मजबूत करने में सक्षम भी रहा है। उन्होंने कहाकि हाल ही में विभाग एनपीएस सेवा से संबंधित नियमों के साथ-साथ एनपीएस के अंतर्गत आनेवाले अधिकारियों केलिए ग्रेच्युटी का नियम भी लाया है। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि सीसीएस पेंशन नियम-1972 की समीक्षा और युक्तिकरण का विशाल कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है और जल्द से जल्द ही इसे जारी कर दिया जाएगा।